सरकारी स्कूलों में राहत की बिजली, घरेलू दर पर आएगा बिल
देहरादून: सरकार राज्य के तकरीबन 22 हजार सरकारी विद्यालयों और उनमें अध्ययनरत लाखों छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत देने जा रही है। अब भारी-भरकम बिलों का भुगतान नहीं होने से विद्यालयों में अंधेरा नहीं पसरेगा। इन विद्यालयों से व्यावसायिक दरों के बजाय घरेलू दरों पर बिजली के बिल लिए जाएंगे।
इस संबंध में मुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने सहमति दी है। वहीं प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक सभी सरकारी विद्यालयों और शिक्षा महकमे के दफ्तरों में एक केवी (किलोवाट), पांच केवी से लेकर दस केवी तक सोलर पैनल लगाने पर भी विचार किया जा रहा है।
सरकारी विद्यालयों से वर्तमान में व्यावसायिक दर से बिजली बिल की वसूली की जा रही है। बिलों के भुगतान की राशि न होने के कारण बड़ी संख्या में ऐसे विद्यालय भी हैं, जिनके कनेक्शन कटे हुए हैं। सरकारी विद्यालयों में बिजली बिल व्यावसायिक दर के बजाय घरेलू दर पर लिए जाने के संबंध में शिक्षा सचिव डॉ भूपिंदर कौर औलख व ऊर्जा सचिव राधिका झा ने अपर सचिव एवं शिक्षा महानिदेशक कैप्टन आलोक शेखर तिवारी को मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से वार्ता करने के निर्देश दिए थे।
अपर सचिव कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने बताया कि उक्त संबंध में मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री ने अपनी सैद्धांतिक सहमति देने के साथ तत्काल प्रस्ताव भी तलब किया है। अब महकमे की ओर से प्रस्ताव तैयार उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को भेजा जाएगा। विद्युत टैरिफ पर निर्णय लेने का अधिकार आयोग को है।उन्होंने बताया कि प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा निदेशालयों को विद्यालयवार, संकुलवार, विकासखंडवार व जिलेवार विद्युत विहीन विद्यालयों और बिजली कनेक्शन कटे विद्यालयों को ब्योरा मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने गुजरात सरकार में विद्युत भुगतान की केंद्रीयकृत प्रणाली को बेस्ट प्रेक्टिसेज के रूप में उत्तराखंड में लागू करने का सुझाव दिया है।
उरेडा के मुख्य परियोजना अधिकारी एके त्यागी ने राज्य के सभी प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालय भवनों व शिक्षा विभाग के कार्यालयों की छत पर एक केवी से लेकर दस केवी तक सोलर पैनल लगाने का प्रस्ताव शिक्षा महकमे को दिया है।
तिवारी ने बताया कि उक्त प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। वहीं मिड डे मील के लिए सोलर कुकर उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।