Breaking News :
>>नाबालिग के साथ बर्बरता की हदें पार, बर्थ-डे पार्टी में बुलाकर नग्न कर पीटा, फिर चटवाया थूक>>बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी के दोनों मुकाबले नहीं खेलेंगे मोहम्मद शमी>>ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने ₹37 करोड़ की लागत के विभिन्न मोटर मार्गो का किया शिलान्यास >>मिड-डे मील में छात्रों को परोसी जायेगी ईट राइट थाली>>अरविंद केजरीवाल ने की एक और चुनावी घोषणा, दिल्ली में 24 घंटे मिलेगा साफ पानी>>26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के मौके पर दिए जाएंगे ‘प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार’ >>महेश बाबू की फिल्म एसएसएमबी 29 पर आया बड़ा अपडेट, जनवरी में शुरु होगी शूटिंग>>नगर निकाय चुनाव में दम आजमाने वाले नेताओं को अब देना होगा अपना आपराधिक ब्योरा>>नीति घाटी में ठंड से जमे नदी, नाले व झरने, पर्यटक आने से खुली कई दुकानें व होम स्टे>>फलों का स्वाद नमकीन क्यों नहीं होता? जानिए खट्टे-मीठे फलों पर नमक डालकर खाना सही या गलत>>22 जनवरी को वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण के लिए मॉक अभ्यास>>ईवीएम मुद्दे पर कांग्रेस को पंचर करने का प्रयास>>उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव की तिथि का किया ऐलान>>नगर निगम, पालिका व पंचायत के आरक्षण की फाइनल सूची जारी>>चकराता में हुई सीजन की दूसरी बर्फबारी, पर्यटक स्थलों पर उमड़े लोग, व्यवसायियों के खिले चेहरे >> कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने स्वामी विवेकानन्द पब्लिक स्कूल के 38वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में किया प्रतिभाग>>तमन्ना भाटिया के प्रशंसकों को मिला तोहफा, ‘ओडेला 2’ का नया पोस्टर जारी>>प्रधानमंत्री मोदी ने ‘रोजगार मेला’ के तहत 71,000 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र>>सर्दियों में भूलकर भी बंद न करें फ्रिज, वरना हो सकता है भारी नुकसान, ऐसे करें इस्तेमाल>>कुवैत ने पीएम मोदी को अपने सबसे बड़े सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ से किया सम्मानित 
उत्तराखण्डताज़ा खबरेंस्वास्थ

डॉ० एन.एस. बिष्ट की सलाह : ‘डेंगू के लक्षणों वाले मरीजों में डेंगू की निगेटिव रिपोर्ट के चलते लक्षणों को नजरअंदाज न करें

सीनियर फिजीशियन डॉ० एनएस बिष्ट ने कहा, ‘बुखार के गंभीर रोगियों को डेंगू की तरह दिया जाय इलाज’

सीनियर फिजीशियन डॉ० एनएस बिष्ट का बड़ा बयान, “डेंगू से पीड़ित मरीजों की रिपोर्ट आ रही है निगेटिव”

आकाश ज्ञान वाटिका, 17 सितम्बर 2022, शनिवार, देहरादून। राज्य के सरकारी अस्पताल बुखार के रोगियों से पटे पड़े हैं। जैसा कि पहले से ही अंदेशा ही था कि सितंबर के महिने में डेंगू अपने चरम पर पहुंच चुका है। मगर इस बार डॉक्टर काफी दुविधा में दिख रहे हैं, कारण है डेंगू के लक्षणों वाले मरीजों में डेंगू की रिपोर्ट का निगेटिव आना या एक साथ ऐंटीजन और दोनों ऐंटीबॉडी का भी पॉजिटिव आ जाना या फिर टाइफाइड की जाँच का पॉजिटिव होना।

जिला अस्पताल कोरोनेशन में सीनियर फिजीशियन डॉ० एन.एस. बिष्ट का कहना है कि अस्पताल आने वाला हर दूसरा व्यक्ति बुखार से पीड़ित है। 10 में से 9 मरीज डेंगू के लक्षणों वाले बुखार से पीड़ित हैं लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि जाँच कराने पर इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव के बजाय निगेटिव आ रही है। यानि मरीाजों में डेंगू पॉजिटिव दर काफी कम है जबकि डेंगू के लक्षण बहुत ज्यादा। डॉ० एन.एस. बिष्ट का कहना है कि अब क्योंकि कोविड-19 ढलान पर है और बाकी वायरल के बुखार ज्यादा गंभीर नहीं होते, ऐसे में बुखार के गंभीर रोगियों को नेगेटिव रिपोर्ट पर भी डेंगू की ही तरह इलाज देना चाहिए ताकि नेगेटिव रिपोर्ट की वजह से किसी मरीज़ के इलाज में लापरवाही न हो।

क्यों आ रही है डेंगू के मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव ? जानिए
इसका एक कारण है : बुखार की मियाद का सही से पता न चल पाना

डॉ० एन.एस. बिष्ट के मुताबिक डेंगू की जाँच सही न आ पाने का कारण डेंगू से दोबारा संक्रमण या फिर टाइप 2 और 4 से संक्रमण हो सकता है। चूँकि 2019 में डेंगू का संक्रमण दुनियाँ में सबसे ज्यादा मामले लेकर आया तो तीन साल बाद यह दोबारा संक्रमण वाले मामलों की तादाद ज्यादा हो सकती है। डॉ० बिष्ट के मुताबिक समय-पूर्व और समय के बाद जाँच कराने से भी निगेटिव रिपोर्ट आ सकती है। जैसे कि एस-1 टेस्ट शुरुआत में नहीं कराने या फिर बुखार छूटने के बाद दोबारा बुखार आने पर कराने से नेगेटिव ही आएगा क्योंकि एंटीज़न टेस्ट 7 दिन के बाद नेगेटिव हो जाता है। एंटीबॉडी टेस्ट 7 दिन से पहले नेगेटिव ही रहता है। बुखार की मियाद का सही से पता न चल पाना इसका एक कारण है

डॉ० एन.एस. बिष्ट के मुताबिक डेंगू मरीजों के पूरे शरीर की मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, बेचौनी, निम्न रक्तचाप, उल्टी, मचली आना, शरीर निढाल हो जाना, त्वचा में हल्की लालिमा या चकत्ते (Rashes), इस फीवर आउटब्रेक के मुख्य लक्षण हैं। नेगेटिव रिपोर्ट के बाद भी स्वेत रक्त कणों की संख्या या टीएलसी के आधार पर बुखार के गंभीर रोगियों का इलाज डेंगू की तरह ही होना चाहिये। डॉ० बिष्ट का कहना है कि टीएलसी डेंगू मरीजों में काफी कम हो सकता है, 2000 से भी कम, साथ ही पित्त की थैली के आसपास पानी जमा होने लगता है। लीवर इंजाएम भी समान्य तौर पर बढ़े हुए मिलते हैं।

➲ इलाज में पेरासिटामोल के अलावा कोई भी दावा नुकसान पहुँचा सकती है।
➲ मरीज़ के शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें।
➲ इसके साथ ही रक्तचाप कम नहीं होने दें।
➲ बेचौनी, थकावट, खड़े नहीं हो पाना निम्न रक्तचाप के मुख्य लक्षण हैं।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.
error: Content is protected !!