Breaking News :
>>यूपी में नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बसपा ने किया बड़ा ऐलान >>हर्ष फायरिंग के दौरान नौ वर्षीय बच्चे को लगी गोली, मौके पर हुई मौत >>अपने सपनों के आशियाने की तलाश में हैं गायिका आस्था गिल>>केदारनाथ विधानसभा सीट पर मिली जीत से सीएम धामी के साथ पार्टी कार्यकर्ता भी गदगद>>क्या लगातार पानी पीने से कंट्रोल में रहता है ब्लड प्रेशर? इतना होता है फायदा>>प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 116वें एपिसोड को किया संबोधित>>क्या शुरू होगा तीसरा विश्व युद्ध? व्लादिमीर पुतिन की धमकी और बढ़ता वैश्विक तनाव>>देहरादून के इस इलाके में देर रात अवैध रुप से चल रहे बार और डांस क्लब पर पुलिस ने मारा छापा>>प्रदेश के खेल इंफ़्रास्ट्रक्चर में मील का पत्थर साबित होगा लेलू में बन रहा बहुउद्देशीय क्रीड़ा हॉल – रेखा आर्या>>गंदे पानी और गंदी हवा गंदी राजनीति का प्रतिफल>>यह जीत केदारनाथ क्षेत्र के जन-जन की जीत : रेखा आर्या>>‘ब्रांड मोदी’ के साथ लोगों के दिलों में तेजी से जगह बनाता ‘ब्रांड धामी’>>महाराष्ट्र में महायुति की प्रचंड जीत सनातन की जीत : महाराज>>प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों से भारत को जानिए प्रश्नोनत्तरी में भाग लेने का किया आग्रह>>डीआरआई की बड़ी कार्रवाई : मुंबई हवाई अड्डे पर 3496 ग्राम कोकीन के साथ एक संदिग्ध को किया गिरफ्तार>>केदारनाथ उपचुनाव : भाजपा की ऐतिहासिक विजय और विपक्ष के झूठ की करारी हार>>तमन्ना भाटिया की ‘सिकंदर का मुकद्दर’ का ट्रेलर जारी, 29 नवंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी फिल्म>>खेल मंत्री रेखा आर्या ने खुद राफ्टिंग कर राष्ट्रीय खेलों की तैयारी का किया निरीक्षण>>पिथौरागढ़ जिले में जमीन की खरीद फरोख्त पर तलब की रिपोर्ट>>कभी देखा है नीले रंग का केला, गजब है इसका स्वाद, जबरदस्त हैं फायदे
सम्पादकीय

आग से मत खेलिए

आकाश ज्ञान वाटिका, शुक्रवार, 24 नवम्बर 2023, देहरादून। गेंद फिर तमिलनाडु के राज्यपाल के पाले में है। अब उनसे अपेक्षा रहेगी कि वे संविधान के प्रावधान एवं उसकी भावना के मुताबिक आचरण करें, ताकि उनके और राज्य सरकार के बीच बढ़ते गए टकराव को हल करने की दिशा में आगे बढ़ा जा सके। विधानसभाओं से पारित विधेयकों को बिना कोई कारण बताए लटकाए रहने के मामले में पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपालों को सलाह दी थी कि वे आग से ना खेलें। सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान की इस व्यवस्था को स्पष्ट किया था कि विधानसभा के पारित विधेयक को राज्यपाल अनिश्चित काल तक अपने पास लंबित नहीं रख सकते। कोर्ट की उस टिप्पणी का एक परिणाम यह हुआ कि तमिलनाडु के राज्यपाल एनआर रवि ने आठ पारित विधेयकों को फिर से विधानसभा को लौटा दिया, जबकि दो विधेयकों को उन्होंने विचारार्थ राष्ट्रपति को भेज दिया।

मगर विसंगति यह रही कि राज्यपाल ने विधेयकों को तमिलनाडु विधानसभा को लौटाते समय यह नहीं बताया कि उन्हें उन पर क्या आपत्ति है और वे उनमें क्या सुधार चाहते हैं। अब तमिलनाडु विधानसभा ने उन सभी विधेयकों को उनके मूल रूप में दोबारा पारित कर दिया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस मौके पर संविधान के अनुच्छेद 200 का हवाला दिया, जिसमें प्रावधान है कि दोबारा पारित विधेयक को मंजूरी देने से राज्यपाल इनकार नहीं कर सकते।

अब गेंद एक बार फिर से राज्यपाल के पाले में है। इस बार उनसे अपेक्षा रहेगी कि वे संविधान के प्रावधान एवं उसकी भावना के मुताबिक आचरण करें, ताकि राज्य में उनके और राज्य सरकार के बीच बढ़ते गए टकराव को हल करने की दिशा में बढ़ा जा सके। इससे वे उन राज्यपालों के लिए भी एक उदाहरण पेश करेंगे, जिनके बारे में यह धारणा बन गई है कि वे निर्वाचित राज्य सरकारों के कामकाज में बेवजह अड़ंगा डाले हुए हैं और संबंधित सरकारों को जनादेश की भावना के मुताबिक काम नहीं करने दे रहे हैं। ऐसी घटनाएं लगातार होने के कारण यह धारणा भी बनी है कि राज्यपाल ऐसा आचरण केंद्र सरकार के इशारे पर कर रहे हैं।

बेशक, राज्यपाल राज्यों में केंद्र का प्रतिनिधि होते हैं। लेकिन उनके कर्त्तव्य और अधिकार संविधान से तय हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कई बार इन संवैधानिक प्रावधानों की उचित व्याख्या की है। उसकी हाल की टिप्पणी भी उसी दिशा में थी। इसलिए उसकी चेतावनी पर सबको ध्यान देना चाहिए। अब इस विवाद का अंत होना चाहिए।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!