दस दिन नहीं चला दून की सड़क पर बीस लाख का ट्रीटमेंट
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देहरादून: आइएसबीटी फ्लाईओवर से लगी राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़क पर एडीबी की सीवर लाइन लाइलाज हो गई है। गड्ढों में तब्दील हुई सड़क को ठीक करने पर 20 लाख रुपये खर्च किए गए। मगर, यह काम दस दिन भी नहीं टिका। अब सीवर का पानी सड़क पर बह रहा है। इससे सड़क भी खराब होने लगी है।
अफसरों की लापरवाही का नमूना आइएसबीटी के पास देखने को मिल रहा है। यहां एडीबी, एनएच और जल संस्थान की लापरवाही से सड़क सीवर के पानी से भरी पड़ी है।
पूर्व में यह प्रकरण आला अधिकारियों तक पहुंचा तो जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने हस्तक्षेप करते हुए एडीबी को सीवर लाइन और एनएच को सड़क ठीक करने के आदेश दिए। इसके लिए पूरे 14 दिन तक हाईवे पर आवाजाही बंद रखी गई। एडीबी ने पंप लगाकर सीवर लाइन का पानी नाले के मार्फत निकाला।
इसके बाद टैंक की मरम्मत कर ढक्कन लगा दिया गया। जबकि एनएच ने भी करीब 30 मीटर सड़क पर सीसी वर्क किया। सीसी वर्क ऐसा किया कि सड़क और नाली आड़ी-तिरछी हो गई है। इससे वाहन दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। वहीं टैंक से सीवर का पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर बह रहा है। पानी के साथ ढक्कन भी हिचकोले खाते दिख रहा है।
एनएच के अधिशासी अभियंता शैलेंद्र कुमार मिश्रा के अनुसार सीवर से खराब हुई सड़क पर सीसी वर्क किया गया है। इस पर 20 लाख रुपये खर्च किए गए थे। जल्दीबाजी में यह कार्य हुआ है। इसे ठीक करा दिया जाएगा।
समन्वय के दिए निर्देश
जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन के अनुसार दोनों विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए दो सप्ताह सड़क बंद रखी गई। इस मामले में दोनों विभागों से रिपोर्ट मांगी जाएगी। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।
आइएसबीटी के अंदर-बाहर गड्ढों से यात्रियों का स्वागत
शहर की छवि को दर्शाने वाला आइएसबीटी इन दिनों गड्ढों से अटा पड़ा है। आइएसबीटी के अंदर से बाहर आने-जाने वाली सड़कों पर 100 से ज्यादा गड्ढे यात्रियों का स्वागत कर रहे हैं। इन गड्ढों में बारिश का पानी भरा हुआ है। जबकि कीचड़ के कारण पैदल चलना मुहाल हो गया है। इसके बाद भी जिम्मेदार मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
राजधानी की सड़कों पर गड्ढे तो आम हो गए हैं। मगर, यहां अंतरराज्यीय बस अड्डा भी गड््ढों से अछूता नहीं है। सहारनपुर और हरिद्वार रोड की गड््ढों वाली सड़क से सफर कर जब यात्री आइएसबीटी पहुंचते हैं तो यहां भी गड्ढे ही नजर आते हैं। स्थिति यह है कि आइएसबीटी में प्रवेश करने वाली सड़क पर 70 से ज्यादा गड्ढे हैं।
इनमें से 23 गड्ढे तो दो मीटर से भी बड़े आकार के हैं। इसी तरह स्टैंड से बाहर आती सड़क पर भी मेन गेट पर पुलिस चौकी तक गड्ढों से अटी पड़ी है। गड्ढों में बारिश का पानी और कीचड़ भरा पड़ा है।
पानी से भरी पार्किंग
बस अड्डे में दो पहिया वाहनों की पार्किंग में पानी भरा हुआ है। यहां पानी भरे गड्ढे से होकर अंदर जाना होता है। जबकि अंदर भी पानी और कीचड़ के बीच वाहन खड़े करना मजबूरी बन गया है।
खराब ट्रक को सड़क पर किया खड़ा
बस अड्डे से बाहर आने वाली दो लेन की सड़क पर एक खराब ट्रक खड़ा है। इससे एक लेन तो पूरी तरह बंद ही हो गई है। इससे कई बाद दुपहिया वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। यह ट्रक कई महीने से यूं ही खड़ा है।
छत से टपक रहा पानी, परिसर में गंदगी
आइएसबीटी की बिल्डिंग जर्जर हाल में पहुंच गई है। बिल्डिंग की छत कई जगह टपक रही है। पानी टपकने से परिसर के अंदर पानी फैला रहता है। इसके अलावा कई जगह कचरा फैला हुआ है। सफाई के लिए दो शिफ्ट में 13-13 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। मगर यह नाकाफी साबित हो रही है।
बारिश थमने के बाद ठीक होगी सड़कें
एमडीडीए सचिव पीसी दु्म्का के अनुसार आइएसबीटी की सड़क, परिसर और बिल्डिंग का काम पीपीपी मोड पर रैमकी को दिया गया है। इस संबंध में रैमकी को साफ-सफाई से लेकर सुरक्षा के कार्य कराने के निर्देश दिए गए हैं। बारिश थमने के बाद सड़कें ठीक करा दी जाएंगी।
बारिश से उधड़ने लगीं शहर की सड़कें
शहर में पिछले कई दिनों से जारी बारिश से हाल ही में पेंटिंग की गई सड़कें उधड़ने लगी हैं। इससे पैचवर्क के कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। मामले में जिलाधिकारी ने भी निरीक्षण के दौरान मिट्टी के ऊपर हो रहे कार्य पर सवाल उठाए थे। नतीजा, सड़क दो दिन की बारिश से ही उखड़ गई।
राजधानी में बारिश थमने के बाद लोक निर्माण विभाग ने गड््ढों वाली सड़क की मरम्मत शुरू की थी। सहारनपुर चौक से प्रिंस चौक, आइएसबीटी से कारगी चौक, रिस्पना से धर्मपुर के बीच, राजपुर रोड समेत अन्य जगह पेंटिंग कार्य किया गया। मगर, दो दिन की बारिश ने यहां पैचवर्क को उखाड़ दिया।
इसके पीछे कार्य की गुणवत्ता खराब बताई जा रही है। इस मामले में जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने भी निरीक्षण करते हुए कंप्रेशर से सड़कों पर लगी धूल-मिट्टी को साफ करने के बाद ही पैचवर्क और पेंटिंग करने के निर्देश दिए थे। मगर, विभाग ने मानकों को ताक पर रखकर लीपापोती करते हुए काम कर दिया। यह सड़कें अब धीरे-धीरे उखड़ने लगी हैं।
लोनिवि के अधीक्षक अभियंता आरसी अग्रवाल का कहना है कि गुणवत्ता में किसी तरह का समझौता नहीं होगा। जहां सड़क उखड़ गई है, वहां दोबारा पैचवर्क कराया जाएगा।