आकाश ज्ञान वाटिका। दीपावली या दीवाली अर्थात “रोशनी का त्योहार” शरद ऋतु में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन हिंदू त्योहार है।दीवाली भारत के सबसे बड़े और प्रतिभाशाली त्योहारों में से एक है। यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाज़ार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं। दिवाली के इस मौके पर लोग/रिश्तेदार एक दुसरे के घर जाकर बधाई व शुभकामनायें देते हैं। घर आये मेहमानों का आदर सत्कार भी इस खुसी के मौके पर कुछ अलग ही, शानदार तरीके से होता है। आइये इस बार घर में मेहमानों का स्वागत कुछ ऐसे स्वादिष्ट व स्वास्थबर्धक पकवानों से करें जो स्वाद और सेहत दोनों में ही मजेदार हों।दिवाली के मौके पर तले-भुने पकवानों को बनाने में मेहनत भी लगती है और स्वाद में ये जरूर बहुत ही अच्छी लगती हैं लेकिन ये स्वास्थ के लिए लाभदायक नहीं होती हैं। स्वाद के कारण त्यौहारों में हम तले-भुने पकवानों जी भर कर खा तो लेते हैं, लेकिन बाद में गैस, एसिडिटी, डायबिटीज़ जैसी कई समस्याओं का भी शिकार हो जाते हैं।
पोस्ता-खोया लड्डू: पोस्ता-खोया के लड्डू स्वादिष्ट व स्वास्थबर्धक पकवानों में से एक है।
- बनाने में लगने वाली सामग्री है: 200 पोस्ता दाना (बारीक पीसा हूआ), 50 ग्राम काजू, 250 ग्राम खोया, 20 ग्राम पिस्ता, 50 ग्राम चिरोंजी, 10 छोटी इलायची, 100 ग्राम चीनी, 100 ग्राम चीनी का बूरा, 2 घी चम्मच, कुछ बूंदे खाने के रंग की और चांदी के वरक ।
- बनाने की विधि: पानी में 2 बडे चम्मच घी गर्म कर भूना-पीसा पोरूता दाना फ्रई करें, इसमें पिस्ते को छोड कर सभी मेवे व 100 ग्राम चीनीमिला लें। ठण्डा कर पोस्ता दाना के छोटे-छोटे गोले तैयार करें, कढाई गरम करें। इसमें खोया भूने खोया ठण्डा कर चीनी का बूरा व खाने का रंग मिलायें। पोस्ता दाना के गोले की संख्या जीतने खोये के मध्यम आकार के गोले बना लें। हथेली में पहले खोये के गोलो को टीक्की का आकार दे। इसमें पोस्ता दाना के गोले को भर कर खोये की टीक्की को गोल आकार दें, और लड्डू बनायें। लड्डूऔ को चांदी के वरक से पूरा लपेट दें, पीस्ते लगा कर सजाएं। यह मिठाई किसी त्योहार या किसी पार्टी के समय बनायें और लोगो में सर्व करें
ठसमें खोया भूने खोया ठण्डा कर चीनी का बूरा व खाने का रंग मिलायें। पोस्ता दाना के गोले की संख्या जीतने खोये के मध्यम आकार के गोले बना लें। हथेली में पहले खोये के गोलो को टीक्की का आकार दे। इसमें पोस्ता दाना के गोले को भर कर खोये की टीक्की को गोल आकार दें, और लड्डू बनायें। लड्ड़ओं को चांदी के वरक से पूरा लपेट दें, पीस्ते लगा कर सजायें। यह मिठाई किसी त्योहार या किसी पार्टी के समय बनायें और लोगो में सर्व करें।
मल्टीग्रेन लड्डू: दिवाली में मेहमानों को खिलाने के लिए मोतीचूर या बेसन नहीं, बल्कि इस बार बनाएं मल्टीग्रेन लड्डू। इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाले चीज़ें न्यूट्रिशन से भरपूर हैं।
- बनाने में लगने वाली सामग्री है: रागी, ज्वार, बाजरा, गेहूं, तिल का पाउडर- 2 कप, गुड़- ¼ कप, देसी घी- 1 चम्मच, इलायची- 2-3 कूटी हुई, बादाम- 5-6 (भुने हुए), अलसी के बीच- 1 चम्मच
- बनाने की विधि: कढ़ाई में घी गर्म कर, मीडियम आंच पर मल्टीग्रेन आटे को अच्छी तरह से भुनें और फिर इसे ठंडा होने के लिए रख दें। अब एक पैन में ¼ कप पानी लें और इसमें गुड़ डालकर इसे पिघलाएं। अगर गुड़ पहले से नरम है तो उसे पिघलाने की कोई खास जरूरत नहीं। अब इस सीरप में इलायची पाउडर मिक्स करें और इसे गाढ़ा होने दें। अब गैस बंद कर दें और सीरप को आटे में मिक्स करें। सीरप को धीरे-धीरे डालें जिससे गांठें न रह जाएं। ड्रायफ्रूट्स मिक्स कर लें। फिर हाथों पर घी लगाएं और इसके लड्डू बना लें। इन्हें ठंडा होने के लिए रखें फिर किसी एयर टाइट डिब्बे में रख दें।
ज्वार-खजूर के लड्डू: ज्वार-खजूर के लड्डू खाने में तो स्वादिष्ट हैं ही साथ में स्वास्थ के लिए लाभदायक भी हैं।
- बनाने में लगने वाली सामग्री है: ज्वार का आटा- ½ कप, खजूर- 10-12 (बीज निकालकर कटे हुए), ड्रायफ्रूट्स- 2-3 चम्मच (बादाम और अखरोट कटे हुए), पानी- ½ कप, घी- 2 चम्मच, अलसी के बीज- ½ टीस्पून
- बनाने की विधि: कढ़ाई में घी डालकर ज्वार के आटे को 5 से 8 मिनट तक सुनहरा होने तक भून लें और ठंडा कर लें। अब कटे हुए खजूर को एक पैन में लें और पानी इसमें पानी डालकर धीमी आंच पर पकाएं। धीरे-धीरे खजूर पूरा पानी सोख लेगा अब इसमें भुने ज्वार का आटा और कटे ड्रायफ्रूट्स मिलाएं। अब इसे आंच से हटाकर साइड में रख हल्का सा ठंडा करें। ध्यान रहें बहुत ज्यादा ठंडा होने पर इनके लड्डू बनाना मुश्किल होगा। हथेलियों पर घी लगाएं और इनके लड्डू बनाएं। इसे आप एयर टाइट डिब्बे में भी रख सकते हैं।
हरा-भरा बेक्ड कबाब: हरा भरा बेक्ड कबाब स्वास्थ के लिए लाभदायक भी है और स्वादिष्ट भी।
- बनाने में लगने वाली सामग्री है: आलू-200 ग्राम, मटर- 1 कप, पालक- 150 ग्राम, अदरक-लहसुन पेस्ट- 2 टीस्पून, गरम मसाला पाउडर- ½ चम्मच, हरी मिर्च- 3, धनिया पत्ती- कटी हुई, अमचूर पाउडर- ¼ चम्मच, तेल- तलने के लिए, नमक- स्वादानुसार
- बनाने की विधि: आलू को उबाल लें अब कढ़ाई में बेसन भून लें। अदरक-लहसुन के पेस्ट को भी भून लें जिससे इसका कच्चापन दूर हो जाए। अब इसमें मटर, हरी मिर्च भी डालकर हल्का पका लें। इसके साथ ही पालक भी मिक्स कर लें। सभी मसालों को इसमें मिक्स करें और भूनें। अब इसे मिक्सर में पीस लें और आलू को मैश कर उसमें ये मिक्सचर और बेसन मिलाकर सॉफ्ट आटा गूंथ लें। अब इसकी छोटे-छोटे बॉल्स बनाएं और हथेली से चपटा कर लें। ओवन को प्रीहीट करे लें और उसमें कबाब को अच्छे से बेक कर लें।
अलसी की पिन्नी: अलसी में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 नाम के अम्ल होते हैं जो आपके शरीर के कोलोस्ट्रोल को संतुलित करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार अलसी के बीज वात, पित्त और कफ को संतुलित करते हैं। अलसी की पिन्नी सर्दियो में खाई जाने वाली एक पौष्टिक मिठाई है। प्रतिदिन 1 या 2 अलसी की पिन्नी खाने से सर्दी, जुकाम, खांसी, जोड़ों के दर्द आदि में फायदा होता है।
- बनाने में लगने वाली सामग्री है: अलसी – 1 कप ( 150 ग्राम), गेहूं का आटा – 1 कप (150 ग्राम), चीनी – 1 कप (200 ग्राम ), घी- ¾ कप (200 ग्राम), अखरोट – 2 टेबल स्पून, गोंद – 2 टेबल स्पून, बादाम – 2 टेबल स्पून, काजू – 2 टेबल स्पून, इलायची – 7 से 8, किशमिश – 1 टेबल स्पून
- बनाने की विधि: कढ़ाही गरम करके इसमें अलसी डालिये। अलसी को लगातार चलाते हुए भून लीजिए। भुनी हुई अलसी को प्लेट में निकालकर ठंडा कर लीजिए और इसके बाद इसे मिक्सी में थोड़ा दरदरा पीस लीजिए। कढ़ाही में 1 टेबल स्पून घी डालिए और आटे को डालकर इसे लगातार चलाते हुए हल्का ब्राउन होने तक भून लीजिए। अब भुने हुए आटे को किसी थाली में निकाल कर रख लीजिये। कढ़ाही में बचा हुआ घी डालकर हल्का गरम कर लीजिए तथा इसमें थोड़ा थोड़ा गोंद डालकर इसे चलाते हुए फूलने तक धीमी आंच पर भून लीजिए। सारा गोंद इसी तरह तलकर निकाल लीजिये। बादाम और काजू को बारीक काट लीजिए एवं इलायची को छीलकर कूटकर पाउडर बना लीजिए। ठंडा होने पर तले हुये गोंद को चकले पर या किसी थाली में बेलन की सहायता से बारीक कर। गोद तलने के बाद जो घी बचा हुआ है उसमें पिसी हुई अलसी को डालिये और कलछी से चला चला कर मीडियम और धीमी आग पर अच्छी महक आने तक भूनिये और थाली में निकाल लीजिये। अलसी पहले से ही भुनी हुई है, तो यह 5 मिनिट में अच्छे से भुन जाती है।
कढ़ाही में चीनी और आधा कप पानी डालिये और चाशनी बनने के लिये रखिये। चीनी घुलने तक चमचे से चलाइये और 1 तार की चाशनी तैयार कर लीजिये। चाशनी टैस्ट करने के लिये चमचे से 1 बूंद चाशनी प्याली में गिराइए और उंगली-अंगूठे के बीच चिपका कर देंखें कि जब ऊगली और अंगूठे को अलग करें तो चाशनी से 1 तार निकलना चाहिये, तब आग बन्द कर दीजिये।
चाशनी में भुना आटा, भुनी अलसी, काटे हुये मेवे, गोंद और इलायची पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें । हल्का गरम रहने पर हाथ से थोड़ा थोड़ा मिश्रण निकालकर लड्डू बनाकर थाली में रखिये। सारे मिश्रण से लड्डू बनाकर तैयार कर लें। लड्डू के ऊपर 1 काजू का टुकड़ा सजावट के लिए लगा दीजिए और प्लेट में रख लीजिए।
घनश्याम चन्द्र जोशी
सम्पादक