उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की मौत की खबर मिलते ही देशभर में गुस्से का ज्वार फूट पड़ा
आकाश ज्ञान वाटिका, ८ दिसम्बर २०१९, उन्नाव । हैदराबाद दुष्कर्म कांड की ज्वाला अभी बुझी भी नहीं थी कि उन्नाव की इस बर्बरतापूर्ण घटना ने देश में हर तरफ आक्रोश की ज्वाला को और भड़का दिए है। शादी के झांसे में आकर सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई 25 वर्षीय युवती की शुक्रवार रात 11.40 बजे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। दुष्कर्म का केस वापस लेने से इन्कार पर उसे गांव के ही पूर्व प्रधान समेत पांच लोगों ने जिंदा जला दिया था। सभी आरोपित जेल में हैं। शनिवार सुबह मौत की खबर मिलते ही देशभर में गुस्से का ज्वार फूट पड़ा। देश के हर कोने से मांग उठ रही है कि दुष्कर्म के आरोपियों को अविलम्ब सजाये-मौत दी जायें।
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की शुक्रवार रात मौत हो जाने के बाद शनिवार रात करीब 9:08 बजे उसका शव गाँव पहुँचा। शनिवार रात को शव गांव पहुंचने के बाद डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय से दुष्कर्म पीड़िता के पिता ने बड़ी बेटी के घर पहुंचने के बाद रविवार सुबह शव को दफनाने के बात की थी। दूसरे दिन बड़ी बहन के आने के बाद परिवार इस जिद पर अड़ गया है कि जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नहीं आते शव नहीं दफनाया जाएगा। साथ ही परिवार ने एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की शर्त भी रख दी है। पीड़िता की बड़ी बहन ने ठीक से इलाज नहीं होने का आरोप भी लगाया है। देर रात बेटी के पहुंच जाने पर सुबह अधिकारी अंतिम संस्कार करने में लिए घर पहुंचे तो पिता ने शव दफनाने से इन्कार कर दिया। पिता के मुताबिक जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घर नहीं आते शव को नहीं दफनाया जाएगा। बड़ी बहन ने भी घर के एक सदस्य को नौकरी और आरोपितों को फांसी देने की शर्त रख दी।
पीड़िता की बहन का कहना है कि पीड़िता ने अंतिम सांस लेते वक्त पूछा था कि सभी गिरफ्तार हुए कि नहीं, उसने सबको सजा दिलाने का वादा भी लिया था। परिवार के मन बदलने के बाद अधिकारियों ने तत्काल इसकी जानकारी शासन के आला अधिकारियों को दी। उसके साथ ही अधिकारी परिवार के रिश्तेदारों के जरिये पिता और बहन को किसी तरह से मनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि इस बीच प्रशसन ने शव को दफनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। इसके कब्र खोदवाई जा रही है।
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की मौत के कारन सियासी हंगामा भी मचा हुआ है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव विधानसभा के सामने धरने पर बैठ गए तो पहली बार बसपा प्रमुख मायावती राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने राजभवन पहुँच गईं। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा पीड़ित परिवार से मिलने उन्नाव पहुँच गईं।