डेरी विकास में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का शुभारम्भ, लाभार्थियों को दिए गए दुधारू पशु
स्वरोजगार से ही आत्मनिर्भर भारत सम्भव ………मुख्यमंत्री
- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में विभिन्न विभागों की योजनायें की गई हैं शामिल।
- उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है जहाँ मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना जैसी योजना प्रारम्भ की गई है।
आकाश ज्ञान वाटिका, सोमवार, 6 जुलाई 2020, देहरादून (सू.ब्यूरो)। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत “समेकित सहकारी विकास परियोजना” व “गंगा गाय महिला डेरी योजना” में दुधारू पशु क्रय कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है जहाँ मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना जैसी योजना प्रारम्भ की गई है। इसमें कोविड-19 से प्रभावित होकर वापिस लौटे प्रवासियों के साथ ही युवाओं और महिलाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। उद्योग विभाग के तहत योजना प्रारम्भ करने के साथ ही अन्य विभिन्न विभागों की योजनाओं को भी इसमें समावेशित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने दूधली में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत “समेकित सहकारी विकास परियोजना” व “गंगा गाय महिला डेरी योजना” में दुधारू पशु क्रय कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
स्वरोजगार से ही आत्मनिर्भर भारत सम्भव
मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए स्वरोजगार की राह पर चलना होगा। हमने प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की है। इसमें ऋण व अनुदान की व्यवस्था की गई है। लगभग 150 प्रकार के काम इसमें लिए गए हैं। लाभार्थी अपनी रूचि और अनुभव के आधार पर इनमें से कोई भी काम शुरू कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मा० प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ रूपए का पैकेज दिया है। इसमें देश के आर्थिक ढाँचे को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया है।
राज्य में भी इसी क्रम में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का न केवल प्रारूप बनाया गया बल्कि इसका धरातल पर क्रियान्वयन भी शुरू किया जा चुका है। जिला योजना में स्वरोजगार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। बद्री गाय के संरक्षण व दुग्ध उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य राज्य में दूध की उपलब्धता को बढ़ाना भी है। इसीलिए निर्णय लिया गया कि योजना के तहत दुधारू पशु राज्य के बाहर से लाए जायेंगे। साथ ही बद्री गाय के संरक्षण पर काम किया जा रहा है। बद्री गाय के घी की बाजार कीमत काफी अधिक है। कोशिश की जा रही है कि इनकी दुग्ध क्षमता को बढ़ाया जा सके। इसमें कुछ सफलता भी मिली है। घर लौटे प्रवासियों के लिए रोजगार के अवसर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की स्थितियों से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में प्रवासी भाईयों को उनके घर पहुँचाया गया है। उनके स्वास्थ्य, भोजन आदि की व्यवस्था की गई। इसके साथ ही इनमें से जो लोग अब उत्तराखण्ड में रहकर ही काम करना चाहते हैं, उनके लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में व्यवस्था की गई है।
मनरेगा में 36 हजार नए रजिस्ट्रेशन करते हुए काम उपलब्ध कराया गया है।
जल जीवन मिशन में मात्र एक रूपए में कनेक्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन योजना में हर घर को नल से जल की आपूर्ति की जाएगी। सरकार की कोशिश है कि लोगों को स्वच्छ पेयजल मिले। वर्तमान में पेयजल कनेक्शन की कीमत 2350 रूपए है। परंतु इतनी राशि हर ग्रामीण द्वारा दिया जाना सम्भव नहीं है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत मात्र एक रूपए में पानी का कनेक्शन दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से लम्बी लड़ाई है। हालांकि हम बेहतर स्थिति में आ गए हैं फिर भी तमाम सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। घर में बड़े बुजुर्गों और छोटे बच्चों का ध्यान रखें, मास्क की अनिवार्यता और फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन करें। 20 हजार दुधारू पशु का लक्ष्य सहकारिता एवं दुग्ध विकास मंत्री
डाॅ० धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जहाँ मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की शुरूआत हुई है। कोरोना की महामारी के बाद उत्तराखण्ड वासियों के लिए मुख्यमंत्री जी ने यह बड़ी सौगात दी है। इस योजना के तहत प्रदेश के लाखों लोगों को रोजगार दिया जायेगा। डेरी विकास विभाग में राष्ट्रीय सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत डेरी क्षेत्र के लिए कुल 444.62 करोड़ रूपए स्वीकृत हैं। इसके तहत राज्य के दुग्ध सहकारी संघों के सुदृढ़़ीकरण, कोल्ड चैन की स्थापना के साथ ही तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध कराने और प्रोत्साहन के लिए ऋण एवं अनुदान की व्यवस्था की गई है। योजना के अंतर्गत लगभग 5400 लाभार्थियों को 20 हजार दुधारू पशु राज्य के बाहर से क्रय कराए जाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के पहले वर्ष चालू वित वर्ष में लगभग 2800 लाभार्थियों को 10 हजार दुधारू पशु क्रय कराए जायेंगे। योजना के तहत इकाई लागत का 65 प्रतिशत ऋण, 10 प्रतिशत लाभार्थी अंशदान और एनसीडीसी व राज्य अंतर्गत संचालित गंगा गाय महिला डेरी योजना से कुल 25 प्रतिशत अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है। दुधारू पशुओं का बीमा पशुधन बीमा योजना में किया जाएगा। पूरे प्रदेश में 500 मिल्क बूध की स्थापना की जा रही है। डेरी के क्षेत्र में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि इस क्षेत्र में प्रदेश के 10 हजार से अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि अगले दो महिने में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पशु मेले लगाये जायेंगे।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड वन पंचायत सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष श्री करन बोहरा, भाजपा के जिलाध्यक्ष श्री शमशेर सिंह पुण्डीर, मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार श्री रवीन्द्र दत्त, सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, निदेशक डेरी विकास श्री जीवन सिंह नगन्याल, दुग्ध संघ से श्री विजय रमोला, श्री हरेन्द्र पाल सिंह आदि उपस्थित थे।