कोविड घोटाले में चिकित्सकों पर कार्रवाई से प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ नाराज़
- प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ की माँग : घोटाले की हो उच्चस्तरीय न्यायिक जाँच
आकाश ज्ञान वाटिका, 29 अगस्त 2021, शनिवार, देहरादून। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने कोरोना जाँच घोटाले की उच्च स्तरीय न्यायिक जाँच की माँग की है। न्यायिक जाँच पूरी होने तक चिकित्सकों पर कार्रवाई न करने की भी माँग संघ ने की है। मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव व स्वास्थ्य महानिदेशक को भेजे ज्ञापन में संघ पदाधिकारियों ने कहा कि सभी कमियों या जाँच में ठीकरा हमेशा चिकित्सकों पर ही फोड़ा जाता रहा है।
इस एक तरफा कार्रवाई का संघ विरोध करता है। भविष्य में संबंधित चिकित्सकों की वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए प्रकरण में उनसे उच्च स्तर के अधिकारियों से ही जांच कराई जाए।
संगठन के प्रांतीय महासचिव डॉ० मनोज वर्मा ने कहा कि सीडीओ हरिद्वार की जाँच के आधार पर मेलाधिकारी डॉ० ए.एस. सेंगर व अपर मेलाधिकारी डॉ० एन.के. त्यागी पर कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
संघ का मानना है कि डॉ० सेंगर व डॉ० त्यागी ने जो भी निर्णय लिए या कार्य किए वह उच्चाधिकारियों के लिखित व मौखिक निर्देशों के बगैर नहीं किए गए होंगे। ऐसे में संघ इस मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जाँच की माँग करता है।
कोविड नियंत्रण की विषम परिस्थितियों में इन अधिकारियों की सेवाओं को ध्यान में रखते हुए न्यायिक जाँच पूरी होने तक उनपर कार्रवाई न की जाए।
उन्होंने कहा कि एसपीएस चिकित्सालय ऋषिकेश के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ० एन.एस. तोमर पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पद से हटा दिया गया था। फिर संयुक्त चिकित्सालय, नरेंद्रनगर में दो चिकित्सकों के पूरे कोविड-19 नियंत्रण में कार्य करने के बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए लिख दिया गया। अन्य मामलों में भी चिकित्सकों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की जा रही रही है। जबकि कोविड नियंत्रण में सभी चिकित्सकों ने संक्रमण के खतरे के बावजूद, सीमित संसाधनों के साथ पूरे समर्पण से अनवरत अपनी सेवायें दी हैं।
अभी तीसरी लहर की संभावना भी बनी हुई हैं पर इस तरह चिकित्सकों का मनोबल गिरेगा और तीसरी लहर के प्रभावी नियंत्रण में भी समस्यायें आयेंगी।
इस सन्दर्भ में सभी निर्णय संघ की बैठक के बाद लिए गए। बैठक आज सुबह 9 बजे कोरोनेशन हॉस्पिटल में आयोजित की गयी थी, बैठक में डॉ० नरेश नपलच्याल, डॉ० एसएन सिंह, डॉ० प्रदीप राणा, डॉ० आशुतोष भारद्वाज, डॉ० प्रताप रावत, डॉ० पंकज शर्मा, डॉ० पीयूष त्रिपाठी, डॉ० मनु जैन, डॉ० आलोक जैन, डॉ० आर.के. टम्टा, डॉ० मुकेश राय, डॉ० संजीव कटारिया, डॉ० परमार्थ जोशी द्वारा प्रतिभाग किया गया।