आकाश ज्ञान वाटिका, 9 नवम्बर 2020, सोमवार। रिपब्लिक टीवी के प्रमुख अर्णब गोस्वामी के लिए देशव्यापी आवाज उठ रही है। देश के विभिन्न शहरों में पत्रकार की गिरफ्तारी का जोरदार विरोध किया जा रहा है। इसके अलावा एक पीटिशन लाया गया है जो अर्णब की रिहाई के लिए है। इस बीच मेजर जनरल बख्शी ने कहा है कि वे सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास जाएंगे। बॉम्बे हाई कोर्ट में सोमवार को अर्णब गोस्वामी और दो अन्य लोगों की तरफ से दायर अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई की जाएगी। जस्टिस एस. एस. शिंदे तथा जस्टिस एम. एस. कार्णिक की पीठ ने शनिवार को याचिकाओं पर दिनभर चली सुनवाई के बाद तत्काल कोई राहत दिए बिना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बता दें कि इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में पिछले सप्ताह बुधवार को अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उनके खिलाफ महिला पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट करने के आरोप में एक और FIR दर्ज की गई। मिली खबर के अनुसार, 53 साल के इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गत बुधवार को अर्णब को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है जहां आज जमानत के लिए हाईकोर्ट में सुनवाई की जाएगी।
रविवार को अर्णब को अलीबाग से तलोजा जेल ले जाया गया। जेल जाने के दौरान वैन में सवार अर्णब ने कहा था कि उनकी जान को खतरा है। साथ ही यह भी कहा कि उनके वकीलों से उन्हें मिलने नहीं दिया जा रहा है। साथ ही अर्णब ने आरोप लगाया कि उनके साथ मार-पीट की गई है।
वर्ष 2018 में मुंबई के इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुदिनी ने आत्महत्या कर लिया था। मौके से बरामद सुसाइड नोट में अर्णब समेत 3 लोगों पर आरोप लगाया गया था जिसके अनुसार अर्णब और दूसरे आरोपियों ने अन्वय नाइक को अपने कई प्रोजेक्ट के लिए डिजाइनर नियुक्त किया था। हालांकि इसके लिए डिजाइनर को करीब 5.40 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया। जिसके कारण डिजाइनर अन्वय नाइक की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और उन्होंने सुसाइड कर लिया।
सुसाइउ नोट में यह स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि तीन कंपनियों ने डिजाइनर को भुगतान नहीं किया था। इसके अनुसार, अर्णब रिपब्लिक मीडिया पर उसके 83 लाख रुपये, फिरोज शेख की आईकास्टएक्स/स्काईमीडिया पर चार करोड़ रुपये एवं नीतेश शारदा के स्मार्टवर्क्स पर 55 लाख रुपये बकाया होने का आरोप है।
रायगढ़ पुलिस ने करीब एक साल इस मामले की जांच करने बाद अप्रैल 2019 में यह कहते हुए मामला बंद कर दिया था कि उसे जांच में आरोपियों के विरुद्ध कोई तथ्य नहीं मिला है। केस बंद किए जाने के बाद अन्वय का परिवार करीब साल भर चुप्पी साधे रहा। फिर मई 2020 में अन्वय की पुत्री आज्ञा नाईक ने राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख से मिलकर इस मामले की पुनः जांच की मांग उठाई। देशमुख कहते हैं कि अन्वय की पुत्री आज्ञा ने मुझसे शिकायत की कि अलीबाग पुलिस ने उसके पिता के सुसाइड नोट में बताए गए बकाया भुगतान के संबंध में कोई जांच नहीं की है तब मैंने सीआईडी को इस मामले की पुनः जांच के आदेश दे दिए हैं।