कोरोना महामारी के बीच असली हीरो बन गए, आइए जानते हैं ऐसे ही पाँच रियल हीरोज़ के बारे में
आकाश ज्ञान वाटिका, 28 मई 2020, गुरुवार। कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश की आर्थिक स्थिति चिंताजनक है। डेली वेज वर्कर्स और आम आदमी के सामने महामारी के साथ रोजगार का भी बड़ा संकट खड़ा हो गया है। इस संकट के समय में कई बॉलीवुड सेलेब्स मदद के लिए आगे आए हैं। फ़िल्मी पर्दे के हीरो लोगों के लिए असली हीरो बन गए हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही पांच रियल हीरोज़ के बारे में…
सोनू सूद- महामारी और संकट के दौरान सोनू सूद लोगों के लिए मसीहा बन गए हैं। वह इस वक्त प्रवासी मजूदरों को मुंबई से उनके घर भेजने का काम कर रहे हैं। इससे पहले वह शक्तिअन्नदानम् मुहिम के जरिए रोजाना 45 हजार लोगों को खाना भी उपलब्ध करा चुके हैं। वह अपना एक होटल भी मेडिकल स्टॉफ के लिए खोल चुके हैं।
अक्षय कुमार- अक्षय कुमार ने सीधे मदद के बजाय पीएम केयर फंड का रास्ता चुना। पीएम केयर फंड में उन्होंने 25 करोड़ रुपये दान किये। आर्टिस्ट्स की मदद के लिए 45 लाख रुपये दिए। पुलिस को 2 करोड़ और बृहन्मुंबई नगर निगम को 3 करोड़ रुपये की मदद की। इसके अलावा कुछ जरूरी सामान भी उपलब्ध कराए।
सलमान ख़ान- सलमान ख़ान भी हमेशा अपनी मदद के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 25000 वर्कर्स के बैंक खातों में दो किश्त में 3-3 हजार रुपये भेजे। इसके अलावा उन्होंने कुछ गावों वालों को राशन भी उपलब्ध कराया। ईद के मौके पर 5000 परिवारों को फूड किट्स बांटकर मदद की। इसके अलावा कई जूनियर आर्टिस्ट, हमशक्ल कलाकार की भी मदद कर चुके हैं।
शाहरुख ख़ान- शाहरुख ख़ान उन सेलेब्स में शामिल हैं, जिन्होंने इस महामारी को दौरान कई तरीकों से लोगों की मदद की। उन्होंने 25000 पीपीई किट दान किए। दिल्ली के सरकारी फंड और संगठनों को आर्थिक मदद की। फूड पैक्ट्स बांटे। मुंबई स्थित अपना चार मंजिला ऑफिस भी बीएमसी को क्वारंटाइन सेंटर बनाने के लिए दे दिया। इसके अलावा उन्होंने कई किस्म से मदद की।
रितिक रोशन- रितिक रोशन ने भी कोविड-19 के प्रकोप के दौरान लोगों की काफी मदद की। उन्होंने सहायता निधि में 20 लाख रुपये का योगदान दिया। स्टार्स की फोटो खींचने वाले प्रोफेशनल फोटोग्राफस की मदद के लिए भी रितिक रोशन आगे आए। उन्होंने करीब 1 लाख लोगों तक खाना मुहिया करवाया। इसके अलावा मुंबई पुलिस को हैंड सैनिटाइज़र भी दिया।
गौरतलब है कि इनके अलावा भी फ़िल्मी कलाकार हैं, जो अपने-अपने स्तर पर लोगों की मदद कर रहे हैं। कुछ निजी स्तर पर मदद कर रहे हैं, तो कुछ एसोसिएशन और संस्थानों के जरिए अपना योगदान दे रहे हैं।