सहकारिता मंत्री डॉ० धन सिंह रावत ने कहा, “उत्तराखंड के सहकारी बैंकों में लागू होगा गुजरात मॉडल”
सहकारिता मंत्री डॉ० धन सिंह रावत ने गुजरात के ‘मॉडल कॉपरेटिव विलेज’ प्रोजेक्ट की ली जानकारी।
गुजरात के अधिकारियों से साझा की राज्य में संचालित सहकारी क्षेत्र की विभिन्न योजनायें
आकाश ज्ञान वाटिका, 9 मई 2022, सोमवार, गुजरात/देहरादून। गुजरात स्थिति नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में आज सहकारिता मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने गुजरात राज्य सहकारी बैंक एवं नाबार्ड द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी ली। उन्होंने गुजरात राज्य सहकारी बैंकों के प्रॉफिट मॉडल एवं बैंकों के एनपीए कम करने की रणनीति को भी जाना। साथ ही नाबार्ड एवं गुजरात राज्य सहकारी बैंक द्वारा संचालित ‘मॉडल कॉपरेटिव विलेज’ पायलट प्रोजेक्ट के बारे में भी जानकारी हासिल की। राज्य में सहकारी बैंकों में एनपीए कम करने के लिए गुजरात मॉडल को लागू किया जायेगा। उन्होंने सहकारी क्षेत्र की बेहतरी के लिये दोनों राज्यों के मध्य भविष्य में जानकारी साझा करने का सुझाव बैठक में रखा।
सूबे के सहकारिता मंत्री डॉ० धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि गुजरात राज्य सहकारी बैंकों की भांति उत्तराखंड के सहकारी बैंको को भी प्रॉफिट में लाया जायेगा, इसके लिए राज्य में भी गुजरात मॉडल पर काम किया जायेगा। उन्होंने बताया कि गुजरात प्रवास के दौरान एक बैठक में नाबार्ड एवं गुजरात राज्य सहकारी बैंक द्वारा सहकारिता के क्षेत्र में संचालित विभिन्न योजनाओं का प्रस्तुतिकरण दिया गया, जिसमें बताया गया कि गुजरात राज्य सहकारी बैंकों में नॉन-परफॉमिंग एसेट्स (एनपीए) को कम करने एवं बैंकिंग प्रणाली में व्यापक सुधार के लिए ठोस प्रयास किये गये जिसके उपरांत विगत 10 वर्षों से गुजरात के सहकारी बैंक मुनाफे में हैं। सहकारिता मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड में भी पिछले पांच वर्षों में कई सहकारी बैंकों ने बेहत्तर प्रदर्शन कर शुद्ध लाभ अर्जित किया, जो बैंक घाटे में रहे उनकी स्थिति में सुधार कर एवं एनपीए स्तर को कम करके उन्हें प्रॉफिट में लाया जायेगा। उन्होंने बताया कि नाबार्ड एवं गुजरात राज्य सहकारी बैंक द्वारा गुजरात में ‘मॉडल कॉपरेटिव विलेज’ पायलट प्रोजेक्ट संचालित किया जा रहा है। जिसे केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा 10 अप्रैल 2022 को लांच किया गया। इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट के अंतर्गत छह गांव एवं छह पैक्स को गोद लेकर उनका विकास किया जा रहा और गांव के प्रत्येक परिवार को आय के साधन उपलब्ध कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होने कहा कि भविष्य में इस प्रकार की योजना राज्य में भी संचालित की जायेगी। डॉ0 रावत ने गुजरात राज्य सहकारी बैंक एवं नाबार्ड के प्रयासों की सराहना कर सहकारिता क्षेत्र में निरंतर सुधार के लिए विचारों के आदान-प्र्रदान पर जोर दिया। उन्होंने राज्य में संचालित सफल योजनाओं से गुजरात राज्य सहकारी बैंक एवं नाबार्ड के अधिकारियों को अवगत कराते हुए मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना, शत-प्रतिशत पैक्स कम्प्यूटराईजेशन, महिला बैंक की शाखा खोलना, 6.5 लाख किसानों को शून्य ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने सहित ऋण वसूली के लिए संचालित विशेष अभियान की जानकारी भी साझा की।
इस अवसर पर नाबार्ड के सीजीएम ज्ञानेंद्र मणि, गुजरात राज्य सहकारी बैंक के सीईओ प्रदीप बोरा, महाप्रबंधक बी.के. सिंगला, महाप्रबंधक मनोज पटेल, सी. सारस्वत, एम.पी. सिंह, वी.के. शर्मा, श्वेता पटेल, आशा चन्द्रा आदि अधिकारी उपस्थित रहे।