नागरिकता कानून के विरोध में कांग्रेस ने निकाली देश के कई हिस्सों में रैली
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर अभी भी देश में विरोध जारी है। देश के कई हिस्सों में लोग इसका विरोध करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। आज (शनिवार) को कई हिस्सों में लोगों ने प्रदर्शन रैली निकाली है।तमिलनाडु में तौहीद जमात ने Citizenship Amendment Act के खिलाफ विरोध मार्च निकाला। जिसमें कई हजार लोगों ने हिस्सा लिया। इस दौरान लोगों ने अपने हाथों में झंड़े और कानून के विरोध में लिए नारों के पोस्टर लिए हुए थे। दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी मुंबई में इस कानून के खिलाफ मार्च का आयोजन किया है।
केरल में भी विरोध जारी
विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ अपने विरोध को तेज करते हुए केरल में कांग्रेस ने शनिवार को यहां राजभवन तक महा रैली निकाली, जिसमें पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम सहित विभिन्न नेताओं ने भाग लिया।
शहीद स्तंभ से शुरू हुई रैली का नेतृत्व चिदंबरम के अलावा केपीसीसी अध्यक्ष, मुल्लापल्ली रामचंद्रन, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने किया। सांसद और विधायक सहित पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने इसमें भाग लिया।
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बंद की गई इंटरनेट सेवा
शुक्रवार को एक बार फिर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था। हालांकि, शुक्रवार देर रात इन्हें फिर से बहाल कर दिया गया। दरअसल, इससे पहले हुई हिंसा को लेकर एतहात के तौर पर ये फैसला लिया गया था। इससे पहले शुक्रवार के ही दिन उत्तर प्रदेश के कई जिलों में काफी हिंसा हुई थी। इस दौरान करीब 18 लोगों की मौत भी हो गई थी।
भाजपा ने निकाली समर्थन रैली
असम बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को मोरीगांव जिले के जगरोड इलाके में नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में चार किलोमीटर लंबी मेगा रैली निकाली। इस विशाल रैली का नेतृत्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और राज्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा कर रहे थे।
स्थानीय निवासियों, भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों सहित 50,000 से अधिक लोगों ने चार किलोमीटर लंबी इस रैली में भाग लिया, जो कि जगरोड कॉलेज खेल के मैदान से शुरू हुई थी और यहां के काइचुकी लोअर प्राइमरी स्कूल के खेल के मैदान में संपन्न हुई। सोनोवाल और सरमा सहित कई नेताओं ने भी यहां सभा को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर कहा कि रैली में भाग लेने के बाद असम के लोग शांति और प्रगति चाहते हैं।