मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रदेशवासियों का आभार व्यक्त किया
- सरकार के ये तीन साल, विकास के तीन साल : बातें कम – काम ज्यादा ।
- मुख्यमंत्री ने राज्य आंदोलनकारियों और मातृशक्ति को नमन किया ।
आकाश ज्ञान वाटिका। देहरादून, १७ मार्च, २०२०(सू. ब्यूरो)। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर सहयोग के लिए प्रदेशवासियों का आभार व्यक्त किया है। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने राज्य आंदोलनकारियों और मातृशक्ति को नमन किया है।
[box type=”shadow” ]“तीन साल पहले आप सभी के आशीर्वाद से जब हमने सरकार सम्भाली, यहाँ के नीति निर्माण में उत्तराखण्ड राज्य की मूल भावना का अभाव था। हमने आते ही दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा। हाल ही में गैरसैंण में आयोजित विधानसभा सत्र राज्य के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा। गैरसैंण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का निर्णय राज्य आंदोलनकारियों, माताओं-बहनों को समर्पित है।” …………..मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत [/box]
हमारा ध्येय : बातें कम – काम ज्यादा
- हमने प्रदेश की महान जनता से कुछ वायदे किए थे। मैं आज पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि हमने इन तीन साल में ही 70 फीसदी वायदे पूरे कर दिए हैं। हम अपने सभी वायदों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। हम काम में विश्वास करते हैं। हमारी सरकार के ये तीन साल, विकास के तीन साल रहे। हमारा ध्येय वाक्य रहा है, बातें कम – काम ज्यादा।
डबल इंजन का असर
- माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से हमारी सरकार के तीन साल में बहुत से ऐसे काम हुए हैं, जो कि पहले मुमकिन नहीं लग रहे थे। डबल इंजन का असर साफ-साफ देखा जा सकता है। केंद्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख करोड़ रूपए की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं। इनमें बहुत सी योजनाओं पर तेजी से काम भी चल रहा है। इनमें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, चारधाम सड़क परियोजना ऑल वेदर रोड, केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण, भारतमाला परियाजना, जमरानी बहुद्देशीय परियोजना, नमामि गंगे, देहरादून स्मार्ट सिटी आदि प्रमुख हैं।
रिवर्स पलायन – ग्रामीण विकास और पलायन आयोग का गठन
- पर्वतीय राज्य की अवधारणा से बने उत्तराखण्ड में पहली बार किसी सरकार ने पलायन को रोकने पर ही नहीं बल्कि रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से काम शुरू किया है। एमएसएमई के केंद्र में पर्वतीय क्षेत्रों को रखा गया है। ग्रामीण विकास और पलायन आयोग का गठन किया गया। सीमांत तहसीलों के लिए मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना शुरू की है।
वर्चुअल क्लासेज
- राजकीय स्कूलों में एनसीईआरटी का सिलेबस लागू करने के साथ ही क्वालिटी एजुकेशन के लिए स्मार्ट क्लासेज भी शुरू की गई हैं। राजकीय स्कूलों में वर्चुअल क्लासेज शुरू की गई हैं।
हैल्थ एंड वैलनैस सेंटर
- पर्वतीय क्षेत्रों में डॉक्टरों की संख्या पहले से दोगुनी की गई। टेलीमेडिसीन और टेलीरेडियोलोजी भी फायदेमंद साबित हो रही हैं। ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य उपकेंद्रों का हैल्थ एंड वैलनैस सेंटर के रूप अग्रेडेशन कर रहे हैं। सभी 670 न्याय पंचायतों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। इससे ग्रामीण आर्थिकी मजबूत होगी। किसानों और महिला स्वयं सहायता समूहों को ब्याज रहित ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
होम स्टे – बहुप्रचारित कन्सेप्ट
- होम स्टे की कन्सेप्ट को बहुप्रचारित किया जा रहा है। 13 डिस्ट्रिक्ट-13 डेस्टीनेशन से नए पर्यटन केंद्रों का विकास हो रहा है। पंजीकृत होमस्टे को घरेलू दर पर बिजली व पानी की व्यवस्था की गई है। लगभग 2100 होमस्टे पर्यटन विभाग में पंजीकृत किए जा चुके हैं। इनकी मार्केटिंग के लिए मेक माई ट्रिप से एमओयू किया गया है।
ग्रामीण युवाओं की आजीविका
- जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 3900 जैविक क्लस्टरों में काम शुरू किया गया है। सौर ऊर्जा और पिरूल ऊर्जा नीति, ग्रामीण युवाओं की आजीविका में सहायक होगी।
सड़क, रेल व एयर कनेक्टीवीटी में विस्तार
- सड़क, रेल व एयर कनेक्टीवीटी में विस्तार किया जा रहा है। आल वेदर रोड़, भारतमाला परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना गेम चेंजर बनने जा रही हैं। एयर कनेक्टीवीटी पर विशेष जोर दिया गया है। 2022 तक सभी गांवों को सड़क से जोड़ने का लक्ष्य रखा है।
सौभाग्य योजना
- सौभाग्य योजना से घर-घर बिजली पहुंचा दी गई है।
हर घर को नल से जल
- प्रदेश के 15.09 लाख परिवारां को ‘‘हर घर को नल से जल’’ दिलाने की योजना शुरू की है। तीन वर्षों में ये लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।
जल संरक्षण और जल संवर्धन
- जल संरक्षण और जल संवर्धन पर काफी काम शुरू किया गया है। ग्रेविटी वाली पेयजल योजनाओं पर हमारा फोकस है। हाल ही में उत्तराखण्ड वाटर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट को भारत सरकार द्वारा सैद्धांतिक सहमति दी गई है।
अनेक साहसिक निर्णय
- मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्ष में हमारी सरकार ने राज्य हित को देखते हुए अनेक साहसिक निर्णय लिए हैं। देवस्थानम चारधाम बोर्ड का गठन और ट्रांसफर एक्ट सहित महत्वपूर्ण संस्थागत सुधार किए गए हैं।
सरकार की नीति का प्रमुख आधार – सुशासन और भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलरेंस
- सुशासन और भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलरेंस हमारी नीति का प्रमुख आधार रहे हैं। हमने भ्रष्टाचाार और माफिया तत्वों को सत्ता के करीब भी नहीं फटकने दिया है। इन तीन वर्षों में राज्य के विकास की न सिर्फ दिशा तय हुई है बल्कि काम भी दिखने लगा है।
समाज के हर तबके का ख्याल
- हमने समाज के हर तबके का भी ध्यान रखा है। विकास का लाभ अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने का ईमानदारी से पूरा प्रयास किया है।
[box type=”shadow” ]
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में उत्तराखण्ड ने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया है। राष्ट्रीय फलक पर उत्तराखण्ड अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहा है। तीन वर्षों में मिले पुरस्कार इस बात की पुष्टि करते हैं। हमारी सरकार ने राज्य में निवेश लाने के लिए पूरा होमवर्क करते हुए गम्भीरता से काम किया। राज्य गठन के बाद पहली बार बड़े स्तर पर इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गय तथा खुद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इसका उद्घाटन किया और स्पिरिचुएल इको जोन की कन्सेप्ट सामने रखी। पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए पर्यटन, आयुष व वेलनेस, आईटी, सौर ऊर्जा सहित सर्विस सेक्टर पर विशेष फोकस किया गया है।
हमारे गांव फिर से समृद्धि के केंद्र बनें, इसके लिए हम दिन-रात काम कर रहे हैं। हमें आप सभी का भी मार्गदर्शन और सहयोग चाहिए। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले दो साल में उत्तराखण्ड में आप गैरसैण भावना को साकार होता देखेंगे।[/box]
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में पूरा विश्व कोरोना वायरस से संघर्ष कर रहा है। उत्तराखंड को कोरोना के प्रभाव से मुक्त रखने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए गए हैं। कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है, बस सतर्कता बरतें। सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करें।
सम्बन्धित खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें : https://akashgyanvatika.com/sarkar-ke-teen-sal-pure-baiten-kam-kam-jyada/