भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू किए गए बच्चे सीख रहे कंप्यूटर व संगीत के सुर
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डीएम के प्रयासों से मासूम बचपन को मिल रही दिशा
देहरादून । राज्य के पहले आधुनिक इन्टेंसिव केयर शेल्टर में भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को रेस्क्यू कर आखर, तकनीकी ज्ञान, संगीत एवं अन्य गतिविधि के माध्यम से मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है। साधुराम इंटर कॉलेज में भिक्षावृत्ति से मुक्त किए गए बच्चों को अन्य बच्चों की भांति मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मॉडल इन्टेसिव केयर शेल्टर को युद्धस्तर पर विकसित किया जा रहा है।
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इसमें बच्चों के शैक्षणिक एवं कौशल विकास को विकसित करने हेतु स्वंयसेवी, विशेषज्ञों द्वारा बच्चों के सर्वागीण विकास में योगदान दिया जा रहा है। इन्टेसिंव केयर शेल्टर में जहां बच्चों के लिए पठन-पाठन हेतु कक्षा कक्ष को विकसित किया गया। साथ ही परिसर में कम्प्यूटर उपकरण स्थापित कर दिए गए हैं । आधुनिक इन्टेंसिव केयर शेल्टर का उद्देश्य इन बच्चों को शैक्षिक विकास हेतु रूचि उत्पन्न करने हेतु आदर्श वातावरण तैयार कर शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने कार्य किया जा रहा है।
साधुराम इन्टर कालेज में बनाए गए राज्य के पहले आधुनिक इन्टेसिंव केयर शेल्टर में कम्प्यूटर रूम व म्यूजिक रूम तैयार कर लिया गया है।
आधुनिक इन्टेंसिव केयर शेल्टर में प्रतिदिन 25-30 बच्चे कक्षाओं में पढ़ रहे हैं। अपने भविष्य को संवारने का कार्य कर रहे हैं। शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों में रेस्क्यू किये बच्चों सहित संस्थानों एवं घरों से भी बच्चे आ रहे हैं। इस मुहिम से जहां बच्चों में शिक्षा के प्रतिरूचि बढ़ रही है वहीं संगीत, चित्रकला, कम्प्यूटर ज्ञान, खेल के माध्मय से बच्चों को मुख्यधारा में जोड़ा जा रहा है। आधुनिक केयर शेल्टर में निजी स्कूल/संस्थान की भांति सुविधाएं विकसित की गई हैं।