मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस नेता राहुल गाँधी पर साधा निशाना, कहा – ‘अपनी बुद्धि से तो कुछ कहते नहीं, उधार की बुद्धि विवेक नहीं देती’
आकाश ज्ञान वाटिका, 27 मार्च 2021, शनिवार, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपनी बुद्धि से तो कुछ कहते नहीं हैं। उधार की बुद्धि विवेक नहीं देती। लिहाजा वह अपनी पार्टी के पतन का कारण बन रहे हैं।
दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये टिप्पणी की, “राहुल गाँधी को यूपी की जमीनी हालात के बारे में कम जानकारी” उनके नेतृत्व वाली राज्य सरकार की राहुल द्वारा आलोचना के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, चूंकि राहुल गांधी यदाकदा ही राज्य का दौरा करते हैं, इसलिए उन्हें जमीनी हालात के बारे में कम जानकारी ही होगी। जब देश संकट का सामना करता है तो राहुल को देश के लोग याद नहीं आते बल्कि इटली में उनकी नानी याद आती हैं।
आदित्यनाथ ने कहा, ‘जब वह दक्षिण (भारत) में होते हैं तो उत्तर की आलोचना करते हैं और जब उत्तर में होते हैं तो दक्षिण की आलोचना करते हैं।’ याद दिला दें कि राहुल गांधी ने 2019 का लोकसभा चुनाव केरल के वायनाड और उत्तर प्रदेश के अमेठी से लड़ा था और अमेठी सीट पर वह भाजपा की स्मृति ईरानी से हार गए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल जब विदेश में होते हैं तो देश की आलोचना भी करते हैं, जिस व्यक्ति की ऐसी प्रकृति है तो उसकी विश्वसनीयता भी सवालों के घेरे में है।
केरल में सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के सत्ता में लौटने संबंधी ओपिनियन पोल के बारे में पूछे जाने पर आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में राहुल के आगमन ने कांग्रेस के भविष्य को पतन की राह पर धकेल दिया है।
बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह भाजपा के लिए वैचारिक जीत है कि जो लोग मंदिर जाने को सांप्रदायिक बताते थे, वे खुद मंदिर जा रहे हैं। यह भले ही चुनावों की वजह से हो, लेकिन हम इसे अपनी वैचारिक जीत मानते हैं। वैचारिक जीत ही वास्तविक जीत में तब्दील होती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 2018 में दुर्गा पूजा और मुहर्रम एक ही समय पड़े थे और बंगाल में दुर्गा पूजा पर प्रतिबंध लगाए गए थे, लेकिन उनकी सरकार ने दोनों पक्षों से बात करके समय निश्चित किया और दोनों की अनुमति प्रदान की थी। उन्होंने दावा किया कि बाद में बंगाल सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार से यह जानने के लिए संपर्क किया था कि उसने दोनों धार्मिक आयोजनों का प्रबंधन कैसे किया। बंगाल में भाजपा की जीत की भविष्यवाणी करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में समाज का हर वर्ग बदलाव चाहता है।