“ममता बहन को सत्ता से दूर करने के लिए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री लग गए” : शरद पवार
आकाश ज्ञान वाटिका, 8 मार्च 2021, सोमवार। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बहन को सत्ता से दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत 50 मंत्री और कई राज्यों के मुख्यमंत्री लग गए हैं। केंद्र सरकार दस साल से सत्ता में रहने वाली अकेली महिला के खिलाफ पूरी ताकत लगा रही है।
रविवार को रांची में अपनी पार्टी के सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे एनसीपी प्रमुख ने दिल्ली पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार गैर भाजपा शासित राज्यों में केंद्रीय एजेंसियों सीबीआइ, ईडी की मदद से जुल्म ढाने का प्रयास कर रही है। पवार ने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान जमकर जांच एजेंसियों का इस्तेमाल हाे रहा है।
ममता बनर्जी के पक्ष में खुले तौर पर खड़े होते हुए एनसीपी अध्यक्ष ने कहा कि एक महिला जो पिछले दस सालों से बंगाल की सत्ता पर काबिज है, उसके खिलाफ प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और कई राज्यों के मुख्यमंत्री ज्यादती कर रहे हैं। शरद पवार ने कहा- ममता बहन को सत्ता से दूर करने के लिए केंद्र सरकार की पूरी ताकत लगाई जा रही है। किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे हो गए, लेकिन पीएम के पास उनसे मिलने का समय नहीं है। देश-दुनिया घूमने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों से मिलने के लिए 20 किमी की दूरी तय नहीं कर पा रहे।
पश्चिम बंगाल के अलावा केरल, तमिलनाडु और असम में भी दूसरे राजनीतिक दलों के खिलाफ केंद्रीय अधिकारों का बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है। पवार ने कहा कि केंद्र सरकार मौजूदा दौर में सिर्फ एक ही काम कर रही है, जहां भाजपा की हुकूमत नहीं है, वहां सीबीआइ व ईडी की मदद से जुल्म ढाने के बहुतेरे प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल चुनाव और किसान आंदोलन के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा।
इधर एक दूसरे राजनीतिक घटनाक्रम में बंगाल चुनाव में जोर-आजमाइश की तैयारी कर रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा को टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने उनके पक्ष में चुनावी प्रचार करने का न्योता दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ममता बनर्जी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बंगाल चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के लिए प्रचार करने को कहा है। हालांकि, अभी इस पर झामुमो की ओर से प्रतिक्रिया का इंतजार है।