कार्डिओलॉजिस्ट डॉ० अंजली शर्मा ने हृदय स्वास्थ्य के बारे में साझा की महत्वपूर्ण जानकारियाँ
एक अदृढ़ एवं तनावपूर्ण जीवनशैली साथ-साथ अपौष्टिक आहार हृदय रोग के जोखिम को बढ़ावा देने में प्रमुख घटक हैं : डॉ० अंजली शर्मा
कम से कम 40 से 45 मिनट रोज व्यायाम करें, अपने तनाव को व्यवस्थित करें : डॉ० अंजली शर्मा
आकाश ज्ञान वाटिका, शनिवार, 7 अक्टूबर 2023, देहरादून। कार्डियक केयर ग्रुप मेडिट्रिना हॉस्पिटल्स जो राज्य स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से और अपने अस्पतालों के माध्यम से चार राज्यों और दो अंतरराष्ट्रीय स्थानों में हृदय रोगियों का इलाज कर रहा है, वर्तमान में उत्तराखंड के देहरादून स्थित कोरोनेशन अस्पताल में भी कार्डियोलॉजी से सम्बंधित सेवायें प्रदान कर रहा है। आज देहरादून स्थित मेडिट्रिना हॉस्पिटल्स में सेवायें दे रही प्रख्यात कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अंजली शर्मा ने हार्ट से सम्बंधित बीमारियों की जानकारी के साथ-साथ जनता को एक स्वस्थ जीवन-शैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रेस माध्यम से जनजागरूकता फ़ैलाने हेतु महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा की।
डॉ० अंजली शर्मा ने कहा, “आजकल हम देख रहे हैं कि हृदय सम्बंधित बीमारियों में काफी इजाफा हो रहा है जिसका मुख्य कारण बढ़ा हुआ रक्तचाप, मधुमेह, कैलेस्ट्रोल का बढ़ना, अत्यधिक तनाव, धूम्रपान करना आदि हैं तथा हम हृदय सम्बंधित समस्याओं से आसानी से बच सकते हैं अदि हम उचित व्यायाम करें। कम से कम 40 से 45 मिनट रोज व्यायाम करें, अपने तनाव को व्यवस्थित करें, उचित आहार जिसमें कि फल एवं सब्जियाँ शामिल हों, का सेवन करें। कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अंजली शर्मा द्वारा यहाँ इस बात पर जोर दिया गया कि “एक अदृढ़ एवं तनावपूर्ण जीवनशैली के साथ-साथ अपौष्टिक आहार हृदय रोग के जोखिम को बढ़ावा देने में प्रमुख घटक हैं।” उन्होंने कहा कि हमें तनावरहित जीवन-शैली, शुद्ध एवं पौष्टिक आहार के साथ से व्यायाम आदि के लिए भी समय निकलना होगा।
कार्डियक केयर ग्रुप मेडिट्रिना अस्पताल की कंसलटेंट एवं इन्टरवेंशनल कार्डिओलॉजिस्ट डॉ० अंजली शर्मा ने बताया कि हाल के वर्षों में युवाओं में भी हार्ट अटैक की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी ने व्यापक रूप से हृदय स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की आवश्यकता को प्रमाणित किया है। हृदय रोग, जो वैश्विक मृत्यु का एक प्रमुख कारण है, पिछले पाँच वर्षों में भारत में हृदय रोगों में भारी वृद्धि देखी गयी है। इस तरह की चिंताजनक हृदय संबंधी आपात स्थितियाँ और संबंधित बीमारियों में वृद्धि के लिए मुख्य रूप से हमारी आधुनिक, अदृढ़ एवं तनावपूर्ण जीवनशैली और विकसित होती गलत आदतें जिम्मेदार हैं, जो 30 से 40 साल की उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही हैं। गतिहीन जीवन शैली, लगातार तनाव, अनिद्रा और धूम्रपान/नशा जैसी हानिकारक आदतों के साथ ही अत्यधिक शराब का सेवन हृदय की जीवन शक्ति को नष्ट कर रहा है। इसके अलावा मधुमेह, उच्च रक्तचाप और मोटापे की बढ़ती व्यापकता इस अनिश्चित स्थिति को और बढ़ा देती है।
कार्डिओलॉजिस्ट डॉ० अंजली शर्मा ने बताया कि हृदय को स्वस्थ रखने के लिए समाज को जागरुक करने का सामूहिक रूप से प्रयास होना चाहिए। लगातार व्यायाम करना हृदय संबंधी मृत्यु दर और हृदय रोग के बढ़ने के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रत्येक सप्ताह प्रति दिन कम से कम 40 से 45 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली गतिविधियाँ, कुल मिलाकर न्यूनतम 3 घंटे साप्ताहिक प्राप्त करने के लिए अपनी प्राथमिकताओं के साथ, अपनी पसंदीदा गतिविधियों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना हृदय के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है।
स्वस्थ ह्रदय के लिए हमें निम्नलिखित गतिविधियों पर विशेष ध्यान रखना चाहिए :
➤ तनाव रहित जीवन शैली अपनायें / तनाव को मैनेज करें
➤धूम्रपान/तम्बाकू व नशे से दूर रहें
➤सप्ताह के अधिकांश दिनों में आधे घंटे के लिए व्यायाम करें
➤स्वस्थ आहार खायें, अधिक फाइबर वाले भोज्य पदार्थों का सेवन करें।
➤सैचुरेटेड वसा में कटौती करें
➤स्वस्थ वजन बनाए रखें, जरूरत से ज्यादा वजन या मोटापा दिल के दौरे का जोखिम बढ़ाता है।
➤नियमित रूप से स्वास्थ्य जाँच करवायें
डॉ० अंजली शर्मा ने आगे बताया, “हृदय स्वास्थ्य के लिए एक स्वस्थ आहार का पालन करना, हृदय रोग के खतरे को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है। एक संपूर्ण आहार में सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्व होने आवश्यक हैं। स्वस्थ प्रोटीन के स्रोतों को अपने भोजन में स्थान दें। हृदय स्वास्थ्य की रक्षा के लिए फ्राइड फास्ट फूड/जंक फ़ूड और प्रोसेस्ड विकल्पों से दूर रहना महत्वपूर्ण है। पौधों के आधारित खाद्य जैसे कि सब्जियाँ, फल और पूरे अनाज (whole grains) ज्यादा लें, साथ ही रिफाइड कार्बोहाइड्रेट को कम करें, खासकर उन्हें जिनमें अतिरिक्त चीनी हो। भोजन की मात्रा का नियंत्रण एक स्वस्थ हृदय आहार का महत्वपूर्ण भाग है जो की हृदय के स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है :
मोटापा : हमारे बहुत से भोजन ऐसे हैं जिनमें तेल, मक्खन और अन्य तत्व होते हैं, जिनमें कार्बोहाइड्रेट और वसा की मात्रा अधिक होती है। मोटापा हृदय रोगों के सबसे आम कारणों में से एक है। मोटापे के कारण शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है जिसके परिणामस्वरूप धमनियों में रुकावट आने लगती है। अधिक वजन तथा मोटापे के कारण हृदय रोगों के अन्य प्रमुख लक्षण जैसे उच्च रक्तचाप और मधुमेह भी हो सकते हैं।
उच्च कोलेस्ट्रॉल : अपौष्टिक/अस्वास्थ्यकर खान-पान की आदतों के कारण कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है, जिसके परिणामस्वरूप धमनियों की दीवारें मोटी हो जाती हैं और उच्च रक्तचाप होने लगता है, जिससे हृदय तक रक्त का संचार प्रभावित होता है। अतः नियमित स्वास्थ्य जाँच करवाना और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रण में रखना बहुत आवश्यक है।
धूम्रपान : अत्यधिक धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है, जिससे हृदय रोग हो सकता है। अत्यधिक धूम्रपान से रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ जाता है तथा धमनियाँ अवरुद्ध होने लगती हैं।
अल्कोहल का सेवन : बड़ी संख्या में हृदय रोग अत्यधिक शराब के सेवन के कारण होते हैं। अत्यधिक शराब पीने से अनियमित दिल की धड़कन, कार्डियोमायोपैथी और हृदय से संबंधित अन्य समस्यायें उत्पन्न होती हैं तथा हृदय संबंधी गंभीर समस्यायें पैदा होने लगती हैं।
तनाव एवं तनाव प्रबंधन : तनाव को रोकने और प्रबंधित करने से हृदय रोग, मोटापा, उच्च रक्तचाप और अवसाद जैसे खतरों से बचा जा सकता है।
तनाव एवं तनाव प्रबंधन के बारे में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ० अंजली शर्मा ने महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा की।
कार्डिओलॉजिस्ट डॉ० अंजली शर्मा ने कहा कि आज हृदय सम्बंधित रोग बहुत आम समस्या चुकी है, ऐसे में इस समस्या को गंभीरता से लेना होगा तथा हृदय रोग निवारक उपायों पर गहनता से विचार करना जरुरी है। हृदय रोगों के बारे में आम जन तक जानकारियों को पहुँचना तथा इसके लक्षणों, बचाव के सम्बन्ध में जनजागरूकता लाना अति आवश्यक है।
कार्डियक केयर ग्रुप मेडिट्रिना हॉस्पिटल, देहरादून में आधुनिक तकनीक का उपयोग कर हृदय रोगियों को बेहतर और सुरक्षित उपचार प्रदान किया जा रहा है।
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