मुख्यमंत्री धामी के कड़े रूख के बाद अवैध धार्मिक स्थलों पर चला बुलडोजर, उत्तराखंड में खत्म होगा धार्मिक कब्जों का खेल…..
आकाश ज्ञान वाटिका, 15 दिसम्बर 2022, गुरुवार, पौड़ी। उत्तराखंड सरकार में इन दिनों अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने का काम जोरों पर चल रहा है। अवैध कब्जों पर मुख्यमंत्री धामी के निर्देश के बाद प्रशासन ने कार्रवाई की है। राजधानी देहरादून में दो दिनों में लगभग 15 से अधिक मजारों को हटाया गया है तो अब यह सिलसिला दूसरे जिलों में भी शुरू हो गया है। पौड़ी में भी एक चर्चित मजार को जिला प्रशासन ने हटा दिया है। चर्चित इसलिए क्योंकि इस मजार के जीर्णाेद्धार के लिए विधायक राजकुमार ने 2 लाख अपनी विधायक निधि से दिए थे। प्रशासन ने इसे भी अवैध निर्माण बताते हुए ध्वस्त कर दिया है।
पौड़ी जिले के कल्जीखाल ब्लॉक में बरसों पहले बनी एक मजार को राजस्व प्रशासन ने बुधवार को ध्वस्त कर दिया है। बताया गया है कि जब मजार की जाँच की गई तो दस्तावेजों में यह चारागाह में निर्मित पायी गई। इसे प्रशासन ने अतिक्रमण मानते हुए बुधवार को यह ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। इस संबंध में डीएम ने भी पौड़ी के एसडीएम से रिपोर्ट माँगी थी। बताया जा रहा है कि यह मजार करीब 20 साल पहले बनाई गई थी। पौड़ी एसडीएम आकाश जोशी ने पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कल्जीखाल ब्लॉक के गाँव चिलोली की सरहद में एक मजार चारागाह भूमि पर बनी थी। राजस्व रिपोर्ट मिलने के बाद बुधवार को मजार को ध्वस्त कर दिया गया। चारागाह वाली भूमि पर किसी तरह भी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता है। यह अतिक्रमण की श्रेणी में आता है।
हालांकि, इस मजार के पास विधायक निधि से एक टिनशेड निर्माण को लेकर भी सोशल मीडिया पर पिछले कई दिनों से चर्चायें हो रही हैं। पौड़ी के विधायक राजकुमार पोरी से संपर्क करने पर दूरभाष पर बताया कि उन्होंने किसी धर्मस्थल को बनाने के लिए कोई निधि नहीं दी है। मंडल अध्यक्ष ने इस संबंध में यहाँ एक टिनशेड स्थानीय लोगों के धूप और बारिश से बचने के लिए बनाने का प्रस्ताव दिया था।
विधायक पोरी ने कहा कि मणधार में उन्होंने विधायक निधि से दो लाख की धनराशि टिनशेड निर्माण के लिए स्वीकृत की। विधायक ने कहा कि कुछ मीडिया खबरों में इसे गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है और उसे दूसरा रंग देने की कोशिश की जा रही है, जो कि सही नहीं है।