भाजपा ने कांग्रेस पर प्रवासी श्रमिकों को भड़काकर, अव्यवस्था फैलाने का लगाया आरोप
आकाश ज्ञान वाटिका, 5 मई 2020, मंगलवार। प्रवासी श्रमिकों के किराए को लेकर कांग्रेस के स्ट्रोक पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रमुख अजेंद्र अजय ने कहा कि झूठ की सियासत और लोगों में भ्रम फैलाना कांग्रेस की आदत हो गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा झूठ फैलाया जा रहा कि रेलवे द्वारा प्रवासी श्रमिकों से टिकट का पैसा लिया जा रहा है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कहा कि जो सरकार लॉकडाउन के दिनों में हजारों करोड़ रुपये सीधे गरीबों के बैंक खातों में जमा करा चुकी हो, वह गरीब प्रवासी श्रमिकों से पैसे लेगी और कुछ करोड़ रुपए के लिए इतनी बदनामी उठाएगी, ऐसा मंदबुद्धि लोग ही सोच सकते हैं। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि जब श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने की बात उठी तो केंद्र सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि गरीबों को परेशानी न हो। इसलिए ही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने का कुल 85 फीसद खर्च रेलवे व केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। केंद्र अपनी जिम्मेदारी समझता है, इसलिए राज्यों पर 15 फीसद खर्च का बोझ डाला गया। भाजपा नेता ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को भड़काकर, अव्यवस्था फैलाकर कांग्रेस अपनी स्वार्थ सिद्धि में जुटी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को न तो गरीब की चिंता है और देश के गांवों व न देश की।
प्रवासियों की वापसी में भेदभाव हुआ तो कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने आरोप लगाया कि लॉकडाउन से उत्तराखंड के प्रवासी लोग संकट में हैं। सरकार प्रवासियों की वापसी को लेकर भेदभाव का रवैया अपना रही है। ऐसा हुआ तो कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। पार्टी प्रदेश स्तर पर धरना देने को बाध्य होगी।
प्रीतम सिंह ने पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के गरीबों-मजदूरों के रेलवे टिकट का खर्च कांग्रेस की ओर से उठाने के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र सरकार को आईना दिखाया है। उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी कि प्रवासी उत्तराखंडियों की वापसी में भेदभाव हुआ तो कांग्रेस प्रदेशव्यापी धरना देगी।
प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में फंसे गुजरात के 1800 लोगों को उनके राज्य पहुंचाने के लिए केंद्र की गाइडलाइन का इंतजार नहीं किया गया। बड़ी संख्या में लोगों ने उत्तराखंड लौटने के लिए सरकार के एप पर दरख्वास्त की है, लेकिन उन्हें लाने से कन्नी काटने की कोशिश की जा रही है। प्रदेश सरकार की ओर से एप में अब भी लोग वापसी को लेकर दस्तक दे रहे हैं, लेकिन अधिकारी फोन उठाने से गुरेज कर रहे हैं।