बिहार में भाजपा और जदयू के बीच चल रही है तकरार
आकाश ज्ञान वाटिका। बिहार में एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। भाजपा और जदयू के बीच चल रही तकरार के बीच बुधवार को जहां भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने अपने फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह को गठबंधन धर्म का पालन करने की हिदायत देते हुए अनर्गल बयानबाजी पर लगाम लगाने की चेतावनी दी है तो इसी बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने जदयू को चेताया है कि बिहार में भाजपा बड़ा भाई है, वह छोटा भाई बनकर रहे।
अगर जदयू को बिहार में अपनी राजनीति बचानी है तो उसे छोटे भाई की भूमिका में रहना होगा। देशभर में लोग भाजपा को पसंद कर रहे हैं और इस लहर के बीच बिहार में भी अब भाजपा बड़े भाई की भूमिका में ही रहेगी। नीतीश कुमार को अगर 2020 का विधानसभा चुनाव जीतना है तो उन्हें भाजपा के साथ छोटे भाई की भूमिका में रहना होगा और अगर बिहार में जदयू अकेले चुनाव लड़ता है तो अपनी स्थिति देख लेगा। उसकी स्थिति बेहद कमजोर हो जाने वाली है। ——भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी
स्वामी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संदेश देते हुए कहा कि नीतीश कुमार को खुद पता करना चाहिए कि भाजपा के नेता किस कारण से नाराज हैं? इतना ही नहीं स्वामी ने अपने नेता गिरिराज सिंह की टिप्पणी का भी समर्थन करते हुए कहा कि वह स्पष्टवादी नेता हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में बाढ़ और बारिश से हुए जलजमाव के दौरान नीतीश कुमार की खासी आलोचना हुई है। इस तरह के विषम हालातों को देखते हुए हमारे बीच कुछ दूरियां जरूर बढ़ी है। उन्होंने कहा कि शायद इसी को देखते हुए दशहरा के दौरान पार्टी के कोई भी नेता शामिल नहीं हुए होंगे।
मंगलवार को पटना के गांधी मैदान में आयोजित रावण वध कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ किसी भी भाजपा नेता की मौजूदगी नहीं रही थी, नीतीश कुमार को समर्थन देने वाले डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी उनके साथ नहीं दिखे थे। जिसपर जदयू नेताओं ने ऐतराज जताया था, इसके बाद बुधवार को रामलीला कार्यक्रम के समापन में भाजपा नेता तो मौजूद रहे, लेकिन जदयू की कोई उपस्थिति उस कार्यक्रम में नहीं थी।