भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री से भेंट कर अपनी विभिन्न समस्यायों से अवगत कराया
- मुख्यमंत्री ने दिये किसानों की समस्याओं के समाधान के निर्देश।
- [highlight]राज्य सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान के प्रति प्रतिबद्ध है : मुख्यमंत्री[/highlight]
आकाश ज्ञान वाटिका, मंगलवार, 8 दिसम्बर 2020, देहरादून (सू.ब्यूरो)। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मंगलवार को सचिवालय में भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने भेंट की। उन्होंने किसानों की विभिन्न समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए उनके निराकरण का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान के प्रति प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में अनेक निर्णय लिये गये हैं। किसानों को 3 लाख रूपये तक का बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कराये जाने के साथ ही उत्पादों के क्रय की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अपनी किसी भी समस्या के समाधान के लिये टोल फ्री नम्बर 1905 पर अपनी समस्यायें बतायें, इससे उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान होगा। उन्होंने कहा कि किसानों को बिजली, पानी सहित कृषि सम्बन्धी कार्यों में आवश्यक सहयोग के लिये सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि किसानों के हित में देहरादून में किसान भवन बनाया गया है। राज्य सरकार द्वारा गन्ना किसानों को सहकारी चीनी मिलों के स्तर पर लम्बित सौ प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया गया है। धान मूल्य का भुगतान ऑनलाइन 24 घण्टे के अन्दर ही बिल प्राप्त होते ही आरटीजीएस के माध्यम से उनके खाते में जमा की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि नये पैराई सत्र से पहले गन्ना किसानों को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निजी क्षेत्र की इकबालपुर शुगर मिल, जो बन्द हो गई थी, जिससे 22,500 किसान जुड़े थे, राज्य सरकार ने इस मिल को 36 करोड़ की गारन्टी देकर खुलवाया है ताकि किसानों को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के व्यापक हित में खाण्डसारी नीति बनाई गई है ताकि जो भी किसान खाण्डसारी उद्योग शुरू करना चाहे, शुरू कर सकता है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किसानों को विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार किसानों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने किसानों से किसान पेंशन निधि का लाभ लेने की भी अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को वृद्धावस्था पेंशन भी दी जा रही है। इस योजना का भी लाभ किसान भाई ले सकते हैं।
इस अवसर पर किसान यूनियन के प्रतिनिधियों द्वारा रखी गई समस्याओं में प्रत्येक जनपद में किसान भवन बनाये जाने, किसानों को पेंशन दिये जाने, निजी चीनी मिलों के स्तर पर किसानों को लम्बित गन्ना मूल्य का भुगतान किये जाने, धान क्रय केन्द्रों पर एवं मण्डियों में सुविधायें उपलब्ध कराये जाने से सम्बन्धित समस्यायें प्रमुख थी। किसानों का उत्पीड़न न हो इसकी व्यवस्था के निर्देश दिये जाने का भी अनुरोध उन्होंने मुख्यमंत्री से किया।
इस अवसर पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी संजीव तोमर, प्रदेश अध्यक्ष श्री सोम दत्त शर्मा, इन्द्रजीत सिंह सांगवान, श्री राममेहर तोमर, चौधरी सुदेश पाल सिंह, चौधरी राजीव मलिक, श्री विकेरा बालियान, श्री पवन त्यागी, श्री अजय त्यागी, श्री श्रवण त्यागी एवं श्री जावेद अली आदि उपस्थित थे।
[box type=”shadow” ]मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखंड में किसान आंदोलन पूरी तरह विफल रहा है। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन का ऊधम सिंह नगर में दो-तीन जगह पर ही असर देखा गया अन्य स्थानों पर यह बेअसर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के किसान राज्य सरकार की नीतियों से खुश हैं। यहां का किसान पढ़ा-लिखा समझदार है, वह किसी के बहकावे में नहीं आया। उन्होंने कहा कि कोई बाजार बंद नहीं रहा यदि जबरदस्ती किसी ने बंद करने के प्रयास किए गए होंगे तो इसका संज्ञान लेकर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने किसानों से किसी भ्रम जाल में न फंसने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों से उनके हितों की रक्षा ही होगी।[/box]