महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी चाहते हैं कि ‘उत्तराखंड हिमालय जैसा स्वच्छ और गंगा जैसा पावन राज्य बने’
आकाश ज्ञान वाटिका, 25 फ़रवरी 2023, शनिवार, देहरादून। महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी चाहते हैं कि उत्तराखंड हिमालय जैसा स्वच्छ और गंगा जैसा पावन राज्य बने। वे उत्तराखंड को हर दृष्टि से आत्मनिर्भर देखना चाहते हैं। महाराष्ट्र के राज्यपाल के दायित्व से मुक्त होने के बाद उत्तराखंड पहुंचे कोश्यारी शुक्रवार को प्रेस से मिलिये कार्यक्रम में मीडिया से रूबरू हुए।
उन्होंने दोहराया कि अब वह सक्रिय राजनीति से दूर रहेंगे, लेकिन राज्य की बेहतरी के लिए कार्य करने वालों का साथ देंगे। कोश्यारी ने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल के कार्यकाल के दौरान वहां की जनता का अपार स्नेह उन्हें मिला। साथ ही यह भी कहा कि उन्होंने कभी भी छत्रपति शिवाजी महाराज और सावित्री बाई फुले के बारे में कोई टिप्पणी नहीं।
उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक बार फिर संत बताया। कोश्यारी ने उत्तराचंल प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में अपने अब तक के सफर पर चर्चा की। साथ ही पत्रकारों के प्रश्नों के जवाब भी अपने अंदाज में दिए। उन्होंने कहा कि भाजपा में आना उनके लिए संयोग था। तब भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने उन्हें कहा कि वे पार्टी में आएंगे तो उत्तराखंड आंदोलन को सही दिशा मिलेगी।
राजनीति और भाजपा में आने का सुखद अनुभव यह रहा कि उत्तराखंड राज्य की मांग पूरी हुई। बहुत इच्छा न होते हुए भी राज्य गठन के बाद मंत्री बने और दो-चार दिन के लिए मुख्यमंत्री भी। …पद ने मेरा पीछा नहीं छोड़ा कोश्यारी ने कहा कि पद का लोभ न होते हुए पद ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। वे राज्यसभा और फिर लोकसभा गए।
वर्ष 2016 में उन्होंने घोषणा की कि वे वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। बाद में मीडिया में उनका नाम ऐसे उछला कि उन्हें राज्यपाल बनना है। जनता की इच्छा व प्रेम को देखते हुए प्रधानमंत्री ने उन्हें महाराष्ट्र के राज्यपाल पद दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार किया।
मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि घूमते-घूमते थक गया हूं
कोश्यारी ने कहा, महाराष्ट्र का राज्यपाल रहते हुए जनता से भरपूर प्यार मिला। मैं भी कोरोनाकाल में पैदल घूम-घूमकर जनता के बीच गया। कुछ समय पहले मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि घूमते-घूमते थक गया हूं। यदि 24 घंटे में 16 घंटे भी कार्य न कर सकूं तो ठीक नहीं है। ऐसे में मुझे पद से मुक्ति दे दीजिए। प्रधानमंत्री ने मेरे आग्रह को स्वीकारा और अब आपके बीच में हूं।
उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा है कि उत्तराखंड कृषि, डेरी, पशुपालन समेत सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बने। यहां खुशहाली हो और समृद्धि आए। इस दिशा में कार्य करने की उनकी इच्छा है। हम सब मिलकर उत्तराखंड को आदर्श राज्य बनाएंगे। जीवन का जो भी समय बचा है, इसके लिए कैसे समन्वय करके आगे बढ़ा जाए, इस पर कार्य करेंगे।
राष्ट्र निर्माण में भाजपा का सहयोग करता रहूंगा, इसके लिए सदस्य बनना जरूरी नहीं है : कोश्यारी
एक प्रश्न पर कोश्यारी ने कहा कि अब वह सक्रिय राजनीति से दूर हो गए हैं। भाजपा ने जितना सम्मान व अवसर उन्हें दिए, उनके बारे में कोई सपने में भी नहीं सोच सकता। बोले, जब आप किसी पार्टी नहीं होते तो किसी न किसी विचारधारा से जुड़े रहते हैं। राष्ट्र निर्माण में भाजपा का सहयोग करता रहूंगा, इसके लिए सदस्य बनना जरूरी नहीं है।