Breaking News :
>>बिना प्रोटोकॉल व सुरक्षा के गैरसैंण पहुंचे सीएम धामी>>आकर्षण का केंद्र बने हैं उत्तराखंड के शिल्पियों के उत्पाद- महाराज>>शिक्षा विभाग को विज्ञान वर्ग में मिले 157 अतिथि प्रवक्ता>>ऋषिकेश नगर निगम ने दिखाई प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन की राह>>‘कुबेर’ की पहली झलक आई सामने, धनुष-नागार्जुन की जोड़ी ने मचाया धमाल>>केदारनाथ उपचुनाव- चोपता में पकड़ी गई अवैध शराब, कांग्रेसियों ने किया जमकर हंगामा>>राजधानी दिल्ली में खतरनाक स्तर पर पहुंचा वायु प्रदूषण, छठी से 11वीं कक्षा को ऑनलाइन पढ़ाने का लिया गया फैसला>>ब्राजील दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, जी 20 शिखर सम्मेलन में लेंगे हिस्सा>>केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के लिए आज शाम 5 बजे बंद हो जाएगा प्रचार- प्रसार का शोर >>खाली पेट फल खाने के फायदे हैं या नुकसान? जानें सच्चाई>>जय श्री बद्री विशाल के उदघोष के साथ श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट हुए बंद>>बदलते भारत की बदलती तस्वीर>>शादी में वाहन बुक कराने से पहले अब वाहनों का सेफ सफर ऐप में पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य>>मासूम को बहला फुसलाकर कुकर्म का प्रयास करने वाले आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार >>सर्दियों की दस्तक के साथ ही पर्यटकों से गुलजार होने लगे मसूरी, धनोल्टी, व्यापारियों के खिले चेहरे >>एक्शन से भरपूर वरुण धवन की फिल्म बेबी जॉन का धमाकेदार टीजर आउट>>विवादित अफसरों को सेवा विस्तार दे रही भाजपा से जनता त्रस्त – कांग्रेस>>करेले के जूस में छिपा है सेहत का राज, रोजाना पीने से मिलेंगे कई फायदे>>श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके सोमवार को नए प्रधानमंत्री और कैबिनेट की करेंगे नियुक्ति>>केदारनाथ की तरक्की देखकर कांग्रेस के नेताओ को हो रही परेशानी- सीएम
उत्तराखण्ड

मधुमक्खियों की आवाज करेगी कमाल, हाथियों की होगी ट्रेन से सुरक्षा

देहरादून: दून-हरिद्वार रेलवे ट्रैक के बीच मधुमक्खियों की आवाज हाथियों को ट्रेन की चपेट में आने से बचाएगी। दरअसल, उत्तर रेलवे इस ट्रैक पर मधुमक्खियों की आवाज वाला सिस्टम लगाने जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मोतीचूर स्टेशन पर इसे शुरू भी कर दिया गया है। जल्द ही कांसरो और रायवाला स्टेशन पर भी स्थापित कर दिया जाएगा। कुछ दिन मॉनीटरिंग के बाद प्रयोग सफल होने पर इसे नियमित कर दिया जाएगा।

मुरादाबाद रेल मंडल के हरिद्वार-देहरदून रेलवे टै्रक का बड़ा हिस्सा राजाजी नेशनल पार्क के वन क्षेत्र से होकर गुजरता है। इस क्षेत्र में हाथी और अन्य जंगली जानवर बड़ी संख्या में हैं। जंगल से ये जानवर विशेषकर हाथियों के झुंड टै्रक को पार करते हैं। ऐसे में कई बार ट्रेन की चपेट में आकर हाथियों और अन्य जानवरों के चोटिल होने या मरने की घटनाएं हो जाती हैं।

पिछले कुछ सालों में ट्रेन से कटकर हाथियों के मरने की घटनाएं भी हो चुकी हैं। जिसमें ट्रेन के लोको पायलट के खिलाफ मुकदमे भी हुए हैं। यही नहीं इससे रेल के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका के चलते यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में रहती है।

इसे लेकर वन विभाग और रेलवे के बीच टकराव भी होता आया है। इसके समाधान के लिए उत्तराखंड वन विभाग और रेलवे में उच्च स्तरीय बैठकें भी हो चुकी हैं।

रेलवे के स्तर से इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मुरादाबाद मंडल ने हाथियों को भगाने के लिए मधुमक्खी जैसी साउंड वाले सिस्टम लगाने की पहल की है।

दरअसल, मधुमक्खी की आवाज से हाथी काफी परेशान होते हैं और आमतौर पर मधुमक्खी वाले रास्ते से जाने से बचते हैं। इसलिए, राजाजी नेशनल पार्क में हाथियों के आवागमन वाले रास्तों को पता लगाने के लिए रेलवे व उत्तराखंड वन विभाग द्वारा ऐसे सिस्टम को लगाने की जगह का संयुक्त सर्वेक्षण किया गया।

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मोतीचुर में यह सिस्टम लगा दिया गया है। इसी तरह रायवाला में देहरादून और हरिद्वार की तरफ वाले गेटों पर दो साउंड सिस्टम लगने हैं। अब इसे कांसरो स्टेशन पर भी स्थापित करने की योजना है।

ऐसा करेगा सिस्टम काम

मधुमक्खी की आवाज जैसा साउंड सिस्टम बनाने के लिए मधुमक्खी के झुंड के भिनभिनाने की आवाज को रिकार्ड किया गया है। स्टेशन मास्टर और गेटमैन के केबिन में इसके ऑनऑफ का बटन स्थापित रहेगा। स्टेशन मास्टर या गेटमैन द्वारा ट्रेन के आने से पांच मिनट पहले इसे स्टेशन पर लगे लाउडस्पीकर पर चलाया जाता है। यह साउंड लगभग 500 मीटर की दूरी कवर करता है और यह सिस्टम ट्रेन के आने पर इस सेक्शन में हाथियों के आवागमन की रोकथाम करेगा ।

कारगर है यह उपाय

मुरादाबाद रेल मंडल के डीआरएम एके सिंघल के अनुसार नार्थ ईस्ट रेलवे रंगिया डिविजन पर किए सफल प्रयोग को यहां भी दोहराने का निर्णय लिया गया है। यह उपाय अभी तक कारगर साबित हुआ।

उत्तराखंड में वन विभाग के साथ हुए परामर्श से वन व रेलवे स्टाफ द्वारा ट्रैक की पेट्रोलिंग, वॉकी-टॉकी सिस्टम से ट्रैक पर जंगली जानवरों के आवागमन की सूचना सही समय पर देने, जहां संभव हो ट्रैंच खोदने और हाथियों के आवागमन के लिए पुलों के नीचे अनावश्यक वनस्पति इत्यादि हटाकर मार्ग सुरक्षित करने के प्रयास हो रहे हैं। इसके साथ ही बी साउंड सिस्टम का प्रयोग भी किया जा रहा है।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!