‘स्मार्ट स्प्रिचुअल हिल टाउन’ के रूप में विकसित किया जाएगा, भारत के प्रमुख चार धामों में से एक बदरीनाथ धाम
आकाश ज्ञान वाटिका, ३० जनवरी २०२१, शनिवार। भारत के प्रमुख चार धामों में से एक बदरीनाथ को ‘स्मार्ट स्प्रिचुअल हिल टाउन’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए देश के शीर्षस्थ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) से कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत भी वित्तीय सहयोग लिया जाएगा। इस कड़ी में प्रदेश सरकार ने कोशिशें शुरू कर दी हैं।
शुक्रवार को नई दिल्ली में ऊर्जा, कोयला, पेट्रोलियम और जलशक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पीएसयू के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बदरीनाथ के मास्टर प्लान के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। साथ ही धाम के विकास में सहयोग का आग्रह किया। बताया गया कि कुछ पीएसयू ने इस सिलसिले में सैद्धांतिक सहमति भी प्रदान कर दी है।केदारनाथ की भांति बदरीनाथ धाम को भी विकसित करने के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर राज्य सरकार ने बदरीनाथ का मास्टर प्लान तैयार किया है।
इसके तहत होने वाले कार्यों के लिए धन जुटाने के मकसद से दिल्ली में पीएसयू के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई। इस मौके पर सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि नर-नारायण पर्वत के मध्य स्थित बदरीनाथ धाम श्रद्धालुओं की असीम आस्था का केंद्र है। प्रति वर्ष 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु यहां आते हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या, सीमित संसाधन व भौगोलिक प्रतिबंधों के मद्देनजर यह आवश्यक है कि धाम की क्षमता बढ़ाने को इसे मास्टर प्लान के तहत विकसित किया जाए।
जावलकर ने कहा कि बदरीनाथ में मास्टर प्लान के अंतर्गत होने वाले कार्यों में पर्यावरणीय संतुलन व स्थानीय हितधारकों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। प्लान के तहत बदरीनाथ में मंदिर परिसर का विकास, प्लाजा, सड़क और घाटों का निर्माण, कमांड कंट्रोल सेंटर, स्ट्रीट फसाड, रोड एलाइनमेंट, भीड़ प्रबंधन के मद्देनजर विभिन्न कार्य प्रस्तावित किए गए हैं।
पीएसयू के प्रतिनिधियों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में अधिप्राप्ति नियमों और सीएसआर के निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा। अधिकांश निर्माण कार्य सरकारी भूमि पर प्रस्तावित हैं। यदि निजी भूमि की जरूरत पड़ती है तो भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में स्थानीय निवासियों के हितों को ध्यान में रखा जाएगा। इस दौरान कुछ पीएसयू के प्रतिनिधियों ने बताया कि उनके निदेशक मंडल द्वारा सीएसआर के तहत बदरीनाथ धाम के विकास में सहयोग देने पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है।
पर्यटन सचिव ने जानकारी दी कि केदारनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट ही बदरीनाथ मास्टर प्लान के लिए नोडल संस्था के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने इस बड़े उद्देश्य की प्राप्ति को भूदान और धन दान का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के धरातल पर उतरने पर बदरीनाथ में पर्यटन सुविधाएं विकसित होने से श्रद्धालु बेहतर अनुभव प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही स्थानीय निवासियों के लिए अच्छी आमदनी वाले रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। यह प्रोजेक्ट स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देने में मददगार होगा।
बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के वरिष्ठ प्रबंधक मौजूद रहे। इनमें एस. सुब्बाराव (एचपीसीएल), एसएस प्रतिभान व डीके सिंह (ओएनजीसी), डीके पटेल (एनटीपीसी), केआर मुरारी (पीएफसी), आरएन सिंह (टीएचडीसी), एचएस मिश्रा (कोल इंडिया), आरके अग्रवाल व विश्वजीत बासु (एनएचपीसी), अपूर्व चतुर्वेदी (ऑयल इंडिया लि.), एलएल खोंगसाई (इंडियन ऑयल कारपोरेशन), डीआर गोखले व रजनीश वर्मा (बीपीसीएल) शामिल थे।