Breaking News :
>>उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन व इंडियन फेडरेशन ऑफ डिजिटल मीडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण शर्मा के नेतृत्व में पत्रकारों ने प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो देहरादून के प्रभारी अनिल दत्त शर्मा से की औपचारिक भेंट>>‘अंकिता भंडारी हत्याकांड का वीआईपी रहस्य बरकरार, भाजपा कर रही लीपापोती >>कलेक्शन सेन्टर की वास्तविक उपयोगिता सम्बन्धी रिपोर्ट तलब>>राहुल गांधी पर टिप्पणी के विरोध में कांग्रेस ने भाजपा का पुतला फूंका>>भारत और बांग्लादेश के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला कल >>अब शहरों की तरह गांवों में भी घर- घर से उठेगा कूड़ा, 95 विकासखंडों के 7,674 गांवों में होगा कार्य शुरु >>कंगना शर्मा ने रिवीलिंग आउटफिट पहन दिए सेक्सी पोज, एक्ट्रेस की हॉटनेस ने बढ़ाया सोशल मीडिया का तापमान>>जम्मू-कश्मीर में दस साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए वोटिंग जारी>>उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने राज्य में समूह-ग के 4,855 पदों पर भर्ती कैलेंडर किया जारी>>हर आयु वर्ग के लोगों को रोजाना चलना चाहिए पैदल, मिलेंगे कई स्वास्थ्य संबंधी फायदे>>जाति प्रमाण पत्रों से “पूर्वी पाकिस्तान” शब्द हटाने पर सीएम का जताया आभार>>उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन का प्रतिनिधि मंडल पंचायत मंत्री से मिला>>हार्ट अटैक की दोषी पाम ऑयल>>सूबे में 10 हजार दम्पतियों ने उठाया एआरटी का लाभ>>लक्ष्य से कम ऋण वितरण पर मुख्य सचिव ने जतायी नाराजगी>>वर्ल्ड स्किल्स 2024 : भारतीय प्रतिभागियों ने ल्योन में चार कांस्य पदक जीतकर रचा इतिहास>>नरेंद्र मोदी की सरकार ने भारत की बाहरी और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने में की बड़ी सफलता हासिल : गृहमंत्री अमित शाह>>मुख्यमंत्री धामी ने ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम में किया प्रतिभाग>>फिल्म ‘जो तेरा है वो मेरा है’ का ट्रेलर जारी, जियो सिनेमा पर 20 सितंबर को रिलीज होगी फिल्म>>प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर वित्त मंत्री ने दिया तोहफा, व्यापारी दुर्घटना बीमा राशि की बढ़ाई अवधि
Articles

जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव

साभार : अजय दीक्षित
आकाश ज्ञान वाटिका, सोमवार, 16 सितम्बर 2024,  देहरादून। कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होते हैं । अभी मात्र हरियाणा और जम्मू कश्मीर में चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ है । पिछली बार महाराष्ट्र के चुनाव हरियाणा के साथ हुये थे । महाराष्ट्र की विधानसभा हरियाणा की विधानसभा के 22-23 डिन बाद खत्म हो जायेगी । विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि महाराष्ट्र में सत्ताधारी तीन पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर उलझ है । असल में अभी शिवसेना (शिंदे) का मुख्यमंत्री है। देवेन्द्र फडणवीस पूरे मुख्यमंत्री थे । परन्तु केन्द्र के निर्देश पर पुणे उपमुख्यमंत्री पद संभालना पड़ रहा है । अजित गुट भी अभी त्रिशंकु की स्थिति में हैं । उसका कोई नुमाइंदा केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं पा सका है । भाजपा चाहती है कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी का मुख्यमंत्री हों। यह शिंदे गुट को पसंद नहीं आयेगा । तो वह असमंजस में है । शिंदे गुट कांग्रेस या शरद गुट एन.सी.पी. से समझौता नहीं कर सकती । अजित गुट इतनी सीटें नहीं जीतेगा कि वह गठबंधन करके सरकार बना लें ।

पिछले दिनों गृहमंत्री अमित शाह दो दिन के दौरे पर जम्मू कश्मीर रही थे । उन्होंने घोषणा की है कि अगली सरकार उनकी ही बनेगी । असल में उन्हें जम्मू के हिन्दू वोटों पर भरोसा है । कश्मीर में तो उन्होंने पहले चरण के चुनाव में पांच-सात सीटों पर अपना उम्मीदवार ही नहीं खड़ा किया है । असल में वहां हिन्दू उम्मीदवार मिलना कठिन है । मिल भी जाए तो वह जीतेगा नहीं और मुसलमान उनकी पार्टी में बड़ी संख्या में शामिल नहीं है । जो मुसलमान भाजपा में शामिल हैं, उनके बहुत बड़ा वोट बैंक नहीं है । यही बीजेपी की दुविधा है । जिस प्रकार योगी आदित्यनाथ और डॉ. मोहन यादव हिन्दुत्व की बात करते हैं उस सिद्धांत को देखते हुए भी ज्यादा मुसलमान भाजपा में नहीं जायेंगे । गुलाम नबी आजाद से भाजपा गठबंधन कर सकती है, परन्तु गुलाम नबी आजाद काफी ज्यादा सीटें नहीं जीत पाएंगे । उनकी पार्टी के पास काडर ही नहीं है । लगता है कि वे अकेले उसे पार्टी के सर्वेसर्वा हैं।

गृहमंत्री ने कहा है कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर हिन्दू पंडितों की वापसी होगी और पर्यटन में बढ़ावा देकर रोजगार सर्जित होंगे । अब पांच साल से 370 हटने के बाद उपराज्यपाल सरकार चला रहे हैं । तो इन पांच सालों में कितने कश्मीरी पंडितों की वापसी हुई है । जहां तक पर्यटन का सवाल है आप कश्मीर में.ए.सी. चलने लगे हैं तो पर्यटक क्यों कश्मीर जायेंगे । वैसे भी वहां बाहरी लोग आतंकवादियों की निशाने पर हैं, तो लोग आशंकित रहते हैं । असल में प्रकृति के साथ छेड़-छाड़ के कारण न केवल कश्मीर बल्कि मसूरी, नैनीताल में भी अब लोग पंखे चलाते हैं । शायद अगले कुछ सालों में ए.सी. भी चलने लगे । कश्मीर में सेब की उपज भी कम हो रही है । अत: पर्यटन अब ज्यादा संख्या में कश्मीर का रुख नहीं करेंगे।

बेरोजग़ारी पूरे भारत की समस्या है । यह केवल कश्मीर की बात नहीं है । कश्मीर की झील में अब जलकुंभी उगने लगी है । लोग झील में कूड़ा फेंक रहे हैं । इन सब कारणों से पर्यटन से रोजगार की समस्या कठिन है । असल में भारत की राजनीति में अब परस्पर वार्ता खत्म हो गई है । कांग्रेस बीजेपी को कोसती है । भाजपा के प्रवक्ता राहुल गांधी को पप्पू कहते हैं या ये दो लडक़े (मतलब राहुल गांधी और अखिलेश यादव) असल में कश्मीर की समस्या के लिए वहां के बुद्धिजीवियों को साथ लेना होगा । क्या यह संभव है कि मेहबूबा और फारूक अब्दुल्ला के साथ भाजपा की वार्ता हो सके और फिर मिलकर कश्मीर के विकास पर बात हो । कश्मीर की समस्या इतनी आसान नहीं है जितनी दिखलाई पड़ती है । सबके सहयोग से ही रास्ता निकलेगा।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!