अखिलेश यादव ने संभल हिंसा को सोची-समझी साजिश बताया, पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के संभल में हाल ही में हुई हिंसा को ‘सोची-समझी साजिश’ करार देते हुए लोकसभा में मांग की, कि घटना के लिए जिम्मेदार पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को निलंबित किया जाए और उन पर हत्या का मुकदमा चलाया जाए। कन्नौज से सपा सांसद अखिलेश यादव ने निचले सदन में शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि संभल में पिछले दिनों अचानक हुई हिंसा की घटना को जानबूझकर और साजिश के तहत अंजाम दिया गया।
भाईचारे और गंगा-जमुनी तहजीब पर खतरा
अखिलेश यादव ने कहा कि संभल में सालों से लोग भाईचारे और शांति से रहते आए हैं, लेकिन इस घटना से इस भाईचारे को ‘गोली मारने’ का काम किया गया। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और इसके समर्थक देशभर में ‘खुदाई’ की बात कर रहे हैं, जिससे देश की सौहार्दपूर्ण माहौल और गंगा-जमुनी तहजीब को खतरा हो सकता है।
शाही जामा मस्जिद में सर्वे और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
अखिलेश यादव ने संभल की शाही जामा मस्जिद में हुए सर्वे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक बार अदालत के आदेश पर मस्जिद में सर्वे का काम पूरा हुआ था, लेकिन बाद में पुलिस और प्रशासन ने बिना अदालत के आदेश के फिर से सर्वे करने की कोशिश की। जब स्थानीय लोग इस पर सवाल उठाने पहुंचे, तो पुलिस क्षेत्राधिकारी ने बदसलूकी की और नाराज होकर कुछ लोगों ने पथराव कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने गोलीबारी की, जिससे पांच मासूमों की मौत हो गई।
न्याय और जांच की मांग
अखिलेश यादव ने इस हिंसा के लिए पुलिस और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित कर उन पर हत्या का मुकदमा चलाना चाहिए। साथ ही, सपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि संभल को इंसाफ मिलना चाहिए और इस घटनाक्रम की जांच उच्चतम न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश के नेतृत्व में कराई जानी चाहिए। कांग्रेस के उज्जवल रमण सिंह ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की और पूरी घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच की मांग की।