एअर इंडिया की महिला पायलटों ने बिना किसी पुरुष पायलट के बेंगलुरु में की सफलता पूर्वक लैंडिंग
आकाश ज्ञान वाटिका, 11 जनवरी, सोमवार। भारत की वीर महिलाओं के नाम सफलता का एक नया अध्याय उस समय जुड़ गया जब एयर इंडिया की फ्लाइट सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु पहुंची। बता दें कि एयर इंडिया की सबसे लंबी सीधी रूट की उड़ान सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतर गई है, जो उत्तरी ध्रुव के ऊपर से होते हुए पहुंची है, जिसकी दूरी लगभग 16,000 किलोमीटर की है। बड़ी बात यह है कि बिना किसी पुरुष पायलट के चार महिला पायलटों ने इस उड़ान को भरा।
यह बड़ी बात इसलिए भी है क्योंकि उत्तरी ध्रुव के ऊपर से होते हुए विमान उड़ाना काफी मुश्किल होता है और विमानन कंपनियां अनुभवी पायलटों को ही इस रूट पर भेजती हैं। एयर इंडिया के सूत्रों के मुताबिक, उड़ान संख्या एआइ-176 शनिवार को सैन फ्रांसिस्को से रात 8.30 बजे (स्थानीय समयानुसार) रवाना हुई और एक महिला पायलट द्वारा बताया गया कि 17 घंटों के बाद यह बेंगलुरु पहुंची।
विमान के चालक दल की सदस्य हैं-कैप्टन जोया अग्रवाल, कैप्टन पापागरी तनमई, कैप्टन आकांक्षा सोनवरे और कैप्टन शिवानी मन्हास। कैप्टन जोया अग्रवाल ने कहा, आज, हमने न केवल उत्तरी ध्रुव पर उड़ान भरकर, बल्कि सभी महिला पायलटों के साथ उड़ान भरके इतिहास का निर्माण किया। हम इसका हिस्सा बनकर बेहद खुश और गर्व महसूस कर रहे हैं। इस मार्ग से 10 टन ईंधन की बचत हुई है।
एयर इंडिया की सैन फ्रांसिस्को-बेंगलुरु उड़ान का संचालन करने वाली चार पायलटों में से एक, शिवानी मन्हास ने कहा, ‘यह एक रोमांचक अनुभव था क्योंकि यह पहले कभी नहीं किया गया था। यहां तक पहुंचने में लगभग 17 घंटे लग गए।’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी एयर इंडिया की सबसे लंबी दूरी की उड़ान महिला पायलटों द्वारा फ्रांसिस्को से बेंगलुरु तक लैंडिंग पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि आपने देश को गौरवान्वित किया है।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लैंडिंग से पहले ट्वीट किया, कॉकपिट में पेशेवर, योग्य और आत्मविश्वासी महिला चालक दल ने एयर इंडिया के विमान से सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु के लिए उड़ान भरी है और वे उत्तरी ध्रुव से गुजरेंगी। हमारी नारी शक्ति ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। बता दें कि यह संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिणी भारत के पश्चिमी तट के बीच पहली सीधी नॉन-स्टॉप उड़ान थी।