मुख्यमंत्री योगी के दुबारा सत्ता में आने के बाद गोरखपुर की तस्वीर बदलने वाली योजनाओं को बनाने में जुटे अधिकारी
आकाश ज्ञान वाटिका, मंगलवार, मंगलवार, 15 मार्च 2022, गोरखपुर। विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद पहली बार गोरखपुर आ रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन को देखते हुए प्रशासन गोरखपुर के विकास की रूपरेखा बनाने में जुटा है। पहले से चल रही विकास योजनाओं के प्रगति की समीक्षा के साथ भविष्य की संभावित योजनाओं पर भी मंथन किया जा रहा है। अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री इस संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिछले कार्यकाल में गोरखपुर के विकास को लेकर कई योजनाएं शुरू की गईं। गोरखपुर शहर की स्थिति बदल चुकी है। बाहर से आने वाले लोगों को यह बदलाव नजर भी आता है। इसी तरह औद्योगिक क्षेत्र में भी काफी प्रगति आयी। निवेशक गोरखपुर में आकर निवेश करना चाहते हैं। विधानसभा चुनाव के चलते कई योजनाओं पर काम रुक गया था। परिणाम आने के बाद उसे दोबारा शुरू किया जा चुका है। मुख्यमंत्री के समक्ष जिन परियोजनाओं की चर्चा हो सकती है, उसमें स्मार्ट रोड की परियोजना, चौराहों को चौड़ा करने, अतिक्रमण हटाने, जलभराव से मुक्ति व रामगढ़ताल के सुंदरीकरण से जुड़ी परियाजनाएं शामिल हैं।
गोरखपुर में हो रहे सड़काें के निर्माण की प्रगति की समीक्षा भी हो सकती है। गोरखपुर -देवरिया मार्ग, गोरखपुर-महराजगंज मार्ग, मोहद्दीपुर-जंगल कौड़िया मार्ग, नौसढ़-पैडलेगंज सिक्सलेन, जेल बाईपास रोड आदि के निर्माण की प्रगति की समीक्षा भी की जाएगी। इसके साथ ही राप्ती नदी के किनारे बांध के सुंदरीकरण कार्य पर भी चर्चा हो सकती है। जिले के विकास को लेकर और क्या काम हो सकते हैं, इसको लेकर भी अधिकारियों की ओर से सुझाव दिए जा सकते हैं। शहर को जाम से मुक्त बनाने एक प्रमुख समस्या रही है, इसको लेकर किए जा रहे प्रयासों से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराने की तैयारी है।
विधानसभा चुनाव का परिणाम भाजपा के पक्ष में आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 17 मार्च को गोरखपुर में प्रथम आगमन हो सकता है। हालांकि इसे लेकर कोई आधिकारिक कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है लेकिन परंपरागत रूप से होली मनाने और भगवान नरसिंह की परंपरागत शोभा यात्रा में शामिल होने के लिए दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले योगी की गोरखपुर आने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
सात चरणों का मतदान समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री के गोरखपुर प्रवास के दौरान होलिका दहन समिति पांडेयहाता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की होलिकोत्सव समिति के पदाधिकारियों ने उनसे मुलाकात कर होलिका दहन कार्यक्रम और नरसिंह शोभा यात्रा में शामिल होने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त भी किया था। इस आधार पर मुख्यमंत्री का 17 मार्च को गोरखपुर आना तय था लेकिन उसके बाद चुनाव परिणाम आ गया और मुख्यमंत्री की राजनीतिक व्यस्तता बढ़ गई। ऐसे में 17 मार्च को उनका गोरखपुर का कार्यक्रम स्पष्ट नहीं हो सका है। हालांकि निर्धारित तिथि पर उनके आने की संभावना अभी बनी हुई है। मुख्यमंत्री बीते दो वर्ष से होलिका दहन कार्यक्रम और नरसिंह शोभायात्रा में कोरोना की वजह से शामिल नहीं हो सके थे। इस बार होली पर कोरोना का ग्रहण न हाेने से समिति के लोगों दोनों कार्यक्रमों में उनका आना सुनिश्चित मान रहे हैं।