सम्भागीय स्वास्थ्य एवं प्रशिक्षण केन्द्र चन्दनगर देहरादून में डेंगु/चिकनगुनिया प्रबन्धन विषय पर किया गया दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
डेंगु/चिकनगुनिया रोग विगत कुछ वर्षाें से जनपद देहरादून के लिए एक बड़ी जनसमस्या बन गयी है
अखिल आर्युविज्ञान संस्थान ऋषिकेश के निम्न प्रोफेसरों द्वारा डेंगु/चिकनगुनिया रोग से बचाव के सम्बन्ध में व्याख्यान दिया गया
आकाश ज्ञान वाटिका, शनिवार, 18 मार्च 2023, देहरादून। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अवगत कराया है कि डेंगु/चिकनगुनिया रोग विगत कुछ वर्षाें से जनपद देहरादून के लिए एक बड़ी जनसमस्या बन गयी है। इस सम्बन्ध में 17 व 18 मार्च 2023 को #सम्भागीय स्वास्थ्य एवं प्रशिक्षण केन्द्र चन्दनगर देहरादून में डेंगु/चिकनगुनिया प्रबन्धन विषय पर 02 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। #Divisional Health and Training Center
कार्यशाला में प्रथम दिन जनपद के विभिन्न राजकीय चिकित्सालयों में कार्यरत चिकित्याधिकारियों द्वारा एवं दूसरे दिन जनपद के विभिन्न निजी चिकित्यालयों में कार्यरत चिकित्साधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
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कार्यशाला में अखिल आर्युविज्ञान संस्थान ऋषिकेश के निम्न प्रोफेसरों द्वारा डेंगु/चिकनगुनिया रोग से बचाव के सम्बन्ध में व्याख्यान दिया गया :
➲ डॉ० संतोष कुमार, एडिशनल प्रोफेसर कम्युनिटी एण्ड फेमली मेडिसिन एम्स ऋषिकेश ने सेवन प्लस वन माॅडल के बारे में बताया कि 07 दिनों तक बहुउद्देशीय टीम का गठन किया जाए जिसमें आशा कार्यकर्ती, ए.एन.एम. एवं स्थनीय लोंगो को रखा जाए। इस टीम के माध्यम से मच्छरों के लार्वाजित क्षेत्रों को नष्ट किया जाए।
➲ डॉ० मुकेश ऐसोसिएट प्रोफेसर इन्टरनल मेडिसिन एम्स ऋषिकेश ने डेंगु/चिकनगुनिया मरीजों के उपरचार के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि #डेंगु शाॅक सिन्ड्रोम या #डेंगु हैमरेजिक बुखार का उपचार सावधानीपूर्वक किया जाए। उचित समय पर रेफरल का ध्यान रखा जाए। यदि डेंगु बुखार के तीसरे दिन ब्लड प्रेशर एवं प्लेटलेट्स डाउन हो तो मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती कर त्वरित उपचार की व्यवस्था की जाए।
➲ डॉ० आशीष जैन ऐसोसिएट प्रोफेसर ब्लड बैंक एम्स ऋषिकेश न बताया गया डेंगु / चिकनगुनिया में रक्त की जँचों का बहुत महत्व है। लैब की मशीनों एवं तकनीक का उचित होना एवं एलाईजा जाँच की अति आवश्यकता है, साथ ही लैब में कार्यरत स्टाॅफ का प्रशिक्षण होना भी अति आवश्यक है। मरीजों को प्लेटलेट्स की आवश्यकता पड़ने पर ही प्लेटलेट्स चढ़ाने तथा जम्बो पैक प्लेटलेट्स के बारे में जनसामान्य को जागरूक किया जाए। सभी मरीजों को प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए किसी को धबराने की आवश्यकता नहीं है।
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