बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर अहमदाबाद में आज रात से लगेगा 57 घंटे का कर्फ्यू – सिर्फ कुछ ही दुकानें रहेंगी खुली
आकाश ज्ञान वाटिका, 20 नवम्बर 2020, शुक्रवार। कोरोना संक्रमण बढ़ने से गुजरात सरकार ने वीरवार को निर्णय लिया कि 20 नवंबर की रात 9 बजे से 23 नवंबर सुबह 6 बजे तक अहमदाबाद में पूर्ण कर्फ्यू रहेगा। इस अवधि के दौरान केवल दूध और दवा दुकानें खुली रहेंगी। लोगों को बिना काम घर से नहीं निकलने की नसीहत दी गई है, लेकिन स्कूल-कॉलेज खोलने के अपने निर्णय पर सरकार कांग्रेस के निशाने पर है। दीवाली व नववर्ष पर्व के बाद गुजरात में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ा है। लोगों को समूह में नहीं खड़े रहने तथा बिना काम घर से नहीं निकलने की नसीहत दी है।
गुजरात में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक लाख 92 हजार 882 हो गई है। इनमें से एक लाख 76475 स्वस्थ होकर घर पहुंच गए हैं। बीते चौबीस घंटे में राज्य में कोरोना संक्रमण के 1370 नए केस सामने आए, जबकि सात और लोगों की कोरोना से मौत हो गई। राज्य में कोरोना से अब तक 3830 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में कोरोना के 12677 एक्टिव केस हैं, जिनमें से 87 वेंटीलेटर पर हैं। अहमदाबाद में सबसे अधिक 46268 केस हैं, जबकि मौत का आंकडा 1953 पहुंच गया है। सूरत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 40629 है तथा मरने वालों की संख्या 878 है, वहीं वडोदरा में कोरोना संक्रमण के 18208 केस सामने आ चुके हैं जबकि मौत का आंकडा 216 है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ0 राजीव गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के निर्देश पर अहमदाबाद में रात्रि कर्फ्यू 20 नवंबर से लागू रहेगा। डॉ0 राजीव गुप्ता ने बताया कि अहमदाबाद के स्पेशल कोविड-19 हॉस्पिटल में 900 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गई है। सरकारी अस्पतालों में अतिरिक्त 300 चिकित्सक व 300 मेडिकल छात्र तैनात किए गए हैं। सरकार ने अतिरिक्त एंबुलेंस व जांच केंद्र भी खोले हैं।
शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्मा आगामी 23 नवंबर से राज्य में स्कूल कॉलेज खोलने की घोषणा दोहराकर सबके निशाने पर आ गए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने कहा कि एक ओर सरकार कर्फ्यू लगा रही है, वहीं दूसरी ओर स्कूल खोलने के निर्णय पर अड़ी है। स्कूलों में ना बड़े कमरे हैं, ना खेल मैदान व ना ही पर्याप्त परिवहन सुविधा फिर अभिभावक बच्चों को महामारी के दौर में क्यों स्कूल भेजें। युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पार्थिव राजसिंह कठवाडिया ने सरकार के फैसले को तुगलकी फरमान बताते हुए पूछा कि सरकार स्कूल संचालकों के साथ है या अभिभावक व बच्चों के साथ। कोरोना केस बढ़ रहे हैं। फिर स्कूल कॉलेज खोलने की जल्दबाजी क्यों कर रहे हैं। क्या सरकार अभिभावकों व बच्चों को भी अस्पतालों में भेजना चाहती है।
अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ0 मोना देसाई ने कर्फ्यू का स्वागत करते हुए कहा कि इससे कोरोना संक्रमण पर काबू पाने में मदद मिलेगी। लोग शारीरिक दूरी नहीं रख रहे हैं तथा मास्क लगाने में भी लापरवाही कर रहे हैं।