देहरादून के 200 स्थानों पर लगभग 500 कैमरे रखेंगे चप्पे चप्पे की निगरानी
आकाश ज्ञान वाटिका, 7 अप्रैल 2021, बुधवार, देहरादून। स्मार्ट सिटी कंपनी के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर ‘सदैव दून’ की सेवाओं का संचालन जनवरी 2021 से शुरू कर दिया गया था। विशेषकर इसके माध्यम से दून की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में मदद मिल रही है। शहर के 200 स्थानों पर लगभग 500 कैमरे कार्य कर रहे हैं। स्मार्ट दून की बात करें तो हमारे पास भी अब विकसित राष्ट्रों की तरह अत्याधुनिक कंट्रोल रूम मौजूद है। इस कंट्रोल में बैठकर शहर के किसी भी हिस्से की निगरानी की जा सकती है। उच्च क्षमता के कैमरों की बदौलत यह सब हो पाता है। इन कैमरों की मदद से यातायात नियम के उल्लंघन पर 10 हजार से अधिक व्यक्तियों के चालान भी काटे जा चुके हैं।
ट्रैफिक व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन के लिए 49 ट्रैफिक सिग्नल, 133 ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरा, 58 रेड लाइट वाइलेशन डिटेक्शन व पांच इमरजेंसी कॉल बॉक्स कार्य कर रहे हैं। वर्तमान तक इस परियोजना के तहत ई-चालान सर्विसेज के तहत वाहनों की आवाजाही की निगरानी के लिए इंटेलिजेंट ट्रैफिक मॉनीटरिंग सिस्टम लगाए गए हैं, जिसके माध्यम से पुलिस विभाग को इससे ट्रैफिक की निगरानी में मदद मिल रही है तथा वर्तमान तक पुलिस विभाग की ओर से 10,602 वाहनों के ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर चालान काटे गए हैं।
इसके अतिरिक्त देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से अपष्टि प्रबंधन (कूड़ा प्रबंधन) बेहतर बनाने के लिए निकाय के अपष्टि एकत्र करने से लेकर निस्तारण में कार्यरत समस्त वाहनों की जीपीएस के माध्यम से निगरानी देहरादून इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से की जाएगी, जिसके लिए देहरादून नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न वार्डों में लोगों के घरों के बाहर एक हेल्पलाइन क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं। यह हेल्पलाइन क्यूआर कोड अपष्टि संग्रहणकर्ता की ओर से एक उपकरण से स्कैन किए जाएगें। इसके बाद देहरादून इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर एवं शहरवासियों को संदेश पहुंचेगा, जो अपष्टि एकत्र करने की स्थिति को सुनिश्चित करेगा। वर्तमान तक डोर टू डोर अपष्टि एकत्र करने के लिए प्लेटफॉर्म मैपिंग कर लिया गया है। डोर टू डोर स्कैनिंग के लिए मोबाइल ऐप तैयार किया गया है। मैप किए गए मार्गों पर जीपीएस और सेंसर युक्त वाहनों को डोर टु डोर संग्रह के संचालन के लिए स्थापित कर दिया गया है। अपष्टि संग्रहण प्रबंध के तहत 11,038 हेल्पलाइन क्यूआर कोड वर्तमान तक लगाए जा चुके हैं।