लोकसभा चुनाव 2019 में नरेंद्र मोदी को पूरे देश में मिला जबरदस्त जन समर्थन ।
कई ऐतिहासिक सुखद पल देखने को मिले, लोक सभा चुनाव – २०१९ में
सामान्य परिवार का व्यक्ति भी को देश की सबसे बड़ी अदालत, संसद में सांसद बनकर आने का मौका मिला
‘ओडिशा का मोदी’
चुनाव अर्थात निर्वाचन, लोकतंत्र में जनता द्वारा अपने प्रतिनिधियों को चुनने की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। चुनाव के द्वारा ही लोग लोकतंत्र में विधायिका के विभिन्न पदों पर आसीन होने के लिये व्यक्तियों को चुनते हैं। चुनाव के द्वारा ही क्षेत्रीय एवं स्थानीय निकायों के लिये भी व्यक्तिओं का चुनाव होता है। आज चुनाव का प्रयोग व्यापक स्तर पर होने लगा है और यह निजी संस्थानों, क्लबों, विश्वविद्यालयों, धार्मिक संस्थानों आदि में कार्यकारणी पदाधिरियों का चुनाव होता है।
भारतीय लोकतंत्र में, मुख्यतः संविधान में पूरे देश के लिए एक लोकसभा तथा पृथक-पृथक राज्यों के लिए अलग विधानसभा का प्रावधान है।
भारतीय संविधान के भाग 15 में अनुच्छेद 324 से अनुच्छेद 329 तक निर्वाचन की व्याख्या की गई है।
लोकसभा सीटों की संख्या 545 है, जिनमें से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 543 सीटों के लिए आम चुनाव होते हैं। इनके अलावा अगर राष्ट्रपति को लगता है कि एंग्लो-इंडियन समुदाय के लोगों का लोकसभा में प्रतिनिधित्व काफ़ी नहीं है तो वह दो लोगों को सांसद मनोनीत करते हैं, इसी प्रकार अलग-अलग राज्यों की विधानसभाओं के लिए अलग-अलग संख्या में विधायक चुने जाते हैं। नगरीय निकाय चुनावों का प्रबंध राज्य निर्वाचन आयोग करता है, जबकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव भारत निर्वाचन आयोग के नियंत्रण में होते हैं, जिनमें वयस्क मताधिकार प्राप्त मतदाता प्रत्यक्ष मतदान के माध्यम से सांसद एवं विधायक चुनते हैं। लोकसभा तथा विधानसभा दोनों का ही कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।
सत्रहवीं लोक सभा के गठन के लिए आम चुनाव, देशभर में 11 अप्रैल से 19 मई 2019 तक कुल 7 चरणों में अयोजित कराये गये। चुनाव के परिणाम 23 मई को घोषित हुए। जहाँ एक ओर भारतीय जनता पार्टी 303 सीटों पर जीत हांसिल कर पूर्ण बहुमत के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी और भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को कुल 353 सीटें मिली वहीं कांग्रेस पार्टी ने 52 सीटें जीतीं और कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 92 सीटें जीतीं। अन्य दलों और उनके गठबंधन ने भारतीय संसद में 97 सीटें जीतीं।
जहाँ एक ओर ग्राम पंचायत स्तर, वार्ड स्तर यहाँ तक कि कॉलेज स्तर के चुनावों में कई लाख रुपये प्रचार हेतु खर्च कर दिए जाते हैं वही दुसरी ओर इस बार सबसे बड़े लोक तंत्र, हिन्दुस्तान के सबसे बड़े चुनाव, लोक सभा चुनाव – २०१९ में कई ऐसे ऐतिहासिक संयोग देखने को मिले, जिससे यह स्वतः ही सिद्ध हो गया कि महान व्यक्तित्व की गुणवत्ता व शालीनता के सामने, धनबल व बाहुबल का दूर – दूर तक कोई अस्तित्व ही नहीं है। सन २०१९ के ये लोक सभा चुनाव अपने आप में कई ऐतिहासिक सुनहरे पलों को समेटे हुए हैं जिससे नए भारत के निर्माण के सकारात्मक सोच को बल मिलता है एवं आम जन को अपने कर्त्तव्यों पर आधारित सही परिणामों से सकून मिलने के साथ-साथ मनोबल बढ़ता है। बहुत ही हर्ष का विषय है कि आज देश के संसद रुपी पावन मंदिर में माननीय नरेन्द्र मोदी के के नेतृत्व में कई ऐसे सांसद जीत कर संसद में पहुँचे हैं जो वास्तव में भारत माँ के असली पुजारी व आम जन के सेवक हैं । संसद में महिलाओं की भागीदारी बढ़ना, महिलाओं के प्रति हमारा सम्मान को दर्शाने के साथ – साथ, महिलाओं की देश के प्रति आस्था, विकासवादी व सकारात्मक जनसेवा की चाह को भी दर्शाता है।
इस बार के चुनाव नतीजों ने यह भी साबित कर दिया कि अब देश की जनता पहले से कही ज्यादा जागरूक हो चुकी है। देश के सम्मानित मतदाताओं ने इस बार राष्ट्रवाद, विकासवाद व सकारात्मक सोच वाली मानसिकता को सर्वोपरि माना। देश की सुरक्षा व सैनिकों के सम्मान का मुद्दा भी इस चुनाव का हिस्सा रहा। चुनाव-परिणामों ने यह भी दिखा दिया कि धनबल व बाहुबल से ही चुनाव नहीं जीते जाते हैं। चुनाव जीतने के लिए प्रत्याशी में वह सभी गुण व्याप्त होने चाहिए जिससे वह लोगों के दिलों को जीत सकें।
लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा और खासतौर पर नरेंद्र मोदी को पूरे देश में जबरदस्त जन समर्थन मिला। कई ऐसे नेता सांसद चुनकर आए हैं, जो वास्तव में जमीन से जुड़े हैं और बेहद सादगी के साथ जनता के बीच रह कर काम कर रहे हैं। ‘ओडिशा का मोदी’ नाम से महसूर, बेहद सादगी के लिए पहचाने जाने वाले, ओडिशा की बालासोर सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट से जीतकर आये एक बेहद सरल व्यक्तित्व हैं प्रताप चंद्र सारंगी । वह नीलगिर विधानसभा क्षेत्र से सन 2004 और 2009 में विधायक चुने जा चुके हैं। सन 2014 में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 में बीजू जनता दल (बी जे डी ) के करोड़पति उम्मीदवार रविंद्र कुमार जैना को हराया। 64 वर्षीय सारंगी आज भी साइकिल ही चलाते हैं। वे भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं, उनकी पहचान सामाजिक सरोकार के कार्यों से है। जीत के बाद श्री प्रताप चंद्र सारंगी दिल्ली जाने की तैयारी कर रहे हैं। वह अविवाहित हैं, एक छोटे से घर में रहते हैं और सन्यासियों की तरह जीवन व्यतीत करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सारंगी से बहुत प्रभावित हैं। मोदी जब भी ओडिशा आते हैं, उनसे जरूर मिलते हैं। वह एक ऐसे व्यक्ति जिसके लिए समाजसेवा और परोपकार व्यक्तिगत सुख से बढ़कर है और एक वास्तविक जनप्रतिनिधि के कृतित्व को वर्षों से जीने वाले व्यक्ति आज देश की सबसे बड़ी पंचायत में अन्तिम व्यक्ति की आवाज को बुलंद करेंगें।
बालासोर में नीलगिर के गोपीनाथपुर गांव में 4 जनवरी 1955 को जन्मे प्रताप चंद्र सारंगी एक बेहद गरीब परिवार से सम्बन्ध रखते हैं। वह बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे और साधु बनना चाहते थे। नीलगिरी के फकीर मोहन कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद वे साधु बनने के लिए रामकृष्ण मठ चले गए। वहाँ लोगों को पता चला कि उनकी माँ विधवा हैं और परिवार में कोई नहीं है तो सलाह दी कि वे घर जाकर माँ की सेवा करें। माताजी का पिछले साल निधन हो चुका है।सारंगी ने शादी नहीं की और अपना पूरा जीवन जनसेवा में लगा दिया है। ये एक छोटे से घर में रहते हैं और साइकिल पर चलते हैं। इनके पास सम्पत्ति के नाम पर कुछ नहीं है। आज भी साइकिल में घूम – घूम के लोगों के सुख दुःख में बढ़ चढ़ कर भाग लेते हैं और हर सम्भव उनकी सहायता व सेवा करते हैं । जमीनी स्तर पर इन्हें लोगों का समर्थन है। प्रताप चंद्र सारंगी ने जमीनी स्तर पर समाज सेवा के बहुत काम किए हैं। सारंगी बालासोर और मयूरभंज के आदिवासी बहुल गांवों में गण शिक्षा मंदिर योजना के तहत कई स्कूल संचालित करते हैं, जिन्हें सामर कारा केंद्र नाम दिया गया है। वह आज भी साइकिल से चलते हैं।
आकाश ज्ञान वाटिका परिवार के समस्त पदाधिकारी व सदस्य ऐसे महान व्यक्तित्व को नमन करते हैं । नमन करते हैं ऐसे महान व्यक्तित्व नरेन्द्र मोदीजी को जिनकी दूरदृष्टिता के कारण ही आज हर व्यक्ति विशेष को उसकी क्षमता व योग्यता के आधार पर महत्त्व मिल रहा है। इसी कारण आज एक गरीब व सामान्य परिवार का व्यक्ति को भी देश की सबसे बड़ी अदालत, संसद में सांसद बनकर आने का मौका मिला। हमें ऐसे ही लोगो से शिक्षा लेकर आगे बढ़ना चाहिये। ऐसे लोग ही हमारे देश और समाज को विकास की राह पर आगे ले जाकर विश्व में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त करेंगे।
जय हिन्द ।
घनश्याम चंद्र जोशी
सम्पादक
आकाश ज्ञान वाटिका