Breaking News :
>>कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए आज हर की पैड़ी पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, मां गंगा को नमन कर लगाई आस्था की डुबकी>>उत्तराखंड पीसीएस मुख्य परीक्षा स्थगित, आयोग ने जारी की सूचना>>पेड़-पौधे लगाते समय हो जाएं सावधान, नहीं तो बढ़ सकता है इन 6 बीमारियों का खतरा>>कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने केदारनाथ उपचुनाव में तेज किया प्रचार, कांग्रेस पर किए तीखे हमले>>दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए GRAP-3 लागू, आज से कई गतिविधियों पर प्रतिबंध>>श्रीनगर बैकुंठ चतुर्दशी मेला राज्य की अनमोल धरोहर- मुख्यमंत्री>>दशकों से अमेरिका और वैश्वीकरण एक-दूसरे का पर्याय>>सरकार होम स्टे योजना को बढ़ावा देकर युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ रही है- महाराज>>सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज देहरादून आपदा प्रभावितों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध- ललित जोशी>>मुख्यमंत्री धामी ने जौलजीबी मेला-2024 का किया शुभारंभ>>मुख्य सचिव ने की स्मार्ट मीटरिंग के कार्यों की समीक्षा >>टीरा’ ने जियो वर्ल्ड प्लाजा में लॉन्च किया लग्जरी ब्यूटी स्टोर>>फिल्म स्टार मनोज बाजपेई को जमीन खरीदवाने के लिए ताक पर रख दिए गए नियम- कायदे >>सुबह उठने पर महसूस होती है थकान? ऊर्जा के लिए खाएं ये 5 खाद्य पदार्थ>>बिना सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में नजर आई गहमागहमी>>तीसरे टी20 मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 11 रनों से हराया, सीरीज में 2-1 की बनाई बढ़त>>पराजय को सामने देख अब प्रपंच रच रही है कांग्रेस, जनता देख रही है इनकी कुटिलता और झूठे पैंतरे – रेखा आर्या>>झूठी अफवाह फैलाकर केदारनाथ धाम पर बेवजह राजनीति कर रही है कांग्रेस- महाराज>>नेपाल में भारतीय हिंदुओं की स्थितियां बहुत खराब>>उत्तराखण्ड में जल्द लागू होगा सशक्त भू-कानून- सीएम
देशविशेषसामाजिकसामाजिक गतिविधियाँसुर्खियाँ

राष्ट्र के लिए सम्मान : भारतीय पीएम नरेन्द्र मोदी को मिला “सियोल शांति पुरस्कार”

दुनिया के प्रसिद्ध पुरस्कारों में से एक “सियोल शांति पुरस्कार” भारतीय पीएम नरेन्द्र मोदी के नाम

दक्षिण कोरिया का सबसे बड़ा शहर, सियोल दक्षिण कोरिया की राजधानी है जो हान नदी के किनारे बसा है। दुनिया के प्रसिद्ध पुरस्कारों में से एक “सियोल शांति पुरस्कार” को सन 1990 से साउथ कोरिया ने देना शुरू किया है और यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने विश्न में शांति, एकजुटता और समाज के लिए सर्वोत्तम योगदान किया हो। इस पुरस्कार के लिए फिल्म, खेल, राजनीति, विज्ञान, शिक्षा और इत्यादि क्षेत्रों से श्रेष्ठ व लोगों को चुना जाता है तथा जिसका योगदान सबसे अधिक होता है उसे ही यह पुरस्कार दिया जाता है।
दक्षिण कोरिया के “सियोल शांति पुरस्कार सांस्कृतिक फाउंडेशन” के अध्यक्ष नॉन ई-ह्यॉक ने इस पुरस्कार के लिए भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को ‘बेहतरीन उम्मीदवार’ मानते हुए उन्हें यह सम्मान देने का एलान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “सियोल शांति पुरस्कार” पाने वाले पहले भारतीय हैं। इस पुरस्कार से पहले भी पीएम मोदी को संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ’ पुरस्कार से नवाजा था ।
सियोल शांति पुरस्कार सांस्कृतिक फाउंडेशन के अध्यक्ष नॉन ई-ह्यॉक ने पीएम मोदी द्वारा शुरू किए अभियानों की जमकर सराहना की तथा भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से भारत में लागू की गयी नोटबंदी को भी सराहनीय कदम बताया । विदेश मंत्रालय के मुताबिक, ‘सियोल शांति पुरस्‍कार समिति’ ने अंतरराष्‍ट्रीय सहयोग, वैश्‍विक, आर्थिक तरक्‍की को आगे बढ़ाने और भारत में मानव विकास को आर्थिक प्रगति के जरिए आगे बढ़ाने और भ्रष्‍टाचार के विरोध में लड़ाई के साथ ही सामाजिक एकता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्पण को पहचाना है। कमेटी ने आर्थिक और सामाजिक भेदभाव को दूर करने के लिए भारत के प्रधान मंत्री मोदी के प्रयासों व तौर तरीकों को श्रेय दिया है। कमेटी ने भष्‍ट्राचार के विरोध में चलाई गई पीएम मोदी की मुहिम और डीमॉनेटाइजेशन(नोटबंदी) जैसे उपायों को भी सराहा ।
यह पुरस्कार मोदी जी को दक्षिण कोरिया देश की और से दिया गया है । इस पुरस्कार के साथ पीएम मोदी को काफी बड़ी धनराशि भी इनाम के तौर पर मिली है । इस पुरस्कार के साथ ही करीब दो लाख अमेरिकी डॉलर की राशि भी इनाम के तौर पर दी जाती है और पीएम मोदी जी को भी ये राशि दी गई है जो 1 करोड़ 42 लाख के करीब की है । वहीं इस राशि को पीएम मोदी द्वारा स्वच्छता के लिए चलाये जा रही नमामि गंगे परियोजना के लिए दान कर दिया है। इस पुरस्कार की राशि को दान करने से पहले भी मोदी ने हाल ही में उनको मिले उपहारों को नीलामी कर जो धनराशि प्राप्त हुई उसको भी इस परियोजना के लिए दान कर दी थी ।

सियोल शांति पुरस्कार विजेता:

पीएम नरेंद्र मोदी, वर्ष : 2018, देश : भारत, विश्व शांति और आर्थिक विकास में उनके योगदान के लिए।

डेनिस मुक्वेगे, वर्ष : 2016, देश : कांगो डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, अन्यायपूर्ण युद्धों और संघर्षों को समाप्त करने की दिशा में उनके प्रयास के लिए।

एन्जेला मार्केल, वर्ष : 2014, देश : जर्मनी, मानवाधिकारों की रक्षा, शांति को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से युद्ध और आतंकवाद को रोकने में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए।

बान की मून, वर्ष : 2012, देश : दक्षिण कोरिया, विश्व शांति को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों के लिए तथा सामाजिक आर्थिक विकास और विकासशील देशों में गरीबी में कमी के लिए सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन के लिए उन्हें पर्याप्त रूप से श्रेय दिया जाता है।

जोस एंटोनियो अब्रू, वर्ष : 2010, देश : वेनेजुएला, किशोरियों को हिंसा और अपराध से बचाने के लिए और आर्केस्ट्रा के संगठन के माध्यम से सद्भाव, सहयोग और फेलोशिप को बढ़ावा देकर एक शांतिपूर्ण समाज के निर्माण में योगदान देने के लिए।

अब्दुल सत्तार इदी, वर्ष : 2008, देश: पाकिस्तान, अमेरिकी कांग्रेस में उत्तर कोरिया मानवाधिकार अधिनियम 2004 के सर्वसम्मति से पारित होने और वंचित नागरिकों के लिए उनके अंतहीन संघर्ष को प्राप्त करने में उनकी निर्णायक भूमिका के लिए।

मुहम्मद यूनुस, वर्ष : 2006, देश : बांग्लादेश, गरीबी का मुकाबला करने के लिए वैश्विक लड़ाई में सबसे अग्रणी होने के लिए।

व्लाकव हवेल, वर्ष : 2004, देश : चेक गणराज्य, तत्कालीन-चेकोस्लोवाकिया के लोकतंत्रीकरण में उनकी भूमिका के लिए।

ऑक्सफैम, वर्ष : 2002, देश : यूनाइटेड किंगडम, गरीबी, दुर्दशा और आपदा से लोगों को राहत दिलाने में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए।

सदको ओगाटा, वर्ष : 2000, देश : जापान, संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त बनाने में उनकी प्रमुख भूमिका संयुक्त राष्ट्र के कई बोर्डों के हिस्से के रूप में दुनिया की प्रमुख मानवीय एजेंसियों में से एक है। उन्हें यह पुरस्कार शरणार्थियों की दुर्दशा को कम करने में मदद करने के लिए मिला।

कोफी अन्नान, वर्ष : 1998, देश : घाना, उनके प्रबंधन कार्यों के लिए शरणार्थी और शांति बनाए रखने के मुद्दे तथा खाड़ी में युद्ध से बचने वाली शांति के लिए उनके प्रस्तावित समझौते के लिए।

मेडेकिन्स सेन्स फ्रंटिएरेस, वर्ष : 1996, देश : स्विट्जरलैंड, उन लोगों को आपातकालीन चिकित्सा राहत देने के लिए जिनके स्वास्थ्य को युद्ध, नागरिक संघर्ष, महामारी या प्राकृतिक आपदाओं से खतरा है।

जॉर्ज शुल्त्स, वर्ष : 1992, देश: संयुक्त राज्य अमरीका, उनके कार्यकाल के दौरान शीत युद्ध को समाप्त करने में निर्णायक भूमिका निभाने के लिए।

जुआन एंटोनियो समरंच, वर्ष : 1990, देश : स्पेन, पुरस्कृत करने की वजह: खेल के माध्यम से विश्व शांति के लिए उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए।

भारत माता की जय।

जय हिन्द, जय जवान।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!