कलेक्शन एजेंट ही निकला 23.86 लाख की लूट का मास्टरमाइंड
देहरादून : कालीदास मार्ग पर सोमवार को हुई 23.86 लाख रुपये की सनसनीखेज लूट का पुलिस ने खुलासा कर दिया। लूट की पूरी साजिश कलेक्शन एजेंट ने ही रची थी। वारदात में शामिल एजेंट और उसके दो दोस्तों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों की निशानदेही पर पुलिस ने 23.49 लाख रुपये भी बरामद कर लिए हैं।
एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि रेडियंट कैश मैनेजिंग प्राइवेट लिमिटेड के कलेक्शन एजेंट से जिस तरह लूट की वारदात को अंजाम दिया गया था, उससे शुरुआत से ही एजेंट आशुतोष गुप्ता निवासी रामनगर मोहल्ला लक्खीबाग की ओर शक की सूई घूमने लगी थी।
बुधवार शाम को आशुतोष गुप्ता को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने सच उगल दिया। पूछताछ में आशुतोष ने बताया कि यह साजिश उसने अपने पड़ोस में रहने वाले दो दोस्तों श्रीकांत बंसल पुत्र सुशील कुमार व अंकित धीमान पुत्र स्व.सोमनाथ धीमान के साथ मिलकर रची थी। तय हुआ था कि जब कैश लेकर कालीदास मार्ग से गुजरेगा तो एक जगह पर रुक कर लघुशंका करेगा। इस दौरान बैग मोटरसाइकिल पर रखा होगा, जिसे लेकर वह फरार हो जाएंगे।
घटना को असली रूप देने के लिए आशुतोष ने ही तय किया था कि मिर्च पाउडर वह खुद अपनी आंखों में डाल लेगा और जब दोनों बैग लेकर फरार हो जाएंगे तो वह शोर मचा देगा। एसएसपी ने बताया कि सबकुछ प्लानिंग से ही हुआ, लेकिन आशुतोष की आंख में बेहद कम मिर्च पड़ी होने ओर लूट के दौरान किसी तरह का विरोध न होने से आशुतोष शक के दायरे में आ गया और पूछताछ में सबकुछ उगल दिया। इस घटना के खुलासे में एसओजी और कोतवाली पुलिस की अहम भूमिका रही। एसएसपी ने टीम को ढाई हजार रुपये इनाम भी दिया है।
अंकित के घर से मिला कैश
लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद अंकित और श्रीकांत दोनों बाइक से बैग लेकर लक्खीबाग आ गए। यहां अंकित के घर पर रुपयों से भरा बैग रख दिया, लेकिन उसमें भागने के लिए कुछ रुपये निकाल लिए। इधर, जब आशुतोष को लगा कि अब उसका भेद खुलने वाला है तो दोनों दोस्तों को फोन कर कहा कि वह कहीं भाग जाएं। लिहाजा गुरुवार रात दोनों आइएसबीटी से कहीं बाहर भागने की फिराक में पहुंचे और पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
कंपनी को सबक सिखाने के लिए रची साजिश
आशुतोष गुप्ता ने पूछताछ में बताया कि कंपनी उससे रोजाना लाखों रुपये का कलेक्शन कराती थी। लाखों रुपये लेकर चलने के दौरान रिस्क रहता था, लेकिन इसके बदले उसे कम तनख्वाह दी जाती थी। लिहाजा कंपनी को सबक सिखाने के लिए यह साजिश रची। उसने बताया कि उसे कतई इस बात का गुमान नहीं था कि पुलिस इतनी जल्दी उससे सच उगलवा लेगी।
सोमवार को ही रची थी साजिश
आशुतोष गुप्ता आमतौर पर कलेक्शन के लिए मुख्य मार्गों का प्रयोग करता था, लेकिन सोमवार सुबह प्लानिंग बनी कि आज वह जीएमएस रोड से कलेक्शन कर कालीदास मार्ग के रास्ते राजपुर रोड की ओर जाएगा। इस दौरान दोनों उसके पीछे रहेंगे, इस दौरान वह लघुशंका के लिए रुकेगा और खुद ही आंख में मिर्च डाल लेगा और दोनों बैग लेकर फरार हो जाएंगे।
फुटेज में भी पीछा करते दिखे थे दोनों
जीएमएस रोड से कालीदास मार्ग के बीच लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज ने भी पुलिस की खासी मदद की। एक कैमरे में श्रीकांत और अंकित आशुतोष की बाइक के पीछे चलते दिख गए। इस फुटेज को जब आशुतोष को दिखाया गया तो वह ज्यादा देर तक पुलिस के सामने टिक नहीं सका।
असल लूट की और होती है तस्वीर
23 लाख रुपये की इतनी आसानी से हुई लूट ने भी पुलिस को आशुतोष पर शक करने पर विवश कर दिया था। दस-बीस हजार रुपये की लूट में भी पीड़ित बदमाशों का प्रतिरोध करता है, लेकिन यहां तो आशुतोष से बदमाशों को जरा भी छीना-झपटी तक नहीं हुई थी। आंखों में कम मिर्च पाउडर पड़ने से भी उसकी कलई खुल गई।