“विश्व पर्यावरण दिवस” प्रकृति को समर्पित दुनिया भर में सबसे बड़ा उत्सव है।
पर्यावरण दिवस पर नेहरू कालोनी ए-ब्लाॅक में किया वृक्षारोपण
देहरादून। “विश्व पर्यावरण दिवस” प्रकृति को समर्पित दुनिया भर में सबसे बड़ा उत्सव है। पर्यावरण का संबंध उन जीवित और गैर जीवित चीजो से है, जो कि हमारे आस-पास मौजूद है, और जिनका होना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अंतर्गत वायु, जल, मिट्टी, मनुष्य, पशु-पक्षी आदि आते हैं ।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व पर्यावरण के बारे में चेतना फैलाने का प्रयास 1972 में ही शुरू कर दिया था। पहला “विश्व पर्यावरण दिवस” 5 जून 1974 को मनाया गया था। पूरे विश्व के पर्यावरण की सुरक्षा हमे क्यों करनी चाहिये यही इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है।
बुधवार, 05 जून, 2019 को विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में नेहरू कालोनी ए-ब्लाॅक में भारतीय जनता पार्टी की पूर्व पार्षद श्रीमती नीरू भट्ट के नेतृत्व में एक पर्यावरण संगोष्ठी एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित जनों ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति धरातल पर कार्य करने की वचनबद्धता दर्शायी। इस अवसर पर ए-ब्लाॅक पार्क में जामुन, आंवला आदि के वृक्षों का रोपण किया गया। कार्यक्रम में पूर्व पार्षद श्रीमती नीरू भट्ट ने लोगों को आपसी सहयोग व सहभागिता के माध्यम से पर्यावरण को साफ-सुथरा व सुरक्षित रखने के लिए निरंतर प्रयासरत रहने की बात कही तथा लोगों को अधिक से अधिक वृक्ष लगाने व उनके संरक्षण के प्रति हमेशा प्रयासरत रहने की अपील की। निश्चित रूप से इस प्रकार के सामाजिक कार्यों को सफल बनाने के लिए जन-सहभागिता जरूरी है।
इस अवसर पर भाजपा नेता एवं समाजसेवी रणजीत भंडारी ने पर्यावरण संरक्षण पर आधारित इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि आज वैश्विक तापमान पर नियंत्रण रखना व जल संरक्षण के लिए वृक्षारोपण करना अति आवश्यक है। उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर के पास यदि संभव हो तो एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए तथा भू-जल संरक्षण के प्रति भी सकारात्मक कदम उठाने की जरूरत पर बल दिया।
“कीसी भी पीढ़ी का इस पृथ्वी पर एकाधिकार नही है, हम सभी यहा जीवन व्यय के लिए है – जिसकी कीमत भी हमें चुकानी होती है”, मारग्रेट थेचर का यह कथन हमारा प्रकृति के साथ हमारे अस्थायी संबंधो को दर्शाता है। पृथ्वी के द्वारा हमारे जीवन को आसान बनाने और इस ग्रह को रहने लायक बनाने के लिए प्रदान किये गए तमाम तोहफे के जैसे कि हवा, सूर्य का प्रकाश, पानी, जीव-जन्तु और खनिज आदि के बावजूद भी, हम अपने स्वार्थ के लिए हम इन संसाधनो का दोहन करने से बाज नही आ रहे है।
हमारी बढती आबादी, आधुनिकता व शहरीकरण की तीव्र गति व मानव की बढ़ती आवश्यकताओं एवं अभिलाषाओं के कारण, हम बिना सोचे-समझे अंधाधुंध रुप से अपने प्राकृतिक संसाधनो का उपभोग करते जा रहे है। हम अपने भविष्य के पीढ़ी के लिए भी कोई चिंता नही कर रहे है। इस प्रकार से आज के समय में सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि हमें अपने नवकरणीय और गैर नवकरणीय संसाधनो के संरक्षण के लिए और अपनी इस पृथ्वी की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन के प्रदेश प्रचार अधिकारी घनश्याम चन्द्र जोशी, सुरेन्द्र कुमार, चन्द्रशेखर शर्मा, श्रीमती संतोष शर्मा, श्रीमती रंजना महेंदीरत्ता, श्रीमती सरिता पुंडीर, श्रीमती सम्पत्ति नाथ, श्रीमती पार्वती, श्रीमती सानू साहनी, श्रीमती नीलम वादवा, मनवीर सिंह नेगी, अमित, अमन, श्रीमती शकुन्तला देवलाल, हिमांशु, श्रीमती सुखविंदर कौर, श्रीमती रंजना बिशनोई समेत अनेकों समाजसेवी एवं प्रकृति-प्रेमी जन उपस्थित रहे।
घनश्याम चंद्र जोशी
सम्पादक
धरा-पुकारती (समाचार पत्र)
आकाश ज्ञान वाटिका (akashgyanvatika.com) (News Portal)