राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई प्रस्तावों को दी मंजूरी –
आयुष्मान गोल्डन कार्ड धारकों की सरकारी अस्पताल में 54 जाॅचें मुफ्त
आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय में वृद्धि सहित कई प्रमुख बिन्दुओं में कैबिनेट की मुहर
देहरादून। अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में 54 जाॅचें मुफ्त में होंगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई प्रस्तावों को मंजूरी दी। लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने आमजनता, किसानों और चिकित्सकों को तोहफा दिया है। आमजनता की सेहत का ध्यान रखते हुए राज्य सरकार ने अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना में गोल्डन कार्ड धारकों को उपचार के लिए की जाने वाली मुफ्त 30 स्वास्थ्य जाॅच को बढ़ाकर 54 कर दी हैं। वहीं आशा कार्यकर्ताओं के प्रतिमाह मानदेय में एक हजार रूपये की बढ़ोतरी की है। अब आशा कार्यकर्ताओं को चार हजार रूपये मासिक मानदेय मिलेगा। इससे प्रदेश के 11651 आशा कार्यकर्ताओं को लाभ मिलेगा। सचिवालय में देर शाम तक चली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 18 प्रस्तावों पर निर्णय लिए गए। मंत्रिमंडल के निर्णयों को सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आम लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 28 और जिला स्तरीय अस्पतालों में 30 तरह की मुफ्त जाॅच की सुविधा मिल रही थी। अब इन जाॅचों की संख्या बढ़ाकर 54 कर दी गई है। यह सुविधा अटल आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड धारकों को ही मिलेगी। मंत्रिमंडल के इस निर्णय से सरकारी अस्पतालों में उपचार को पहुॅचने वाले मरीजों की रक्त संबंधी जाॅच, एमआरआइ, सीटी स्कैन, ईसीजी, एक्सरे सहित अन्य जाॅचें मुफ्त हो सकेंगी। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने आयुष विभाग में संविदा पर तैनात चिकित्सकों का सुगम, दुर्गम और अतिदुर्गम में मानदेय वृद्धि पर मुहर लगा दी है। आयुष विभाग के अन्तर्गत आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सकों का वेतन प्रतिमाह सुगम क्षेत्र में 36 हजार रूपये से 45 हजार रूपये, दुर्गम क्षेत्र में 40 हजार से 50 हजार और अति दुर्गम क्षेत्र में 44 हजार से 55 हजार रूपये किए जाने का फैसला किया है। इसी तरह सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में प्रशासनिक पदों पर तैनात चिकित्सकों के लिए सप्ताह में दो बार ओपीडी में सेवाएं देने की अनिवार्य व्यवस्था को वैकल्पिक बना दिया है। वहीं संविदा पर तैनाती पर सरकार की रोक से स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग को बाहर कर दिए हैं। यह निर्णय मेडिकल काॅलेजों में फैकल्टी की आ रही दिक्कत के चलते लिया गया है। अब मेडिकल काॅलेजों में फैकल्टी को एक साल के लिए अनुबंध पर रखने का प्रावधान लागू हो जायेगा। साथ ही आशा फेसीलेटर को प्रति भ्रमण पर मिलने वाला भत्ता 250 से बढ़ाकर 300 रूपये कर दिया है।