आजादी के आंदोलन में सालम क्षेत्र के क्रांतिकारियों का योगदान स्मरणीय है
सालम के अमर शहीद स्व. नर सिंह धानक व स्व. टीका सिंह कन्याल समेत अन्य क्रांतिकारियों अर्पित की गई श्रद्धांजलि
आकाश ज्ञान वाटिका, जैती/भनोली। आज २५ अगस्त रविवार को शहीद दिवस के अवसर जागेश्वर विधानसभा में सालम (जैती) के धामद्यो शहीद स्थल में आयोजित शहीद समारोह में सालम के अमर शहीद स्व. नर सिंह धानक, स्व. टीका सिंह कन्याल समेत अन्य क्रांतिकारियों को भाजपा नेता एवं पूर्व विद्यायक प्रत्याशी सुभाष पांडेय के साथ ही अनेकों क्षेत्रीय राष्ट्रभक्तों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
स्वाधीनता संग्राम में उत्तराखंड के अनेक वीर सपूतों ने आजादी के आंदोलन में अपनी शहादत देकर ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष जारी रखा। आजादी के आंदोलन में सालम क्षेत्र के क्रांतिकारियों का योगदान इतिहास के पन्नों में लिखा गया है। 25 अगस्त 1942 को आज ही के दिन आजादी की लड़ाई के दौरान जैंती के धामद्यो में ब्रिटिश हुकूमत से लोहा लेते हुए चौकुना गाँव निवासी नर सिंह धानक और कांडे गाँव निवासी टीका सिंह कन्याल शहीद हो गए थे। ब्रिटिश ने सालम के क्रांतिवीरों का मनोबल गिराने के लिए आजादी के नायक प्रताप सिंह बोरा, मर्चू राम,राम सिंह आजाद, डिकर सिंह धानक, उत्तम सिंह बिष्ट, केशर सिंह आदि वीर क्रांतिकारियों को जेलों में डाल दिया था। क्रांतिकारियों के कांडे, थामथोली, मझाऊं, सैनोली, दाड़िमी, चौकुना, बरम, नौगांव आदि गावों में महिलाओं व बच्चों को अनेक यातनायें दी गई। इन सब के बावजूद भी देश भक्त क्रांतिकारियों में देश प्रेम का जज्बा बरकरार रहा। 25 अगस्त 1942 को सालम के कई गांवों के क्रांतिकारी जैंती पहुँचे। आंदोलनकारियों और ब्रिटिश सेना के बीच झड़प हुई। इस झड़प के पश्चात् नर सिंह धानक और टीका सिंह कन्याल ब्रिटिश सेना की गोली से शहीद हो गए।
आकाश ज्ञान वाटिका परिवार देश के खातिर अपने प्राणों की बाजी लगाने वाले क्रांतिकारियों को शत शत नमन एवं भावभीनि श्रद्धांजलि अर्पित करता है।