पत्नी ने प्रेमी संग की थी शिक्षक की हत्या, साजिश को ऐसे दिया अंजाम
देहरादून: शिक्षक किशोर सिंह चौहान की मौत से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है। गाड़ी में दम घुटने से नहीं बल्कि पत्नी ने ही अपने प्रेमी के साथ मिलकर शिक्षक की हत्या की थी। पुलिस के मुताबिक पत्नी 15 जून को शिक्षक को नशे की हालत में गाड़ी में बैठाकर आराघर चौक तक ले गई। इसके बाद वह खुद वहां उतर गई और प्रेमी को गाड़ी सौंप दी। प्रेमी ने रास्ते में शिक्षक का गला दबाया दिया और इसके बाद शिक्षक को ड्राइविंग सीट पर बैठाकर रिंग रोड पर गाड़ी छोड़ फरार हो गया।
पुलिस ने आरोपित पत्नी स्नेहलता चौहान और उसके प्रेमी अमित पारले को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। वर्तमान में अमित हरिद्वार पुलिस कार्यालय में शिनाख्त सेल में तैनात था। जबकि पत्नी राजकीय इंटर कॉलेज शिवालीधार टिहरी में गणित की टीचर है और विगत दो साल से विदआउट पे अवकाश पर है।
विदित है कि 16 जून को थाना रायपुर क्षेत्र के रिंग रोड पर किसान भवन के पास एक वैगनआर कार की ड्राइविंग सीट पर एक व्यक्ति मृत पड़ा मिला था। जिसकी पहचान देवप्रयाग में तैनात शिक्षक किशोर सिंह चौहान पुत्र गब्बर सिंह चौहान हाल निवासी मॉर्डन कॉलोनी आराघर के रूप में हुई थी।
प्रथम दृष्ट्या पुलिस शिक्षक की मौत अत्यधिक शराब पीने और कार में दम घुटने से हुई मान रही थी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शिक्षक की मौत गला दबाने से होने की पुष्टि हुई। जिसके बाद पुलिस ने हत्या की आशंका को देखते हुए जांच शुरू कर दी।
इसके बाद जब सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो आराघर में कार में शिक्षक के साथ एक और व्यक्ति का होना पाया गया। जिसके बाद पुलिस ने मृतक के फोन की सीडीआर निकाली तो एक संदिग्ध नंबर प्रकाश में आया, साथ ही जांच में हत्या में किसी पुलिस कर्मी का हाथ होना सामने आया।
संदिग्ध नंबर की जब पुलिस ने तलाश की तो यह नंबर हरिद्वार के पुलिस कार्यालय में शिनाख्त सेल में तैनात सिपाही अमित पारले का होना पाया गया। जब पुलिस ने अमित और शिक्षक की पत्नी स्नेहलता से पूछताछ की तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
पुलिस के मुताबिक स्नेहलता ने बताया कि वह अपने शिक्षक पति से काफी तंग आ चुकी थी और छुटकारा पाना चाहती थी। 15 जून की सुबह से ही पति ने शराब पी रखी थी। शाम को वह पति को घुमाने के बहाने गाड़ी में बैठाकर ले गई। इसी बीच अमित को उसने आराघर में बुला रखा था।
आराघर पहुंचते ही वह खुद उतर गई और अमित को गाड़ी सौंप दी। पुलिस के मुताबिक अमित ने रास्ते में हाथ की कोहनी से शिक्षक का गला दबा दिया। इसके बाद उसने रिंग रोड पर शिक्षक को ड्राइविंग सीट पर बैठा दिया और वहां से चला गया।
पुलिस ने आरोपित अमित पारले पुत्र स्व. जयपाल सिंह निवासी गाधी ग्राम कावली रोड और स्नेहलता चौहान पत्नी स्व. किशोर सिंह चौहान निवासी मॉर्डन कॉलोनी आराघर को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।
एक होटल में बनाया था प्लान
शिक्षक की पत्नी स्नेहलता और अमित ने हत्या का पूरा प्लान आठ जून को त्यागी रोड स्थित सम्राट होटल में रचा था। हत्या से पहले आठ जून को वह इसी होटल में रुके थे। उसी दिन उन्होंने तय कर लिया था कि कैसे और कब शिक्षक को मौत के घाट उतारना है। पुलिस ने होटल से दोनों के नाम की स्लिप भी प्राप्त कर ली है।
मोबाइल नंबर से खोला पूरा राज
शिक्षक की हत्या का पूरा राज मोबाइल नंबर ने खोला। नहीं तो जिस तरह से दोनों ने घटना को अंजाम दिया था, उससे शुरुआती दौर में तो पुलिस इसे आत्महत्या ही मान चुकी थी। पुलिस ने जब शिक्षक के सीडीआर खंगाली तो उससे पुलिस को एक संदिग्ध नंबर प्राप्त हुआ।
इसकी जांच की गई तो यह किसी कुशल कुमार निवासी हरिद्वार के नाम थे। पुलिस ने उससे जब संपर्क किया तो उसने बताया कि डोकोमो कंपनी के एजेंट शिवम ठाकुर मार्च महीने में अपना टारगेट पूरा करने के लिए मेरा आधार लिंक करवाने के बहाने अंगूठा मशीन पर लगवाया था।
जब शिवम ठाकुर से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसके दोस्त मनीष ने एक महीने पहले एक एक्टिव सिम मागा था और कहा था कि उसे यह सिम एक पुलिस कर्मी को देना है। इसके बाद जब पुलिस मनीष कुमार के पास पहुंची तो उसने सिम सिपाही अमित पारले को देना बताया।
19 साल पहले से एक-दूसरे को जानते थे आरोपित
शिक्षक के हत्या के आरोपित शिक्षक की पत्नी और सिपाही अमित कुमार की दोस्ती 19 साल पहले से थी। जब अमित डीएवी कॉलेज से बीएससी कर रहा था तो उसी समय स्नेहलता भी डीबीएस से बीएसएस कर रही थी।
इसी दौरान दोनों में पहले दोस्ती हुई और फिर दोनों में प्रेम प्रसंग चलने लगा। इसके बाद वर्ष 2000 में अमित आइटीबीपी में भर्ती हो गया और 2004 में उसकी शादी हो गई। 2006 में आइटीबीटी से इस्तीफा देकर वह उत्तराखंड पुलिस में भर्ती हो गया। उसके दो बेटी और एक बेटा है। जबकि स्नेहलता पढ़ाई करती रही और बाद में वह भी शिक्षिका बन गई। 2005 में स्नेहलता की भी किशोर चौहान से शादी हो गई।
इस बीच दोनों के बीच किसी प्रकार का संपर्क नहीं था। एक साल पहले वर्ष 2017 में फेसबुक के जरिए दोनों में एक बार फिर संपर्क हुआ तो दोनों का पुराना प्यार फिर परवान चढ़ने लगा। दोनों की एक-दूसरे से फोन पर बातचीत होने लगी।
स्नेहलता की मानें तो पति शराब पीने का आदी था। हर बात में वह उसे नीचा दिखाने की कोशिश करता था ओर बच्चों के सामने ही उसके साथ मारपीट करता था। जिससे वह काफी परेशान हो गई थी और वह पति से किसी भी तरह छुटकारा पाना चाहती थी। पुलिस सूत्रों की मानें तो पति को स्नेहलता और अमित के संबंधों के बारे में पता चल गया था, इसलिए वह शराब पीकर उसे प्रताड़ित करता था।
दो साल से बिना वेतन के अवकाश पर चल रही थी शिक्षिका
पति की हत्या की आरोपित स्नेहलता चौहान राजकीय इंटर कॉलेज शिवालीधार में गणित टीचर और मृतक किशोर सिंह चौहान राजकीय इंटर कॉलेज सजवाण कांडा देवप्रयाग में आर्ट टीचर के पद पर तैनात थे। बच्चों को पढ़ाने के लिए पति और पत्नी ने यह तय किया कि स्नेहलता चौहान छुट्टी लेकर बच्चों के साथ दून में रहे।
इसलिए वह विगत दो सालों से पहले मेडिकल अवकाश व उसकेबाद बिना वेतन अवकाश पर चल रही थी। उसके दो बच्चे हैं, जो देहरादून में सेंट थॉमस कॉलेज में पढ़ते हैं। स्नेहलता ने कहा कि बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए ही उसने पति की हत्या की।
नहीं दिखाई दी चेहरे पर कोई शिकन
पति की हत्या के बाद भी स्नेहलता के चेहरे पर कोई शिकन नहीं दिखाई दी। काफी पूछने के बाद भी उसने केवल एक बात ही क ही कि वह पति की प्रताड़ना से इतनी तंग आ चुकी थी कि किसी भी तरह पति से छुटकारा पाना चाहती थी। जब उससे यह पूछा गया कि अब उसके बच्चों का क्या होगा तो उसने कहा कि बच्चे उसके माता-पिता पाल लेंगे। बच्चों के लिए ही उसने यह सब किया।