अडाणी के इन्वेस्टर्स समिट की कथित आलोचना वाला वीडियो वायरल, पुलिस कर रही जांच
देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन और राज्य की आलोचना करते नजर आ रहे उद्योगपति गौतम अडाणी के हाल ही में वायरल हुए एक वीडयो के मामले में पुलिस साइबर सेल जांच कर रही है। बता जा रहा है कि वीडियो 26 सितंबर का है। जब अडानी देहरादून आए थे। यहां मुख्यमंत्री समेत अधिकारियों के साथ बैठक की थी। वीडियो की स्क्रीप्ट में छेड़छाड़ की गई है। वीडियो में चार जगह छेड़छाड़ की गई।
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, यह डॉक्टर्ड वीडियो (वीडियो से छेड़छाड़) है। राज्य की छवि बिगाड़ने की साजिश की गई है। वीडियो को जांच के लिए चंडीगढ़ फोरेंसिक लैब सोमवार को भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट आते ही वीडियो से छेड़छाड़ करने और इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में सहायक निदेशक (सूचना विभाग) रवि बाजारनिया ने एसएसपी को मामले की तहरीर दी है। एसएसपी ने मामले की जांच कैंट कोतवाली को दी है। कैंट कोतवाली के कोतवाल अरुण कुमार सैनी ने बताया कि एसएसपी के निर्देश पर मामले की जांच की जा रही है। वीडियो टेप को जांच के लिए फोरेंसिक लैब चंड़ीगढ़ भेजने की तैयारी की जा रही है।
उधर, एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि इस मामले में हमें तहरीर मिली है। हम मुख्यमंत्री कार्यालय से वीडियो का असली टेप मांग रहे हैं। टेप को सीएफएसएल (सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैब) भेजा जा रहा है। यह गंभीर मामला है। यह वीडियो कहां से शुरू हुआ और किसने-किसने इसे फारवर्ड किया। यह सब जांच के दायरे में रहेगा।
सूचना विभाग ने एसएसपी सौंपी तहरीर
सीएमओ के निर्देश पर सूचना विभाग के सहायक निदेशक रवि बाजारनिया ने गुरुवार को एसएसपी दून को मामले की तहरीर सौंपी थी। एसएसपी के निर्देश पर पुलिस साइबर सेल ने मामले की जांच शुरू कर दी। मामला सीएमओ से जुड़ा होने से इस मामले पर को भी पुलिस अधिकारी खुलकर बोलने से बचते रहे। वीडियो को चंड़ीगढ़ फोरेंसिंक लैब सोमवार को भेजा जाएगा।
प्रदेश की राजनीति में मची हलचल
यह वीडियो नौ अक्टूबर को सबसे पहले एक न्यूज वेबसाइट पर नजर आया और फिर सोशल मीडिया में वायरल हो गया। इससे प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई। कांग्रेस और समिट का विरोध करने वाले इस वीडियो को लेकर आक्रामक हो गए और इन्वेस्टर्स समिट में सवा लाख करोड़ के इन्वेस्टमेंट के प्रस्ताव पाने का दावा कर रही सरकार के लिए भी यह परेशानी का सबब बन गया है।