संचार सुविधा का समाधान न होने पर ग्रामीणों ने लिखा मुख्यमंत्री व मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र
- ग्रामीणों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी।
आकाश ज्ञान वाटिका, 10 अक्टूबर 2021, रविवार, टिहरी गढ़वाल। जनपद के कई क्षेत्र आजादी के सात दशकों के बाद भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन कर रहे हैं। इस बार कई गाँव के लोगों ने सड़क, संचार जैसी सुविधायें न मिलने के चलते विधानसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है। इस बार कई गाँवों से संचार सुविधा नहीं तो वोट नहीं का नारा जोर पकड़ रहा है।
आपको बता दें कि टिहरी गढ़वाल के भिलंगना ब्लॉक मुख्यालय का सबसे नजदीकी गाँव सेंदुल केमरा में जहाँ 4G, 5G के युग में ग्रामीण आज भी संचार सुविधा न होने पर, संचार सुविधा के अभाव में जीने को मजबूर है।
बता दें कि सेंदुल केमरा गाँव घनसाली विधानसभा के अंतर्गत आता है, जो कि पूरी विधानसभा में शिक्षा के हब के नाम से भी जाना जाता है। जहाँ पर वर्तमान में दो महाविद्यालय, एक इंटर कॉलेज, एक छात्रावास व एक प्राथमिक विद्यालय संचालित है।
सूचना क्रांति के इस दौर में जहाँ प्रधानमंत्री द्वारा डिजिटल इंडिया का नारा दिया जा रहा है, वही सेंदुल के ग्रामीण इस डिजिटल दौर में अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। जहाँ एक ओर इस कोरोना महामारी के दौर में बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए नेटवर्क की ढूँढ में दूर जंगलों में जाने को मजबूर होना पड़ा।
आपको बता दें कि सेंदुल के ग्रामीणों द्वारा संचार सुविधा के समाधान के संबंध में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, क्षेत्रीय विधायक तथा जिलाधिकारी व उप जिलाधिकारी को विगत कई वर्षों से अव्यवस्थित दूरसंचार के संबंध में बार-बार अवगत करवाते आ रहे हैं किंतु आज तक उक्त विषय पर अधिकारियों व जन-प्रतिनिधियों द्वारा कोई भी समाधान नहीं निकाला जा सका।
वहीं अब ग्रामीणों ने मजबूर होकर ग्राम प्रधान सविता मैठाणी के माध्यम से शासन प्रशासन तक अपनी बात पहुँचाने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखंड को पत्र लिखकर समस्या का समाधान न होने पर विधानसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है।
सेंदुल के ग्रामीणों का कहना है कि दूरसंचार की समस्या के संबंध में शासन एवं प्रशासन को जानकारी होने के बावजूद भी ग्रामसभा सेंदुल की समस्या के समाधान हेतु शासन एवं प्रशासन को कोई रुचि नहीं है, जिससे समस्त ग्राम पंचायत द्वारा हताश होकर जागरूक लोगों ने आपस में विचार-विमर्श कर निर्णय लिया कि यदि शीघ्र ही छात्र हित एवं क्षेत्र हित में उपरोक्त समस्या का समाधान नहीं किया गया तो अंतिम विकल्प के रूप में ग्रामसभा वासियों द्वारा आगामी 2022 के विधानसभा के साथ-साथ जब तक समस्या का समाधान नहीं किया जाता, तब तक सभी चुनाव का बहिष्कार किया जाता रहेगा।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या शासन प्रशासन एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा उक्त समस्या का कोई हल निकल पाएगा या नहीं।
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