Breaking News :
>>चैंपियंस ट्रॉफी 2025- भारत ने न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराकर खिताब किया अपने नाम>>सीएम ने कई विकास कार्यों का किया शुभारंभ व लोकार्पण >>कम होगा बच्चों के बस्ते का बोझ, माह में एक दिन रहेगा बैग फ्री डे>>सीएम के आत्मनिर्भर दीदी-भूली, जन स्वास्थ्य, सुगम सुविधा के संकल्प को आगे बढाता जिला प्रशासन>>पूर्व सीएम के बेटे को जिंदा होते हुए किया गया मृत घोषित, अदालत में की झूठी रिपोर्ट पेश >>राजकीय बालिका निकेतन के असहाय बच्चों के साथ खेल मंत्री ने देखा बसंतोत्सव>>गलत योग करने की वजह से हो सकती है कई परेशानियों, इन बातों का रखे ध्यान >>परमार्थ निकेतन आश्रम में आज से शुरू हुआ योग महोत्सव>>ब्रेकिंग- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को बेचैनी और सीने में दर्द के चलते सीसीयू में कराया गया भर्ती >>भारत और न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला आज >>सीएम धामी ने  विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को किया सम्मानित>>अब परिवहन क्षेत्र पर भी छाएंगी महिलाएं – रेखा आर्या>>मोदी के “घाम तापो टूरिज्म” की संकल्पना के तहत काम करेगा पर्यटन विभाग- महाराज>>मुख्यमंत्री धामी ने ‘डायरेक्ट सेलिंग महिला उद्यमिता समिट 2025’ में किया प्रतिभाग >>सीएम की प्रेरणा से जिला प्रशासन द्वारा आईएसबीटी पर निर्मित 04 कलर्ड पार्किंग, फ्लाई ओवर सुधारीकरण कार्य  पूर्ण, जल्द किए जाएंगे पब्लिक को समर्पित>>कृषि मंत्री गणेश जोशी ने महिला किसान बहनों को “उत्तराखण्ड प्रगतिशील महिला किसान सम्मान 2025” से किया सम्मानित>>हेमकुंड साहिब जाने वाले अस्थायी पुल का निर्माण सफलतापूर्वक हुआ पूरा>>विद्या समीक्षा केन्द्र से जुड़ेंगे सभी आवासीय विद्यालय- डॉ.धन सिंह रावत>>मुख्यमंत्री धामी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मातृशक्ति को दी शुभकामनायें>>आजकल क्यों बढ़ रहा किडनी डैमेज का खतरा, आइये जानते हैं इसके कारण और बचाव के उपाय
उत्तराखण्डताज़ा खबरेंधार्मिक

एक दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर पहुँचे उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने दक्षिण एशियाई शांति एवं सुलह संस्थान (दएशांसुसं) का किया शुभारंभ

आकाश ज्ञान वाटिका, 19 मार्च 2022, शनिवार, देहरादून (जि.सू.का)। आज, शनिवार को देश के मा० उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू एक दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर पहुँचे। मा० उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय परिसर में पहुँचकर दक्षिण एशियाई शांति एवं सुलह संस्थान (दएशांसुसं) का शुभारंभ किया। यह संस्थान दक्षिण एशियाई देशों के बीच तमाम राजनीतिक चुनौतियों के मद्देनजर क्षेत्रीय स्थिरता और आपसी सकारात्मक व्यवहार की स्थापना को प्रेरित करता है। उन्होंने देश के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान देने वाले वीर शहीदों की याद में बनी शौर्य दीवार पर पुष्पांजलि अर्पित की। साथ ही उन्होंने देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में स्थापित एशिया के प्रथम बाल्टिक सेंटर का अवलोकन किया। उन्होंने बाल्टिक देशों में सेंटर द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों को सराहा। साथ में उपराष्ट्रपति एवं राज्यपाल ने कुटीर उद्योग, हस्तकरघा का अवलोकन किया।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति एवं राज्यपाल ने देसंविवि के नवीनतम वेबसाइट, प्रज्ञायोग प्रोटोकॉल एवं उत्सर्ग पुस्तक का भी विमोचन किया।

मा० उपराष्ट्रपति ने प्रज्ञेश्वर महादेव का पूजन कर विश्व शांति, राष्ट्र की सुख एवं उन्नति की कामना की। उन्होंने प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राक्ष के पौधे का रोपण कर पर्यावरण संतुलन के लिए संदेश दिया।

इस दौरान उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू मुख्य अतिथि के रूप में शांतिकुंज स्थापना की स्वर्ण जयंती के मौके पर आयोजित व्याख्यानमाला में शामिल हुए। उन्होंने कहा की मुझे प्रसन्नता है कि देवभूमि उत्तराखंड की तीर्थ भूमि हरिद्वार के इस अध्यात्मिक संस्थान में अपने विचारों को साझा करने का सौभाग्य मिला है। इस अवसर पर उन्होंने माँ, मातृभाषा और मातृभूमि को सदैव आत्मा से जोड़े रहने के लिए उपस्थित लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि देश के उच्च पदों पर आसीन लोगों ने अपनी मातृभाषा में अध्ययन कर ऊँचाइयों को प्राप्त किया। उन्होंने मातृभाषा को आगे बढ़ाने पर विशेष जोर दिया और कहा कि मातृ भाषा को आगे बढ़ाने के लिये हर सम्भव प्रयास किये जायें।

मा० उपराष्ट्रपति ने कहा हमें अपनी सभ्यता और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने आह्वान किया की हमें भारतीय संस्कृति और परंपरा से अपने बच्चों को अवगत कराना चाहिए। बच्चों को प्रकृति के नजदीक जाने का मौका दें जिससे प्रकृति के महत्व को करीब से जानने और सीखने का मौका बच्चों को मिल सके। उन्होंने कहा कि भारतीय चिंतन में शिक्षा और शिक्षण पर गंभीर विमर्श किया गया था जो सदियों की गुलामी में भुला दिया गया। आज़ादी के अमृत काल में अपेक्षित है कि शिक्षा पर इस भारतीय विमर्श पर शोध किया जाय, उसे आधुनिक जरूरतों के अनुरूप प्रासंगिक बनाया जाय। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य है शिक्षा का भारतीयकरण। अच्छी और सच्ची शिक्षा के विस्तार से ही शिक्षा का लोकतंत्रीकरण संभव है। समाज के सभी वर्गों को शिक्षा से जोड़ें। उन्होने कहा कि भारत में विविधता ही यहॉं विशेषता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा के दिव्य प्रकाश में ही व्यक्ति समाज के प्रति जिम्मेदार नागरिक बन पाता है। देवसंस्कृति विवि की शिक्षा प्रकृति और संस्कृति का अच्छा संयोजन है। भारतीय संस्कृति के उत्थान में जुटे गायत्री परिवार एवं देवसंस्कृति विवि के कार्यों की सराहना की।

कार्यक्रम में उपस्थित मा० राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से. नि.) गुरमीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि देव संस्कृति विश्विद्यालय मुझे एक मंदिर जैसा लगता है। यहाँ भारतीय संस्कृति पर जिस वैज्ञानिक तरीके से शोध हो रहा है, उसका नेतृत्व देव संस्कृति वि.वि. करेगा, ऐसा मुझे विश्वास है। दक्षिण एशियाई शांति एवं सुलह संस्थान शांति प्रेम और खुशहाली के लिए कार्य करेगा। उन्होंने कहा जिस तरह पं० श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने शांति एवं सौहार्द के लिए कार्य किया है, उसे यह सेंटर आगे बढायेगा। देव संस्कृति विश्वविद्यालय सच्चे अर्थों में देश और विश्व के कोने-कोने से आए विद्यार्थियों के अध्ययन, अध्यापन एवं शोध के क्षेत्र में नित्य नई ऊँचाइयाँ छू रहा है। दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय संस्कृति के गहरे पद चिन्ह दिखाई देते हैं। इस क्षेत्र में आज दक्षिण एशियाई शांति एवं सुलह संस्थान के खुलने से नई शुरुआत हुई है। अपने संबोधन में मा० राज्यपाल ने कहा कि भारतीय सभ्यता संस्कृति एवं इतिहास को गहराई से जानने व समझने के लिए संस्कृत भाषा का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। संस्कृत भाषा हमें अपनी जड़ों से मिलने का रास्ता दिखाती है। कई देश संस्कृत भाषा पर रिसर्च कर रहे हैं जिनसे सीख लेने की जरूरत है।

अपने सम्बोेधन में विश्विद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ० चिन्मय पण्ड्या जी ने स्वागत उद्बोधन एवं दक्षिण एशियाई शांति एवं सुलह संस्थान की परिकल्पना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारतीय पंरपरा शांति, समरता और सौहार्द की रही है। इसी कार्य को इस संस्थान के माध्यम से और आगे बढायेंगे। इसी क्रम में वेदों और उपनिषदों के सार को भी विश्व भर में फैलायेंगे। कुलपति श्री शरद पारधी ने आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रतिकुलपति डॉ० चिन्मय पण्ड्या ने गायत्री मंत्र लिखित चादर, युग साहित्य एवं स्मृति चिह्न भेंटकर उपराष्ट्रपति जी एवं राज्यपाल जी को सम्मानित किया।

अपने भ्रमण के दौरान मा० उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू एवं राज्यपाल ले.ज. (से.नि.) गुरमीत सिंह शांतिकुंज पहुुंचे। यहाँ उन्होंने अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ० प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी से भेंट कर विभिन्न विषयों पर चर्चा की। इस अवसर पर उन्होंने सन् 1926 से सतत प्रज्वलित सिद्ध अखण्ड दीप का दर्शन भी किया और विश्व शांति की कामना की।

कार्यक्रम में एडीजी संजय गुंज्याल, आयुक्त गढ़वाल मण्डल सुशील कुमार, आईजी गढ़वाल के.एस. नगन्याल, जिलाधिकारी डॉ० आर. राजेश कुमार, डीआईजी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खंडूरी, अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) शिव कुमार बरनवाल, उप जिलाधिकारी अपूर्वा पांडे के अलावा अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.
error: Content is protected !!