उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने प्रेस कांउसिल की सब कमेटी के सदस्यों को सौंपा 6 सूत्रीय सुझाव पत्र
अध्यक्ष अरूण शर्मा ने कहा उत्तराखंड की भौगोलिक संरचना के अनुरूप तैयार हो विज्ञापन नीति, पहाड़ी क्षेत्रों से प्रकाशित होने वाले समाचार-पत्र, पत्रिकाओं को प्रसार संख्या में मिले विशेष रियायत
आकाश ज्ञान वाटिका, 31 जुलाई 2024, बुधवार, देहरादून। भारतीय प्रेस परिषद सब कमेटी के सदस्यों ने अपने उत्तराखण्ड भ्रमण के दौरान मंगलवार, 30 जुलाई को मीडिया सेंटर, सचिवालय में उत्तराखण्ड सरकार की प्रिंट मीडिया, विज्ञापन नीति के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड के स्टेक होल्डर्स के साथ श्रम विभाग उत्तराखण्ड में पंजीकृत समस्त पत्रकार संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारियों, अन्य पत्रकार संगठनों से मुलाकात की। इसमें उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन, स्टेट प्रेस क्लब देहरादून एवं प्रेस क्लब देहरादून सहित अन्य संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ विज्ञापन नीति के संबंध में विचार विमर्श कर उनके सुझाव प्राप्त किए। इस अवसर पर भारतीय प्रेस परिषद के सब कमेटी के सदस्य गुरिंदर सिंह, श्याम सिंह पंवार, आरती त्रिपाठी मौजूद रही।
उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष अरूण शर्मा ने प्रिंट मीडिया से संबंधित विज्ञापन नीति को और अधिक प्रभावी एवं युक्ति संगत बनाये जाने को लेकर प्रेस कांउसिल की सब कमेटी के सदस्यों के सामने अपने विचार रखे। उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष अरूण शर्मा ने कहा भारतीय प्रेस परिषद की उप समिति के सभी सम्मानित सदस्यों का तैंतीस कोटि देवी-देवताओं की निवास स्थली उत्तराखंड की पवित्र भूमि में र्ह्दयतल से स्वागत और अभिनन्दन करते हैं। आशा करते हैं कि उप समिति में सम्मिलित सभी विद्वान सदस्यगण इस नवोदित राज्य के लिए ऐसी विज्ञापन नीति का मसौदा तैयार करेंगे जो यहाँ के सभी श्रेणियों के समाचार पत्र एवं पत्रिकाओं के हित के साथ सरकार के लिए भी उपयोगी एवं लाभप्रद सिद्ध होगी।
अरूण शर्मा ने कहा कि इन्हीं उद्देश्यों के दृष्टिगत उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन प्रस्तावित विज्ञापन नीति के संबंध में अपनी ओर से समिति के समक्ष निम्नांकित सुझाव प्रस्तुत करती है-
1☛ जैसा हम सभी विज्ञ हैं कि इस राज्य की विशिष्ट भौगोलिक संरचना है। यहाँ एक ओर तराई और भाबर का मैदानी क्षेत्र है, वहीं दूसरी ओर साधन विहीन दूरस्थ पहाड़ी इलाका है। भौगोलिक विशिष्टाओं की तरह यहाँ के प्रत्येक क्षेत्र की अपनी विशिष्ट समस्यायें हैं। उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन का सुझाव है कि उत्तराखंड की विशिष्ट भौगोलिक संरचना एवं परिस्थितियों के अनुरूप यहाँ के मझौले एवं लघु समाचार पत्रों के लिए सार्वभौमिक एवं पारदर्शी विज्ञापन नीति बनाई जाए। पहाड़ी क्षेत्रों से प्रकाशित होने वाले सभी श्रेणियों के समाचार-पत्र एवं पत्रिकाओं को प्रसार संख्या में विशेष रियायत प्रदान की जाए।
2☛ प्रदेश के दैनिक, सांध्य दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक व मासिक समाचार-पत्र एवं पत्रिकाओं को निष्पक्ष भाव एवं समान दृष्टि से विज्ञापनों का बंटवारा हो। विज्ञापनों के वितरण में भेदभावपूर्ण रुख न अपनाया जाए।विज्ञापन वितरण की व्यवस्था निष्पक्ष एवं पारदर्शी हो।
3☛ विज्ञापनों के बिलों के भुगतान की समयावधि निश्चित की जाए। तय समयावधि के भीतर विज्ञापनों के बिलों का भुगतान अनिवार्य रूप से किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
4☛ प्रदेश के लघु एवं मझौले समाचार-पत्रों एवं पत्रिकाओं को प्रतिवर्ष निश्चित धनराशि के विज्ञापन अनिवार्य रूप से दिए जाने की व्यवस्था की जाए ताकि प्रदेश के लघु एवं मझौले समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं को दीर्घजीवी एवं समाजोन्मुखी बनाया जा सके।
5☛ उत्तराखंड राज्य में अवस्थित केंद्र सरकार के सभी कार्यालय भी स्थानीय समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं को विज्ञापन जारी करें, ऐसी व्यवस्था बनाई जाए।
6☛ प्रदेश के अनेक समाचार-पत्र एवं पत्रिकाओं के विज्ञापन मान्यता के प्रकरण डीएवीपी के पास लंबे अंतराल से लंबित हैं। डीएवीपी में लंबित सभी प्रकरणों को अविलंब निस्तारित किया जाए। डीएवीपी दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों के समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं के विज्ञापन मान्यता नीति में सरलीकरण करे।
उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष अरूण शर्मा ने कहा इन 6 सूत्रीय सुझाव पत्र को अगर अमल में लाया जाता है तो राज्य के पत्रकार को बड़ी राहत मिलेगी। इस मौके पर उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे।