स्थानीय साप्ताहिक, मासिक व पाक्षिक समाचार पत्र/पत्रिकाओं के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार के चलते उत्तराखंड पत्रकार महासंघ ने दिया मुख्यमंत्री को ज्ञापन
आकाश ज्ञान वाटिका, देहरादून। उत्तराखंड पत्रकार महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने आज मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से भेंट कर उन्हें राज्य स्थापना दिवस की बधाई देते हुए स्थानीय साप्ताहिक, मासिक व पाक्षिक समाचार पत्र पत्रिकाओं के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार की जानकारी देते हुए 10 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। मुख्यमंत्री ने “उत्तराखंड पत्रकार महासंघ” को समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है। ज्ञात हो कि महासंघ ने इससे पूर्व भी अपनी मांगों के संदर्भ में देहरादून स्थित सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग निदेशालय को एक 10 सूत्रीय मांग पत्र दिया था।
प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कर रहे महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष निशीथ सकलानी ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से कहा कि प्रदेश में स्थानीय साप्ताहिक, पाक्षिक व मासिक समाचार पत्र-पत्रिकाओं के साथ विज्ञापन आवंटन में भेदभाव हो रहा है। जिसके चलते प्रदेश के पत्रकारों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। श्री सकलानी ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि राज्य का सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग प्रदेश से निकलने वाले सभी स्थानीय समाचार पत्रों को समान रुप से विज्ञापन आवंटित करे। उन्होने कहा कि राज्य से प्रकाशित सभी दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक व मासिक पत्र-पत्रिकाओं को समान रूप से विज्ञापन आवंटित किये जाएं।
राज्य स्थापना सप्ताह में जारी विज्ञापन साप्ताहिक,पाक्षिक और मासिक पत्र-पत्रिकाओं को भी जारी किये जायें। मुख्यमंत्री को सौंपी ज्ञापन में उत्तराखंड पत्रकार महासंघ ने मांग की है कि मासिक, पाक्षिक, मासिक पत्रों को विज्ञापन साइज दैनिक अखबारों के सापेक्ष पूर्व की तरह दिया जाये। लंबित समाचार पत्रों की विज्ञापन सूचीबद्धता को बैठक जल्द की जाये। पत्रकार मान्यता समिति का जल्द गठन हो और मान्यता संबंधी आवेदनों का शीघ्र निस्तारण किया जाये।जो अखबार पूर्व में डीएवीपी और सूचना विभाग में सूचीबद्ध हैं , उन्हें पहले की तरह सूचीबद्ध मानते हुए विभागीय दर पर नियमित विज्ञापन दिये जायें। पत्रकारों और उनके आश्रितों के लिए वर्षों से लम्बित सामूहिक बीमा योजना जल्द लागू की जाये। पत्रकार पेंशन योजना के मानकों को सरल किया जाये और अन्य राज्यों की तरह पेंशन सम्मान राशि को पांच हजार रुपये से बढाकर बीस हजार रुपये किया जाये। पेंशनधारी पत्रकार के निधन की स्थिति में फैमिली पेंशन योजना भी लागू की जाये। राज्य सरकार के अधीन विभाग, निगम, बोर्ड , परिषद और समितियों को विभिन्न अवसरों पर अपने विज्ञापन स्वयं जारी करने की स्वतंत्रता दी जाये। पत्रकारों के हितों से जुडे विभिन्न लंबित प्रस्तावों को ,जो सूचना विभाग के स्तर पर ही हल हो सकते हैं, उन्हें शीघ्र निपटाया जाये। शासन स्तर के मामलों को विभाग अपने स्तर से शासन को भेजे।
मांग पत्र सौंपने वाले प्रतिनिधि मंडल में, महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष निशीथ सकलानी, जिला देहरादून के अध्यक्ष सुशील चमोली, प्रदेश मंत्री सुभाष कुमार, जितेन्द्र नरूला, प्रदेश कोषाध्यक्ष दीपक गुसांई, नरेश रोहिला, राकेश शर्मा, राकेश भट्ट, दिवान सिंह राणा, विक्रम रौथाण, दिगम्बर उपाध्याय, सुरेन्द्रनाथ भट्ट, रणजीत रावत, बी. एस. नेगी सहित अनेक उत्तराखंड पत्रकार महासंघ से जुड़े अनेक मीडियाकर्मी शामिल थे।