किसान आंदोलन के 6वें दिन आज सरकार और किसान नेताओं में बातचीत होने की संभावना, किसानों ने एक गुट ने उठाए सवाल
आकाश ज्ञान वाटिका, १ दिसम्बर २०२०, मंगलवार। तीन कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर शुरू हुआ किसान आंदोलन 6वें दिन में प्रवेश कर गया है। टीकरी और सिंघु बॉर्डर के साथ अब दिल्ली-यूपी गेट पर भी किसानों की संख्या बढ़ने लगी है। उधर, सिंघु बॉर्डर की तरफ से दिल्ली में जबरन प्रवेश करने के दौरान किसानों की तरफ से की गई ¨हसा के खिलाफ अलीपुर थाने में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज व अन्य स्रोतों से मिले सुबूतों के आधार पर मामले की जांच कर रही है। हालांकि, अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।
उत्तर प्रदेश के किसानों ने भी यूपी गेट पर कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। यहां पर धीरे-धीरे किसानों की संख्या बढ़ने लगी है।
पंजाब किसान संघर्ष समिति के संयुक्त सचिव सुखविंदर सिंह सबरान ने बताया है कि देश में किसानों के 500 से अधिक समूह हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने केवल 32 समूहों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। बाकी को सरकार द्वारा नहीं बुलाया गया है। हम तब तक बातचीत नहीं करेंगे, जब तक सभी समूहों को नहीं बुलाया जाता है। ऐसे में बैठक को लेकर असमंजस है कि क्या किसान संगठन में इसमें शामिल होंगे।
किसानों के आंदोलन को हरियाणा की खाप पंचायतों का भी समर्थन
कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन को हरियाणा की खाप पंचायतों का भी समर्थन मिल गया है। इसके साथ ही ऑल इंडिया सारथी एंड ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष बलवंत सिंह भुल्लर व दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष परमीत सिंह गोल्डी ने सिंघु बॉर्डर पर पहुंचकर किसानों का समर्थन किया। उन्होंने संयुक्त रूप से कहा कि सरकार की ओर से अगर दो दिन में कृषि कानूनों को वापस न लिया गया तो दिल्ली में ट्रक, टेंपो, टैक्सी और बस सेवा बंद कर दी जाएगी और चालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। उन्होंने देशभर के ट्रक, टैक्सी व बस चालकों से उनका साथ देने की अपील की।