Breaking News :
>>श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने का कार्यक्रम जारी>>चलती ट्रेन में रील बनाना अब पड़ेगा भारी, रेलवे ने जारी किए सख्त निर्देश>>ऊर्जा निगमों में ब्याप्त भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करेंगे एडवोकेट विकेश सिंह नेगी>>उत्तराखंड बनेगा राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों में हेलिकॉप्टर से उड़ान भरने वाला पहला राज्य >>प्रतीक गांधी-दिव्येंदू की फिल्म ‘अग्नि’ का धांसू टीजर आउट, रिलीज तारीख से भी उठा पर्दा>>दुर्घटनाओं का बढ़ना चिंता का विषय, रोकथाम के लिए सुरक्षात्मक उपायों पर दिया जाए ध्यान- मुख्यमंत्री धामी >>महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में लगी भीषण आग, 10 मासूमों की मौत>>क्या दूध पीने से कम हो जाती है एसिडिटी, आइए मिलकर जानें इस मिथक की सच्चाई>>कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने केदारनाथ में तेज किया प्रचार-प्रसार, कांग्रेस पर लगाया जनता की अनदेखी का आरोप>>चौथे टी20 मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 135 रनों से हराया, 3-1 से सीरीज की अपने नाम >>मुख्यमंत्री धामी ने ‘आदि गौरव महोत्सव’ कार्यक्रम में किया प्रतिभाग>>अमेरिका के साथ भारत के संबंध अब भी अच्छे>>सीएम धामी ने पीएम जनमन योजना के लाभार्थियों को प्रदान किए प्रमाण पत्र>>पीएम स्वनिधि योजना में उत्तराखंड ने हासिल किया शत – प्रतिशत लक्ष्य>>देश तभी सही मायने में विकसित होगा जब विकास की मुख्यधारा में होंगे आदिवासी समुदाय- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू >>कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए आज हर की पैड़ी पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, मां गंगा को नमन कर लगाई आस्था की डुबकी>>उत्तराखंड पीसीएस मुख्य परीक्षा स्थगित, आयोग ने जारी की सूचना>>पेड़-पौधे लगाते समय हो जाएं सावधान, नहीं तो बढ़ सकता है इन 6 बीमारियों का खतरा>>कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने केदारनाथ उपचुनाव में तेज किया प्रचार, कांग्रेस पर किए तीखे हमले>>दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए GRAP-3 लागू, आज से कई गतिविधियों पर प्रतिबंध
उत्तराखण्डताज़ा खबरें

राजाजी टाइगर रिजर्व से बाघ गायब, बाड़े में मिला रेडियो कॉलर, पार्क प्रशासन में मचा हड़कंप

आकाश ज्ञान वाटिका, १२ जनवरी २०२१, मंगलवार। कॉर्बेट से राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर रेंज में शिफ्ट किए गए बाघ का रेडियो कॉलर शनिवार को बाड़े में पड़ा मिला। बाघ बाड़े से गायब है। यह जानकारी सामने आने के बाद पार्क प्रशासन में हड़कंप मच गया। वहीं, लापरवाही का आलम यह था कि बाघ की मॉनीटरिंग कर रहे वन अधिकारी बाघ को बाड़े में समझकर निश्चिंत बैठे रहे।

नौ जनवरी की सुबह कार्बेट से राजाजी पार्क लाए गए बाघ को उसी रोज शाम को करीब चार बजे बाड़े से रिलीज करने के लिए गेट खोला दिया गया था, लेकिन बाघ बाड़े से नहीं निकला। उस दौरान वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत भी मौजूद थे। रविवार को भी बाघ के पूरे दिन बाड़े में ही मौजूद रहने की जानकारी दी गई। सोमवार को जब बाघ बाड़े से बाहर नहीं निकला तो उसकी तस्वीर लेने के लिए ड्रोन की मदद ली गई। ड्रोन से भी जब बाघ का पता न चला तो वन कॢमयों की टीम बंद वाहन में सवार होकर बाड़े के भीतर गई। इस दौरान पूरे बाड़े का कोना-कोना छानने के बाद भी बाघ कहीं नहीं दिखा।

इस दौरान टीम को रेडियो कॉलर मिला जो कि बाघ को पहनाया गया था। बाड़े में रेडियो कॉलर मिलने के बाद पार्क अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। माना जा रहा है कि बाघ रात को ही बाड़े से निकलकर जंगल में चला गया, जिसकी भनक वन कॢमयों को नहीं लगी। मोतीचूर रेंज के वार्डन ललिता प्रसाद टम्टा ने घटना की पुष्टि की है। वहीं, रेडियो कॉलर के बिना न केवल बाघ की लोकेशन मिलना मुश्किल है। बाघ के रिहायशी क्षेत्र की तरफ मूवमेंट करने की सूरत में बाघ व इंसान दोनों के लिए खतरा पैदा हो गया है।

बाघ को जो रेडियो कॉलर पहनाया जाता है, उसका साधारण परिस्थितियों में निकलना संभव नहीं होता। जंगली जानवर घनी झाड़ियों से होकर निकलते हैं, ऐसी स्थिति में भी रेडियो कॉलर नहीं गिरता है। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या बाघ को कॉलर सही तरीके से नहीं पहनाया गया था।

बाघ के गले से रेडियो कॉलर बाड़े में गिर गया। लेकिन उससे मिल रहे सिग्नल से वनकर्मी धोखे में रहे। रेडियो कॉलर बाघ की नहीं, बल्कि खुद की लोकेशन बाड़े में बताता रहा। रेडियो कॉलर करीब आधा किलोमीटर के दायरे में लोकेशन बता सकता है।

मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में कॉर्बेट से बाघ शिफ्ट करने के लिए वर्ष 2016 में योजना तैयार की गई थी। वर्ष 2017 में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने इसे मंजूरी दी। पार्क के करीब 550 वर्ग किलोमीटर में फैले मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से कुल पांच बाघ लाए जाने हैं। जिनमें से एक बाघिन को बीते माह 24 दिसंबर को मोतीचूर लाया जा चुका है, जबकि दूसरे बाघ को गत शनिवार को लाया गया।

820 वर्ग किलोमीटर में फैला राजाजी टाइगर रिजर्व बाघों के वासस्थल के लिए उपयुक्त है। सीटीआर के नजरिये से देखें तो 20 बाघ प्रति सौ वर्ग किमी के मानक के हिसाब से राजाजी में डेढ़ सौ से ज्यादा बाघों को धारण करने की क्षमता है। बावजूद इसके पार्क के चीला, गौहरी और रवासन क्षेत्रों के 270 वर्ग किलोमीटर के दायरे में ही बाघ हैं, जिनकी संख्या 40 के करीब है। शेष 550 वर्ग किलोमीटर में फैला मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में इस लिहाज से वीरान है। वहां पिछले सात वर्षों से केवल दो बाघिन ही मौजूद हैं। पार्क से गुजर रही रेल लाइन, हाईवे और मानवीय दखल की वजह से गंगा के दूसरी तरफ पूर्वी क्षेत्र से बाघ मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में नहीं आ पाते। नतीजतन इस क्षेत्र में बाघों का कुनबा बढ़ नहीं पा रहा।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!