तमिलनाडु-पुडुचेरी पर चक्रवाती तूफान ‘निवार’ का खतरा, एनडीआरएफ की 22 टीमें तैनात
आकाश ज्ञान वाटिका, 25 नवम्बर 2020, बुधवार। बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र भीषण चक्रवाती तूफान ‘निवार’ में बदल गया है। तूफान के आज रात तमिलनाडु और पुडुचेरी के तट पर टकराने की संभावना है। इस दौरान 100-110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेगी, जो आगे चलकर 145 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी। मौसम विभाग इसपर कड़ी नजर बनाए हुए है। विभाग ने कहा कि तूफान के प्रभाव से कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश भी हो सकती है। चक्रवात का असर भी अब कई इलाकों में देखने को मिल रहा है। कांचीपुरम में तेज बारिश का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
विभाग के अनुसार चक्रवात निवार अगले 12 घंटों के दौरान एक गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा और यह पुडुचेरी के दक्षिण-पूर्व में 380 किलोमीटर और चेन्नई से 430 किमी दूरी पर है। तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों के आसपास कराईकल और मामल्लपुरम के बीच देर शाम तेज हवा के साथ चक्रवाती तूफान पहुंचेगा। तूफान के मद्देनजर तमिलनाडु और पड़ोसी केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है और असुरक्षित इलाकों से लोगों को निकालने सहित एहतियाती उपाय सरकार द्वारा किए जा रहे हैं।
चक्रवात के असर से हो रही बारिश के कारण चेन्नई में सड़कों पर पानी भरने से जगह-जगह यातायात जाम होता रहा। अन्ना सलाई, जीएसटी रोड तथा काठीपाड़ा जंक्शन पर ज्यादा जाम देखा गया। इसके फोटो इंटरनेट मीडिया पर भी खूब चले। शहर में हालात पर नजर रखने के लिए 15 आइएएस अधिकारियों को लगाया गया है। चेन्नई महानगरपालिका 176 राहत शिविर चलाएगा।
तूफान से तबाही की आशंका को देखते हुए एनडीआरएफ ने बचाव कार्य के लिए 22 टीमों को तैनात किया है, जिसमें कुल 1,200 जवान शामिल हैं। इसमें तमिलनाडु में 12, पुडुचेरी में तीन और आंध्र प्रदेश में सात टीमें हैं। वहीं, एनडीआरएफ मुख्यालय, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में स्थित बटालियनों के कमांडेंट संबंधित राज्य अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर और टीमों को गुंटूर (आंध्र प्रदेश), त्रिशूर (केरल) और मुंडली (ओडिशा) में रिजर्व रखा गया है।
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कमेटी (एनसीएमसी) ने भी निवार से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि तैयारी इस प्रकार की हो कि किसी की जान नहीं जाए तथा बिजली और दूरसंचार जैसी सेवाएं जल्द से जल्द बहाल की जा सकें। प्रभावित राज्यों को आपदा राहत फंड भी जल्द जारी किए जाने का आश्वासन दिया गया है।