Breaking News :
>>प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना- मेधावी छात्रों को मिलेगा सस्ता लोन, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी>>परिणीति चोपड़ा ने बदला लुक, बोलीं नई फिल्म नए बाल>>बॉबी पंवार पर ऊर्जा सचिव मीनाक्षी सुंदरम से गाली गलौज और जान से मारने की धमकी देने का लगा आरोप >>उत्तराखंड में 28 जनवरी से 14 फरवरी तक होंगे नेशनल गेम्स>>न शर्म न हया : संविधान की रोज हत्या>>मरचूला बस हादसे में सरकार केवल मुआवजा देकर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती- कांग्रेस>>सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को बुलडोजर एक्शन पर लगाई फटकार, 25 लाख मुआवजा देने का आदेश>>मुख्यमंत्री धामी ने नई दिल्ली में ‘उत्तराखण्ड निवास’ का किया लोकार्पण>>अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में एक बार फिर चला डोनाल्ड ट्रंप का जादू>>पीपीपी मोड़ से हटेगा रामनगर संयुक्त चिकित्सालय>> मेटा ने इंस्टाग्राम के लिए बड़ा फीचर किया जारी, अब नहीं चलेगी किशोरों की मनमानी>>दिल्ली-पिथौरागढ़ के लिए कल से शुरू होगी उड़ान, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा >>जाति आधारित भेदभाव के मामले में देश की स्थिति दुनिया में सबसे खराब – राहुल गांधी>>‘ड्यून प्रोफेसी’ का ट्रेलर जारी, तब्बू का दिखा दमदार अवतार, जानिए कब और कहां देखें सीरीज>>लोक आस्था के महापर्व छठ का दूसरा दिन आज, जानिए खरना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व >>अल्मोड़ा बस दुर्घटना – राज्य स्थापना दिवस से संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रम निरस्त>>आतंकवाद वर्तमान विश्व की एक बड़ी समस्या>>एम्स में अल्मोड़ा बस दुर्घटना के घायलों के उपचार में नहीं लिया जाएगा कोई चार्ज : जिलाधिकारी सविन बंसल>>सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला : निजी संपत्तियों पर सरकार नहीं कर सकती कब्जा>>श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को मिली तीन और फैकल्टी
उत्तराखण्डताज़ा खबरेंराजनैतिक-गतिविधियाँ

मुख्यमंत्री धामी के फैसलों की धमक से दो रावतों में ‘शब्दभेदी’ बाणों से जंग

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर फ्रंटफुट पर धामी, बैकफुट पर रावत

हरदा और त्रिरदा एक-दूसरे का मान-मर्दन करने में जुटे

आकाश ज्ञान वाटिका, गुरुवार, 13 अक्टूबर 2022, देहरादून। सत्ता के केंद्र में भले ही अब रावत न हों, लेकिन रावतों के कारण राज्य में आज भी उथल-पुथल का दौर है। यूकेएसएसएससी के मास्टरमाइंड आरबीएस रावत, हाकिम सिंह रावत की भूमिका को लेकर प्रदेश के दो दिग्गज रावत नेता यानी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और त्रिवेंद्र रावत के बीच जबरदस्त शब्दभेदी बाण चल रहे हैं।

त्रिवेंद्र रावत ने यूकेएसएसएससी के गठन के औचित्य पर सवाल उठाए हैं तो इसके जवाब में हरदा ने भी जमकर पलटवार किया है। हरदा का कहना है कि यदि कोई भ्रष्ट था तो तत्कालीन मुख्यमंत्री के तौर पर त्रिवेंद्र रावत फैसला ले सकते थे और आरबीएस रावत सलाखों के पीछे होता। दरअसल, दोनों रावतों की जंग के पीछे की राजनीति यह है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी तेजी से उन गुनाहगारों को जेल भेजने का काम कर रहे हैं जो भी भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोपी हैं। सीएम धामी ने इसमें अपना-पराया कोई नहीं देखा। कई ऐसे लोग जो आरोपी हैं जिनका भाजपा या आरएसएस से संबंध रहा है। इसके बावजूद उन्होंने किसी भी आरोपी को नहीं बख्शा है। ऐसे में भर्ती मामलों में चाहे वह सचिवालय भर्ती की बात हो या यूकेएसएसएससी का, सीएम धामी ने तमाम राजनीतिक दबावों को दरकिनार करते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं। मुख्यमंत्री धामी इस मुद्दे पर फ्रंटफुट पर खेल रहे हैं और रावत बैकफुट पर आ गये हैं।

आयोग के बनाने के पीछे की नीयत ही खराब थी : त्रिवेन्द्र सिंह रावत

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, यूकेएसएसएससी (UKSSSC) बनाने की मंशा सही नहीं थी। ऐसी संस्थाओं की जरूरत नहीं है जो राज्य की साख को गिराने का काम करें। यूकेएसएसएससी (UKSSSC) भर्ती परीक्षाओं में घपले ही घपले सामने आ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि इस आयोग के बनाने के पीछे की नीयत ही खराब थी, इसलिए ऐसी संस्थाओं को भंग कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अच्छे ईमानदार, चरित्रवान लोग और राज्य के प्रति जिनका समपर्ण हो, ऐसे लोग यदि किसी संस्था में जाएंगे तो ही वो संस्था ठीक चल सकती है। ऐसी संस्थाओं की कोई आवश्यकता नहीं जो राज्य की साख गिराने और व प्रतिष्ठा को समाप्त करने का काम करें।
विदित है पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार में वर्ष 2014 में समूह ग की भर्तियों के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन हुआ था। आयोग की पहली भर्ती परीक्षा विवादों में आ गई थी। इसके बाद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने इस आयोग के लिए अलग से बिल्डिंग बनवाई थी।

हरदा बोले पहले गुस्सा दिखाते तो आज रावतों की धूम होती

हरीश रावत ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है, “यारा बड़ी देर कर दी समझ आते-आते। 2017 में जब हमने जाँच शुरू की थी, जब आपके मंत्री ने विधानसभा के पटल पर स्वीकार किया था कि गड़बड़ियाँ पाई गई है, जाँच रिपोर्ट शासन को मिली है। यदि तब इतना गुस्सा दिखाया होता तो फिर धामी की धूम नहीं होती, रावतों की धूम होती।”
“धन्य है उत्तराखंड, दरवाजे की चौखट पर सर टकराए तो घर ही गिरा दो। विधानसभा में भर्तियों में धांधलियाँ हुई तो विधानसभा भवन ही गिरा दो। संस्थायें खड़ी की हैं, यदि संस्थाओं का दुरुपयोग हुआ है तो उसको रोकिए, दृढ़ कदम उठाइए, संस्थायें तोड़ने से काम नहीं चलेगा। यदि हमने मेडिकल और उच्च शिक्षा का वॉक इन भर्ती बोर्ड नहीं बनाए होते तो आज डॉक्टर्स और उच्च शिक्षा में टीचर्स की भयंकर कमी होती। यदि गुस्सा दिखाना ही है तो अपनी पार्टी के लोगों को दिखाइए न, ये जितने घोटालेबाज अब तक प्रकाश में आए हैं इनका कोई न कोई संबंध भाजपा से है और विधानसभा भर्ती, यदि घोटाला है तो उसकी शुरुआत से लेकर के…कहाँ तक कहूँ, तो गुस्सा सही दिशा की तरफ निकलना चाहिए। उत्तराखंड का संकल्प होना चाहिए कि जिन लोगों ने भी इन संस्थाओं में गड़बड़ियाँ की हैं, हम उनको ऐसा दंड देंगे कि कोई दूसरी बार गड़बड़ी करना तो अलग रहा, कोई भूल करने की भी गलती न करे।”

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.
error: Content is protected !!