लूटकांड मामलाः आरोपित पुलिस कर्मियों की बर्खास्तगी के निर्णय पर अटका पेंच
आकाश ज्ञान वाटिका, 6 नवम्बर 2020, शुक्रवार, देहरादून। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान गढ़वाल आईजी की सरकारी गाड़ी इस्तेमाल कर प्रॉपर्टी डीलर से करोड़ों के लूटकांड को अंजाम देने के आरोपित तीन पुलिस कर्मियों की बर्खास्तगी की कार्रवाई में इस बार मुख्यालय कार्मिक स्तर पर पेंच फंस गया है।
जानकारी के अनुसार देहरादून एसएसपी कार्यालय की कार्यवाही में दोषी करार देने के बाद बर्खास्तगी की फाइल पुलिस मुख्यालय कार्मिक सेक्शन पहुंची। जहां से किन्हीं कारणों के चलते कई जांच पड़ताल बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज कर फाइल वापस एसएसपी कार्यालय भेजी गई है। ऐसे में एक बार फिर आरोपित तीन पुलिस कर्मियों को कुछ और दिन राहत मिलती नजर आ रही है। गढ़वाल आईजी की सरकारी गाड़ी इस्तेमाल कर एक दरोगा सहित दो पुलिसकर्मियों द्वारा देहरादून के एक प्रॉपर्टी डीलर से करोड़ों रुपए लूटने का मामला सामने आया था। जिसमें तत्कालीन गढ़वाल आईजी अजय रौतेला की सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल किया गया। दरोगा और दो पुलिसकर्मियों द्वारा राजपुर रोड के मधुबन होटल के पास इस लूटकांड से पुलिस विभाग में खलबली मच गई थी। मामला बेहद गंभीर होने के चलते तीनों ही पुलिसकर्मी सहित 5 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। हालांकि कुछ समय बाद पांचों लोग जमानत पर बाहर आ गए थे। पुलिस की वर्दी को दागदार करने के आरोप के चलते विभाग ने इस पूरे घटनाक्रम पर स्पेशल ट्रांसपोर्ट एसटीएफ को भी जांच सौंपी थी। जांच पड़ताल के दौरान लूट की रकम बरामद नहीं हो पाई। हालांकि जांच के दौरान कई तरह के अन्य सबूत एसआईटी के हाथ लगे है। दूसरी तरफ मामला पुलिस विभाग की छवि धूमिल होने का था। ऐसे में पूरे प्रकरण की विभागीय जांच शुरू हुई। विभागीय जांच की कमान एसपी देहात प्रमेन्द्र डोभाल को सौंपी गई। लंबे समय तक चली इस विभागीय जांच में तीनों ही पुलिसकर्मी दोषी करार दिए गए। जिसके बाद एसएसपी कार्यालय ने पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय कार्मिक शिक्षण को बर्खास्तगी की फाइल भेजी। जहां से फिलहाल इस पर आपत्ति दर्ज की गई है। ऐसे में देखना होगा कि कार्मिक विभाग द्वारा दर्ज कराई गई आपत्ति बिंदुओं पर किस तरह से आगे की प्रभावी कार्रवाई हो पाती है।
बहराल उत्तराखंड पुलिस के इतिहास में ऐसा पहली बार पाया गया है, जब पुलिस की वर्दी दागदार कर इस तरह से करोड़ों की लूट का मामला सामने आया हो। ऐसे में मुख्यालय स्तर के आला अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि इस अपराध की संवेदनशील और गंभीरता से जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपित पुलिस कर्मियों का बर्खास्त होना तय है।