केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर से मुक्तेश्वर स्थित खुरपका-मुँहपका निदेशालय को अन्यत्र स्थानांतरित न करने का किया अनुरोध

आकाश ज्ञान वाटिका, 29 नवम्बर 2022, मंगलवार, देहरादून। केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के अंतर्गत संचालित नैनीताल के मुक्तेश्वर स्थित खुरपका-मुँहपका निदेशालय को अन्यत्र स्थानांतरित न करने का अनुरोध किया है।
केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर से मुलाकात करते हुए अनुरोध किया है कि मुक्तेश्वर नैनीताल में खुरपका-मुँहपका की एक महत्वपूर्ण शोध इकाई ब्रिटिश काल से स्थापित है और कार्य कर रही है। अनेक बार यहाँ कार्यरत वैज्ञानिकों द्वारा उत्तराखंड के अनेक दूरस्थ स्थानों पर सूचना के अनुसार तत्काल भ्रमण कर इस गंभीर जानलेवा बीमारी को जानवरों में फैलने से रोका है।
केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा इस निदेशालय का संचालन किया जाता है, लेकिन उन्हें जानकारी मिली है कि अब इस इकाई को यहाँ बंद कर उड़ीसा स्थानांतरित किया जाने की योजना बनाई जा रही है। तथा यहाँ से अनेक महत्वपूर्ण शोध उपकरण भी उड़ीसा स्थानांतरित किए जा चुके हैं। जबकि यह शोध उपकरण विशेषता इसी शोध इकाई में शोध कार्य हेतु क्रय किए गए थे। उन्होंने कहा कि उड़ीसा में खुरपका मुंहपका शोध इकाई के अंतर्गत एक शोध शाखा के रूप में खोला गया था, किंतु धीरे-धीरे इसको कम किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री भट्ट ने कहा कि इस शोध इकाई में लगभग 50 से 60 अस्थाई कर्मचारी नौकरी कर अपने परिवार की आजीविका चला रहे हैं। इस तरह अकस्मात इकाई के स्थानांतरण होने से इन कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो जाएगा, साथ ही क्षेत्र के लगभग 100 से अधिक गाँवों के पशुपालकों को उत्तम चिकित्सा सुविधा से वंचित होना पड़ेगा लिहाजा।
केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया है कि जन भावनाओं के अनुरूप मुक्तेश्वर स्थित खुरपका-मुँहपका इकाई को अन्यत्र स्थानांतरित न करते हुए मुक्तेश्वर में ही पूर्व की भांति संचालित किया जाना बेहद आवश्यक है।
66 total views, 1 views today