उत्तराखंड में तीन नये कोरोना पॉजिटिव मरीज
आकाश ज्ञान वाटिका, 14 मई 2020, गुरुवार। तीन नये कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि होने के बाद अब राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 75 तक पहुँच गयी है। इन तीनों संक्रमितों में एक मरीज रायपुर, एक डालनवाला एवं एक मसूरी का रहने वाला है। जिसका अंदेशा था वही हो रहा है। बाहरी राज्यों से लौट रहे लोग अब उत्तराखंड में चुनौतियां का पहाड़ खड़ा कर रहे हैं। पिछले पांच दिन में एक जमाती समेत बाहरी राज्यों से आए नौ लोग कोरोना पॉजिटिव आए हैं। ग्रीन जोन उत्तरकाशी में तो कोरोना की दस्तक हुई ही, इस चुनौती से पार पा चुका अल्मोड़ा भी फिर बीमारी की जद में है।
यही नहीं, कोरोना से पार पाने की दिशा में आगे बढ़ रहे देहरादून के लिए भी मुसीबतें बढ़ गई हैं। इस बीच, देहरादून, नैनीताल व रानीखेत में कोरोना संक्रमण के तीन नए मामले आए हैं। राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या अब 74 हो गई है।
प्रदेश में 412 सैंपलों की ताजा जांच रिपोर्ट आई है, जिनमें 409 निगेटिव और तीन केस पॉजिटिव हैं। कोरोना संक्रमित पाई गई देहरादून के आदर्श कॉलोनी निवासी 52 वर्षीय महिला इलाज के लिए दिल्ली अपनी बेटी के पास गई थी। वहां गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल में उसका किडनी की पथरी का ऑपरेशन हुआ। पर लॉकडाउन के कारण वह वहीं फंस गई।
लॉकडाउन-3 में आवाजाही शुरू होने पर बेटा उन्हें लेने दिल्ली गया। तीन दिन पहले यह लोग कार बुक कर दून पहुंचे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आशारोड़ी चेकपोस्ट पर महिला का सैंपल लिया गया और उन्हें व उनके बेटे को होम क्वारंटाइन किया गया था। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मां-बेटे को एम्स ऋषिकेश में भर्ती किया गया है।
वहीं, कार चालक को भी दिल्ली में क्वारंटाइन कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यहां मां-बेटे के अलावा घर पर कोई नहीं था। उनकी बहू भी पिछले कुछ वक्त से मायके गई हुई है। महिला के कोरोना पॉजिटिव आने की सूचना दिल्ली आइडीएसपी को भी दे दी गई है।
उधर, रानीखेत में कोरोना पॉजिटिव पाया गया 27 वर्षीय युवक सोमवार को गुरुग्राम से लौटा था। स्यालदे ब्लॉक के बसेड़ी गांव निवासी यह व्यक्ति अपनी मां, पत्नी व दो बेटों के साथ आया था। सिर दर्द व उल्टी की शिकायत पर उसे रानीखेत नागरिक चिकित्सालय में आइसोलेट किया गया था। जबकि परिवार के अन्य लोग टीआरसी भिकियासैंण में आइसोलेशन में हैं। नैनीताल जिले में 32 वर्षीय एक जमाती कोरोना पॉजिटिव आया। वह आठ मई को महाराष्ट्र के अमरावती जिले से लौटा था। तब से वह बनभूलपुरा में संस्थागत क्वारंटाइन था।
301 लोगों के सैंपल और लिए गए
प्रदेशभर में 301 और सैंपल जांच के लिए लिए गए हैं। सबसे अधिक 81 सैंपल देहरादून से हैं। जबकि ऊधमसिंहनगर से 46, नैनीताल से 44, हरिद्वार से 35, पिथौरागढ़ से 23, रुद्रप्रयाग से दस, उत्तरकाशी से सात और टिहरी से पांच सैंपल जांच को भेजे गए हैं। वहीं निजी लैब में भी 50 सैंपल की जांच होनी है।
रैंडम सैंपलिंग से सीमा पर ही पकड़ा
दिल्ली से इलाज कराकर लौटी जिस महिला में कोरोना की पुष्टि हुई है, उसका सैंपल आशारोड़ी चेकपोस्ट पर ही ले लिया गया था। अगर रैंडम सैंपलिंग का इंतजाम नहीं किया जाता तो महिला मेडिकल ग्राउंड पर बिना अधिक पूछताछ के आराम से घर चली जाती। कई दिन बाद जब लक्षण सामने आते, तब जाकर एहतियाती कदम उठाए जाते। ऐसे में दून में एक और हॉटस्पॉट भी बढ़ जाता।
डीएम डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि बाहर से जो भी व्यक्ति दून में प्रवेश कर रहे हैं, उनकी थर्मल स्क्रीनिंग कराई जा रही है। ब्लड प्रेशर की भी जांच की जा रही है। जो लोग दिल्ली, महाराष्ट्र या अन्य संवेदनशील क्षेत्रों से आ रहे हैं, उन्हीं की अधिक सैंपलिंग कराई जा रही है। महिला का जब सैंपल लिया गया तो उन्हें चिकित्सीय निगरानी में होम क्वारंटाइन करा दिया गया।
दून में कंटेनमेंट जोन पर संवेदनशीलता अधिक
केंद्रीय गाइडलाइन में एक जगह छह या इससे अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने पर किसी इलाके को हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित कर कंटेनमेंट जोन (नियंत्रण क्षेत्र) घोषित कर दिया जाता है। ऐसे क्षेत्रों को सील कर दिया जाता है।
दून में एक या दो मामले सामने आने पर ही जिलाधिकारी ने एक-एक कर 11 कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिए थे। अब दून में पांच ही कंटेनमेंट जोन (तीन ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र) शेष रह गए हैं।
अल्मोड़ा 37 दिन बाद फिर आया कोरोना की जद में
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अल्मोड़ा 37 दिन बाद फिर इस बीमारी की जद में आ गया है। पूर्व में यहां बस एक जमाती कोरोना संक्रमित आया था, जो ठीक भी हो चुका है। अल्मोड़ा के कोरोना मुक्त होने पर न केवल स्थानीय प्रशासन, बल्कि सरकार ने भी राहत की सांस ली थी। पर गुरुग्राम से रानीखेत लौटे व्यक्ति में कोरोना की पुष्टि होने के बाद अब फिर नया मोर्चा खुल गया है। अच्छी बात यह रही कि मरीज व उसके परिवार को घर पहुंचने से पहले ही आइसोलेट कर दिया गया था।
बता दें, बीती छह अप्रैल को रानीखेत में पूर्णिया बिहार निवासी एक जमाती कोरोना संक्रमित पाया गया था। 19 मार्च को उसे क्वारंटाइन किया गया था। कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उसका बेस अस्पताल अल्मोड़ा में इलाज चला। जमाती के निवास स्थान कुरेशियान मोहल्ला सहित इससे लगे सुदामापुरी और लोअर खड़ी बाजार को भी सील करना पड़ा था।
जमाती के अन्य तीन साथियों का भी टेस्ट कराया गया, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। इस एक मरीज के ठीक होने के बाद अल्मोड़ा में कोरोना का कोई और मामला नहीं आया था। पर लॉकडाउन-3 में उत्तराखंड लौट रहे सैकड़ों प्रवासियों ने जिस कदर चुनौतियां बढ़ाई हैं, उससे अल्मोड़ा भी अछूता नहीं रह सका।
37 दिन की लंबी अवधि के बाद यहां फिर कोरोना की दस्तक हो गई है। यही नहीं, इस मामले ने प्रदेश के अन्य पर्वतीय जिलों की भी चिंता बढ़ा दी है। इससे पहले ग्रीन जोन उत्तरकाशी में भी एक प्रवासी कोरोना संक्रमित आ चुका है।
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